नन्हें मुन्नों तुम भी जागो

सुबह हो गई तुम भी जागो।

नन्हे-मुन्ने तुम भी जीवन की भागदौड  में आगे ही आग भागोे।।

चिड़िया भी चहचहा  रही है ।

अपनी चहचाहट से मधुर संगीत सुना रही है।

धूप भी चमक कर अपनी छटा को लुभा रही है।।

चांद और तारे भी छुप गए हैं।

धरती माता की आगोश में समा गए हैं ।।

नन्हे-मुन्ने तुम भी जागो।

जिंदगी की भाग दौड़ से निकल  कर तुम भी आगे ही आगे भागों।।

सुबह की बेला का  उत्सव मनाओ।

प्रातः कालीन भ्रमण का आनंद उठाओ ।।

सुबह का समय सो कर मत गंवाओ।

अपने बड़ों का आशीर्वाद पाकर हर काम समय पर करके दिखाओ ।।

समय पर जागो समय पर खाओ ।

दैनिक क्रिया निपटा कर आगे ही आगे बढ़ते जाओ।।

आलस्य को कभी भी न  अपनाओ।

परिश्रम को अपना हथियार बनाओ।।

नन्हें मुन्नों तुम तो हर मुकाम हासिल कर सकते हो।

सुर्योदय से पहले उठ कर निश्चित ही सफलता  हासिल कर सकते हो।।

5 thoughts on “नन्हें मुन्नों तुम भी जागो”

  1. Hi there! Someone in my Myspace group shared this website
    with us so I came to give it a look. I’m definitely
    enjoying the information. I’m bookmarking and will be tweeting this to
    my followers! Wonderful blog and superb style and design.

Leave a Reply

Your email address will not be published.