(ऐ भारत मां तुझे सलाम)

ए भारत मां हमनें  तेरी धरा पे जन्म लेकर भारतीय होने का गौरव पाया है।

तेरे आंचल में सिर रखकर अपना जीवन  न्योछावर करनें का  संकल्प  दोहराया है।।

तूने ही तो हर भारतीय के उमंग और हौसले को बढ़ाया है।

सारे जहां की खुशियां देकर अपना सर्वस्व हम पर लुटाया है।

कभी धूप, आंधी तूफानों में कभी ना डगमगाने का साहस हम पर  जुटाया है।।

तेरा सहारा मिल गया है हम-को।

तेरे कदमों के हर आहट का इशारा मिल गया है हम-को।।

तू भी तो अपनी वेदना दर्द मत छुपा।

जहां को सच्चा आइना दिखा।।

तुझ पर जान कुर्बान कर भी दूं तो कोई गम नहीं मुझ को।

तेरी छत्र छाया में रह कर अपना सारा जीवन अर्पण करनें की सौगात दूं तुझ को।।

तेरे चरणों की रज लेकर हंसते हंसते अपने देश के लिए कुर्बान हो जाऊं।

लाखों-करोड़ों भारतीय वीरों की कुर्बानी को मैं कैसे भूल पाऊं।।

अपने देश की छवि पर आंच आए ए कैसे मैं सहन कर पाऊं।

देश के साथ गद्दाारी करनें वाले के नाकों चने चबाऊं।।

भारत मां मुझे फक्र है तुम पर,

तुमने भी तो सैंकड़ों जख्म खा कर हर एक भारतीय को अपनी पलकों पे बिठाया है।

फूलों का बिस्तर बिछा कर उन्हें अपने आंचल का सहारा दे कर उन्हें फूलों की सेज पे सुलाया है।।

ए मातृ भूमि तुझे शतशत नमन।

तुझे कोटि कोटि  वंदन।।