सादा जीवन ,सादा भोजन ,उच्च विचार यही तो है मनुष्य की श्रेष्ठता का आधार ।
यही कहावत व्यक्ति के स्वास्थ्य जीवन जीने का “मूल यथार्थ”।
धन गया,कुछ नहीं गया, चरित्र गया कुछ गया।
यदि स्वास्थ्य गया तो सब कुछ गया।।
तंदुरुस्ती हजार नियामत।
यही तो है जीवन को रखता है सलामत।।
पृथ्वी,जल,अग्नि, वायु और तेज इस से शरीर बना सुडौल।
योगमय जीवन से और भी बनता है बेजोड़।।
कंद मूल फल हरी सब्जियां दूध दही सलाद हर रोज खाओगे,
व्यक्तित्व में सकारात्मकता के भाव को जगाओगे।
चेहरे पर सुन्दरता कि झलक हरदम ही पाओगे।।
जीवन में हमेशा मुस्कूराहट के फूल खिला कर सभी को हर्षाओगे।।
“पौष्टिक आहार जीवन का वरदान।
निरोगी काया जीवन का अभयदान।।
अच्छा स्वास्थ्य मानव जीवन का महा वरदान।।
बुद्धि बल निर्भीकता और प्रसन्नता सकारात्मकता जीवन के सुखद परिणाम।
सूखा बासी, जूठा आहार तामसिक प्रवृत्ति के हैं दुष्परिणाम।।
मसालेदार तेल व्यंजन मिठाईयां है तामसिक आहार।
मोटापे और चर्बी के हैं कर्णधार।
आलस्य, अवसाद और सुस्ती के है सुत्र धार।।
थोड़ा खा कर,चबा चबा कर पौष्टिक भोजन को खानें का नियम बनाओ,
व्यायाम और योगा कि दैनिक चर्या को अपनी जिन्दगी का हिस्सा बनाओ।
घूंट घूंट कर के गुनगुनें पानी को पीओगे तो,
बढ़ी चर्बी को कम कर , स्वास्थ्य लाभ पाओगे।।
प्रोटीन,वसा, विटामिन,खनिज,उर्जा से भरपूर खाने को अपने भोजन का हिस्सा बनाओ।
निश्चित मात्रा में खा कर ,अपने जीवन में तंदुरुस्ती लाओ।
बिमारियों से लड़ने कि प्रतिरोधक क्षमता पाओ।
अपनें चेहरे को सुन्दर और शरीर को सुडौल बनाओ।
आवश्यकता से अधिक खाना बच्चों अगर तुम खाओगे।
बिमार हो कर मृत्यु कि कगार तक पहुंच जाओगे।
नमक,तेल,चीनी कि मात्रा को कम खाओगे।
खानें में फाइबर युक्त भोजन और सलाद को ज्यादा से ज्यादा खाओगे,
जीवन में बिमारी को अपनें पास से दूर भगाओगे।
चुस्ती,फुर्ती और तंदुरुस्ती है जीवन के सोपान
आलस्य, अवसाद,और सुस्ती हैं नर्क के सामान।।
पिज्जा बर्गर और नमकीन ये देतें है बिमारी को निमंत्रण
घर का ताजा और पौष्टिक भोजन है रखतें हैं बिमारी पे नियन्त्रण।।
ज्यादा गर्म , ज्यादा ठंडा और तला भोजन घर कि बर्बादी का कारण
व्यक्ति कि सेहत को खराब करनें का उपकरण।