मिट्टी का माधो बनकर तू एक दिन रह जाएगा। बुराइयों के दलदल में पड़ कर बचाखुचा समय यूं व्यर्थ गंवाएगा।। मानव जीवन है अनमोल। सच्चाई से बढ़कर नहीं है इसका तोल।। झूठ के बल पर तू कब तक मुकाम हासिल कर पाएगा?। जिंदगी में सदा अकेला होकर फिर तू पछताएगा । जीवन में जिन को… Continue reading परमार्थ
Author: Meena
मधुर वचन
कुटिल वचन न बोलिए, जो सब का मन दुखाए। मीठे वचन अति लुभावने। जो सब को सुहाए।। गोविन्द गोविन्द रटते रहो,जब तक मुंह में जुबान। भवसागर से तर जाएगा जब निकलेंगें प्राण।। माया है सब से बुरी,इससे हमेशा रखो दुरी। प्यार,ममता,स्नेह और विश्वास से प्रभु की पकड़े रखो डोरी।। विवेक से उत्पन्न होए प्रेम की… Continue reading मधुर वचन
रानी कम्प्यूटर और माऊस
रानी ने कम्प्यूटर चलाने के लिए पावर का बटन दबाया।बटन क्लिक कर के अपने दोस्तों को दिखलाया।।बार बार कोशिश करने पर भी सफल न हो पाई।अपने दोस्तों के सामने विफल हो कर पछताई।। रानी माऊस को उल्ट पुल्ट कर घुमाने लगी।उस पर अपनी भड़ास निकाल कर झल्लानें लगी।। हार कर बोली तुम मुझ से क्यों… Continue reading रानी कम्प्यूटर और माऊस
क्षमादान
राजू एक बहुत ही शरारती बच्चा था। वह हमेशा शरारती करने में माहिर था कहीं भी कुछ भी देखता वहां पर तोड़फोड़ करना उसकी आदत बन गया था। रास्ते में चलते हुए कभी पक्षियों पर पत्थर फेंकता, कभी रास्ते में से जो भी ग्रामीण गुजरता या औरतें चलती हुई नजर आती उनकी मटकी फोड़ देता… Continue reading क्षमादान
होनहार रामू
बहुत समय पहले की बात है कि एक जुलाहा था। वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ खुशी-खुशी समय व्यतीत कर रहा था। जुलाहा सूत कात कात कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था। एक दिन जुलाहे का हाथ सूत कातने वाली मशीन में फंस गया। डॉक्टरों ने कहा कि उसके… Continue reading होनहार रामू
“हे नारी!तुझे शत शत नमन”
सुसभ्य संस्कृति कि नव चेतना का आधार जननी कर्मधात्री, पवित्रता स्वरुपिणी, वात्सलयमयी,ममता का आधार जननी।। सर्वस्व न्योछावर करने वाली, तन मन धन समर्पित करनें वाली।। अपनें हुनर से घर को साज संवारने में निपुणता लानें वाली। अपनी सूझबूझ के दम पर परिवार पर जान छिड़कनें वाली ।। त्याग,तप और सौम्यता कि मूर्ति बन अपनें परिवार… Continue reading “हे नारी!तुझे शत शत नमन”
“दूध का दूध पानी का पानी”
राम प्रसाद नें अपनी तीनों बेटियों की शादी की एक ही शहर में की थी ताकि तीनों वक्त पड़ने पर एक दूसरे के काम आ सके ।उनके पिता नें मरते वक्त अपनी बेटीयों को शिक्षा दी थी कि हर हाल में एक दूसरे की सहायता करनी है। वह अपनी बच्चीयों को खुश देख कर बहुत… Continue reading “दूध का दूध पानी का पानी”
शिक्षा का महत्व भाग 3
ज्ञान तो है अनमोल खजाना। उपलब्धियों का भंडार सुहाना।। ज्ञान से बढ़ कर नहीं कोई सानी। इसकि कीमत न किस नें जानी।। ज्ञान तो है अनमोल। इसकी कीमत बेजोड़।। हीरे मोती से ज्यादा कीमती है ज्ञान। इसको अर्जित कर व्यक्ति बनता है महान।। विद्या है व्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ सम्मान। चोर भी चुरा कर नहीं कर… Continue reading शिक्षा का महत्व भाग 3
स्वास्थ्य का मूल आधार
सादा जीवन ,सादा भोजन ,उच्च विचार यही तो है मनुष्य की श्रेष्ठता का आधार । यही कहावत व्यक्ति के स्वास्थ्य जीवन जीने का "मूल यथार्थ"। धन गया,कुछ नहीं गया, चरित्र गया कुछ गया। यदि स्वास्थ्य गया तो सब कुछ गया।। तंदुरुस्ती हजार नियामत। यही तो है जीवन को रखता है सलामत।। पृथ्वी,जल,अग्नि, वायु और… Continue reading स्वास्थ्य का मूल आधार
अंधविश्वास
एक छोटे से गांव में पारो और उसका पति नत्थू रहता था। उनके एक बेटी थी रानी ।रानी को उसके माता पिता बहुत ही प्यार करते थे। वे उसे पढ़ाना चाहते थे ताकि वह पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ा हो सके लेकिन रानी इतने लाड प्यार में पली थी कि वह बात बात पर… Continue reading अंधविश्वास