भारत का राष्ट्रीय पक्षी है मोर।
इसको देखकर सभी जन होते विभोर।।
नर पक्षियों में सबसे सुंदर पक्षी है कहलाता।
संस्कृत में मयूर अथवा नीलकंठ है कहलाता।।
नीली गर्दन वाला यह पंखा कार सुंदर पक्षी है कहलाता।
भारत में अतुलनीय प्रतिष्ठा और सम्मान है यह पाता।।
मोरनियों संग बड़ी ही शान से नृत्य है करता।
अपनें पंखों को फैला कर खुशी जाहिर है करता।।
वर्षा ऋतु के स्वागत हेतू मोर पंख फैला फैला कर झूमता नाचता है।
काले काले मेघों को देखकर आत्म विभोर होकर मुस्कुराता है।।
मोर वर्ष में एक बार अपनी पूंछ के सारे पंख है गिराते।
उनकी जगह फिर से नए पंख आने पर मस्ती से है झूम जाते ।।
वनस्पति के दाने, सांप ,और कीडें मकौडों को खा कर खुशी है जताता।
टमाटर अमरुद केला अफीम की फसल के कोमल अंकूर हरी और लाल मिर्च भी है खाता।
राजसी चालबाज के कारण यह अभिमानी कहलाता।।
सुन्दर सुन्दर कलगी को देख कर अपनें पंखों पर है इतराता।
जो सम्मान गौ माता को है दिया जाता।
वही सम्मान मोर भी है पाता।।
भव्य पंखों वाली पूंछ के कारण है शान दिखाता।
छोटी पूंछ वाली कह कर है उसे खूब चिढाता।।
भगवान श्री कृष्ण के मुकुट की शोभा और देवताओं के स्वामी कार्तिकेय का भी वाहन कहलाता।
उनकी छवि देख कर सुध-बुध है विसराता।।