नदी के एक और छोटी सी पहाड़ी पर बहुत सी चींटियों का झुंड रहता था। वे सभी चीटियां झुड में रहकर खाना ढूंढने जाती थी ।बहुत समय तक वर्षा नहीं हुई ।चिंटीयों को बाहर खाना प्राप्त करने में कठिनाई हो रही थी। एक छोटी सी जीव और उस पर तपती दुपहरी धूप, खाना जुटाना उन… Continue reading एकता का फल
Author: Meena
तिरंगा
झंडा ऊंचा रहे हमारा। इसके आगे सर्वदा नतमस्तक हो हमारा।। विश्व विजयी तिरंगा प्यारा। हो जैसे भारत माता की आंख का तारा।। इस पर गर्व से मर मिटनें का संकल्प हो हमारा। इसकी आन बान शान के लिए समर्पित हो जीवन हमारा।। झंडा ऊंचा रहे हमारा। इसके आगे नतमस्तक हो हमारा।। स्वतंत्रता संघर्ष का इतिहास… Continue reading तिरंगा
बरसो बादल
घुमड़ घुमड़ कर बरसो बादल ।गरज गरज कर गरजो बादल।।रिमझिम रिमझिम वर्षा कर।झमझम झमझम बरसो बादल।। कड़क कड़क कर कड़को बादल।घुमड़ घुमड़ कर बरसो बादल।।हमारे सुखचैन और उल्लास के लिए जमकर बरसो बादल।बिजली की घोर गर्जना कर ।शंख रुपी नाद के समान बिगुल बजा कर बरसो बादल।।नए नए पौधों के अंकुर तुम्हें हम पुकार… Continue reading बरसो बादल
उल्टा पुल्टा
11/4/20 टप्पू बहुत ही बुद्धिमान बच्चा था। अपनी कक्षा में हमेशा अव्वल आता था। वह बहुत ही जिद्दी और शरारती भी था। उसके माता-पिता उसे समझाने की बहुत कोशिश करते बेटा ज़िद नहीं करते मगर वह अपने माता-पिता की बातों पर ज़रा भी गौर नहीं करता था और अपने माता-पिता को बहुत ही परेशान करता… Continue reading उल्टा पुल्टा
नारी
मातृ शक्ति का रूप हूं । घर की लक्ष्मी का स्वरूप हूं ।। अपने परिवार की खुशियों का ताज हूं। घर के आंगन की लाज हूं ।। बच्चों के लाड़ प्यार स्नेह और दुलार का जीता जागता स्मारक हूं । उनके अपनत्व के स्पर्श की एक इबारत हूं।। घर में और कार्यालय में दोनों जगह… Continue reading नारी
धन्यवाद
मिन्नी का जन्मदिन
मिन्नी स्कूल से घर लौट कर कर हर रोज़ की तरह अपनी सहेलीयों के साथ खेलनें के लिए निकल जाती थी। सभी अपने अपने भाइयों की तारीफ करते नहीं थकती थीं। वे आपस में एक दिन कहने लगी कि राखी का त्यौहार नज़दीक आ रहा है । कोई कहती थी मैं तो अपने भाई के… Continue reading मिन्नी का जन्मदिन
जीवन में नेक काम करना सीखो
नदियों के पानी का सम्मान करना सीखो। अपने जीवन में नेक काम करना सीखो।। धरती मां वसुंधरा का सम्मान करना सीखो। प्रकृति से जुड़कर नेक काम करना सीखो।। अपने आसपास प्रदूषित वातावरण मत पनपाओ। अपने अराध्य को प्रसन्न करने वालों, नदी में कूड़ा करकट जहरीला पैदार्थ मत फैलाओ।। धरती मां की छाती को भेद कर,… Continue reading जीवन में नेक काम करना सीखो
नन्हें मुन्नों तुम भी जागो
सुबह हो गई तुम भी जागो। नन्हे-मुन्ने तुम भी जीवन की भागदौड में आगे ही आग भागोे।। चिड़िया भी चहचहा रही है । अपनी चहचाहट से मधुर संगीत सुना रही है। धूप भी चमक कर अपनी छटा को लुभा रही है।। चांद और तारे भी छुप गए हैं। धरती माता की आगोश में समा गए… Continue reading नन्हें मुन्नों तुम भी जागो
स्वामी विवेकानंद
12 जनवरी 1863ई, पौष कृष्णा सप्तमी मकर सक्रांति के दिन सुबह 6 बज कर 33 मिन्ट 33 सेकंड पर नरेंद्र नाथ जी का जन्म हुआ । वे विश्वनाथ दत्त और भुवनेश्वरी देवी की छटी सन्तान थे।उनकी माता को विश्वास था कि काशी के वीरेश्वर शिव की कृपा से उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई ,इसलिए उन्होंने… Continue reading स्वामी विवेकानंद