जग में ऊंचा नाम करो

काम ऐसे करो कि जग में ऊंचा नाम हो। हर एक शख्स के लव पर एक तुम्हारा ही नाम हो।। मायूसियों में भी आशा कि किरणों का दामन थाम लो। खुशी से गले लगा कर उसका माथा चूम लो।। आत्मविश्वास और उत्साह जगाकर नेक काम करनें का संकल्प ठान लो। देश के काम आ सको… Continue reading जग में ऊंचा नाम करो

जिन्दगी की परख (कविता

एक दूसरे की बातें बना कर इधर उधर समय गंवाते हम। शायद यह बात सभी को समझा पाते हम।। अपने आप की कमियों को नहीं तलाशते। दूसरे में बुराईयां खोजते फिरते हम। अपनी कमियों से सीख ले कर दूसरों को भी समझा पाते हम।। उपदेश तो सभी को देते फिरते। अपने आप अमल करनें से… Continue reading जिन्दगी की परख (कविता

दोस्ती की मिसाल (कविता ))30/9/2018

मेरे दोस्त मुन्नू तुम इधर तो आओ, इधर तो आओ।। कुछ मेरी सुनो, कुछ अपनी सुनाओ। मेरी खुशी में चार चांद तो लगाओ। चारचांद तो लगाओ। कुछ अपनी कहो, कुछ मेरी सुनो। तुम क्यों हो मुझ से खफा खफा हो कर गाल फैलाए बैठ हो।? चेहरे पे झूठ का नकाब क्यों लिए बैठे हो? तुम्हें… Continue reading दोस्ती की मिसाल (कविता ))30/9/2018

(इतनी शक्ति मुझको को देना दाता)

इतनी शक्ति मुझको देना दाता। जग में काम सब के आ सकूं मैं। चेहरे पर सब के खुशी का नूर ला सकूं मैं। मन में सभी के घर कर के खुशी की उमंग जगा सकूं मै। हर रोते बिलखते चेहरों से। उदासी की परत को हटा सकूं मैं। हंसी की मुस्कान बन कर। सभी के… Continue reading (इतनी शक्ति मुझको को देना दाता)

हमारा भारत देश

27/9/2018 हमारा देश प्यारा प्यारा, सारे जग से न्यारा। इस धरती पर जन्म ले कर हमने, अपना जीवन संवारा।। हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते हैं। एक जुट होकर सभी मिलजुल कर, हर उत्सव त्योहार खुशी खुशी मनाते हैं। बैर भावना को मिटा कर सभी शांति और अमन का संदेश… Continue reading हमारा भारत देश

मेरी रानी बिल्ली

मेरी रानी बडी़ ही सयानी जैसे हो वह घर की महारानी। रंगइसका श्वेत और मखमल जैसा। बिल्कुल मक्खन की टिकिया जैसा। रानी सुनकर दौड़ लगाकर मेरे पास आती है। अपनी नीली और चमकदार आंखों से सब के मन को लुभाती है। दूध रोटी और बिस्किट चबा चबा कर खा जाती है। कभी कभी चूहों को… Continue reading मेरी रानी बिल्ली

अनोखी गिनती

एक दो तीन चार। गाय की टांगें चार पांच छः, सात आठ। मकडी की टांगे आठ।   नो दस ग्यारह बारह। एक दर्जन में होतें हैं बारह। तेरह चौदह, पन्द्रह सोलह। आठ दूनी होतें हैं सोलह।   सतराह, अठारह, उन्नीस बीस। हमारे हाथ पांव की ऊंगलियां बीस। इक्कीस बाक्स, तेईस चौबीस। हमारे राष्ट्रीय झंडे में… Continue reading अनोखी गिनती

स्वच्छता का संकल्प

मेरे प्यारे बच्चों तुम इधर तो आओ। आने में तुम यूं ना देर लगाओ। नाना-नानी चाचा-चाची ताया ताई, सभी को बुलाओ सभी को बुलाओ। आने में यूं ना तुम देर लगाओ। अपनें वातावरण को साफ रखनें का तुम्हे देते हैं आज यह मूल मंत्र। यही है तुम्हारे जीवन का तंत्र। इसको तुम सभी अपने जीवन… Continue reading स्वच्छता का संकल्प

पेड़ (वृक्ष)

पेड़ हमारे जीवन दाता। हमारा इनसे सदियों का नाता। यह है हमारे जीवन का आधार। इनके बिना जिंदगी है निराधार। पेड़ है धरती की जान। इसकी हिफाजत करना है हमारी शान। पेड़ों को काटना है पाप। नहीं तो जिंदगी भर भुगतना पड़ेगा श्राप। पेड़ लगाओ पेड़ लगाओ।पेड़ लगा कर इस पावन धरा को और भी… Continue reading पेड़ (वृक्ष)

बचपन की यादें

हरी हरी वादियों से मैं यूं ही चला जा रहा था।चला जा रहा था। झूमते गाते, झूमते गाते, यूं ही चला  जा रहा था। मुंह में बस यही एक  धुन गुनगुनाता जा रहा था। गुनगुनाता जा रहा था। हरी हरी वादियों से, मैं यूं ही चला जा रहा था। हरीहरी वादियों से, मैं यूं ही… Continue reading बचपन की यादें