राम कथा जीवन आधारा।
सुमरित श्रवण कर जग से तारा।।
राम सिया राम ,सिया राम जै जै राम।
सुखी वहीं जो राम गुण गाएं।
प्रभु प्रसाद वहीं जन पाएं।।
राम सिया राम सिया राम जै जै राम।।
राम सिया राम, सिया राम , जै जै राम।।
भृकुटि विशाल,नयन चकोरा।
चारू कपोल,चंचल चितचोरा।।
राम सिया राम,सिया राम जै जै राम।।
स्नेह सुधा बरसानें वाले।
मोह मद अहंकार मिटाने वाले।
राम सिया राम सिया राम जै जै राम।
बिना सत्संग ज्ञान नहीं पावें
वो तो मूढ़ मति ही रह जावे।।
राम सिया राम, सिया राम जै जै राम।।
राम सिया राम ,सिया राम जै जै राम।
हरि अनन्त कथा अनन्ता।
प्रिय पालक परलोक के सन्ता।।
राम सिया राम ,सिया राम जै जै राम।।
एक अनीह सर्वत्र व्यापक भगवान।
जग हित हेतू कृपा करुं समाना।।
राम सिया राम सिया राम जै जै राम।
हरहूं क्लेश दुःख कलुषित विचारा।
देहूं विमल मति विवेक की धारा।।
राम सिया राम सिया राम जै जै राम।।
काम कोटि छवि श्याम शरीरा।
शील गुण सम्पन्न रघुवीरा।।
राम सिया राम सिया राम जै जै राम।।
आन्नद स्नेह सुख की राशि।
सुख के धाम अवध के वासी।।
राम सिया राम,सिया राम जै जै राम।।
मन क्रम वचन ध्यान से जो कथा सुनें सुनाए।
वहीं सकल सर्व सम्पत्ति पा जाए।।
राम सिया राम सिया राम जै जै राम।।
वृथा जन्म ताकों जग माहिं।
जो राम कथा से विमुख होई जाहिं।।
राम सिया राम सिया राम जै जै राम।।