स्नेह का बंधन

जंगल में एक वृक्ष की शाखा पर कबूतर कबूतरी का जोड़ा था रहता साथ में मधुमक्खियों का झुंड भी था इकट्ठा रहता।। हर रोज कबूतर दाना चुगनें था जाता । थक हार कर घर वापस था आता। कबूतर था बेचारा भोला भाला वह तो था उसका सच्चा दिलवाला।। कुछ समय बाद कबूतर कबूतरी ने घौंसले… Continue reading स्नेह का बंधन

‘कहानी की गुल्लक आई,

कहानी की गुल्लक आई ,कहानी की गुल्लक आई। नई नई कहानियां और मनमोहक कविताएं भी लाई।। गुल्लक में छिपा है ज्ञान का बड़ा ही खजाना। इस का उद्देश्य है सभी का मनोरंजन करवाना।। यह ज्ञान हमारा है बढ़ाती । हमारा मार्गदर्शन कर सकारात्मक सोच है जगाती।। जिसकी हर एक सीख है सुहावनी और कहानियां भी… Continue reading ‘कहानी की गुल्लक आई,

तिरंगा

झंडा ऊंचा रहे हमारा। इसके आगे सर्वदा नतमस्तक हो हमारा।। विश्व विजयी तिरंगा प्यारा। हो जैसे भारत माता की आंख का तारा।। इस पर गर्व से मर मिटनें का संकल्प हो हमारा। इसकी आन बान शान के लिए समर्पित हो जीवन हमारा।। झंडा ऊंचा रहे हमारा। इसके आगे नतमस्तक हो हमारा।। स्वतंत्रता संघर्ष का इतिहास… Continue reading तिरंगा

बरसो बादल

  घुमड़ घुमड़ कर बरसो बादल ।गरज गरज कर गरजो बादल।।रिमझिम रिमझिम वर्षा कर।झमझम झमझम बरसो बादल।। कड़क कड़क कर कड़को बादल।घुमड़ घुमड़ कर बरसो बादल।।हमारे सुखचैन और उल्लास के लिए जमकर बरसो बादल।बिजली की घोर गर्जना कर ।शंख रुपी नाद के समान बिगुल बजा कर बरसो बादल।।नए नए पौधों के अंकुर तुम्हें हम पुकार… Continue reading बरसो बादल

नारी

मातृ शक्ति का रूप हूं । घर की लक्ष्मी का स्वरूप हूं ।। अपने परिवार की खुशियों का ताज हूं। घर के आंगन की लाज हूं ।। बच्चों के लाड़ प्यार स्नेह और दुलार का जीता जागता स्मारक हूं । उनके अपनत्व के स्पर्श की एक इबारत हूं।। घर में और कार्यालय में दोनों जगह… Continue reading नारी

जीवन में नेक काम करना सीखो

नदियों के पानी का सम्मान करना सीखो। अपने जीवन में नेक  काम करना सीखो।। धरती मां वसुंधरा का सम्मान करना सीखो। प्रकृति से जुड़कर नेक काम करना सीखो।। अपने आसपास प्रदूषित वातावरण मत पनपाओ। अपने अराध्य को प्रसन्न करने वालों, नदी में कूड़ा करकट जहरीला पैदार्थ मत फैलाओ।। धरती मां की छाती को भेद  कर,… Continue reading जीवन में नेक काम करना सीखो

नन्हें मुन्नों तुम भी जागो

सुबह हो गई तुम भी जागो। नन्हे-मुन्ने तुम भी जीवन की भागदौड  में आगे ही आग भागोे।। चिड़िया भी चहचहा  रही है । अपनी चहचाहट से मधुर संगीत सुना रही है। धूप भी चमक कर अपनी छटा को लुभा रही है।। चांद और तारे भी छुप गए हैं। धरती माता की आगोश में समा गए… Continue reading नन्हें मुन्नों तुम भी जागो

ज़िन्दगी की परख

एक दूसरे की बातें बना कर इधर उधर समय गंवाते हम। शायद यह बात सभी को समझा पाते हम।। अपने आप की कमियों को नहीं तलाशते। दूसरे में बुराईयां खोजते फिरते हम। अपनी कमियों से सीख ले कर दूसरों को भी समझा पाते हम।। उपदेश तो सभी को देते फिरते। अपने आप अमल करनें से… Continue reading ज़िन्दगी की परख

रानी को क्रिसमस का उपहार

क्रिसमस का त्योहार आया। बच्चों में खुशी की रौनक लाया ।। सभी बच्चों के चेहरे खिल खिला उठे बच्चे सांता क्लॉज़ से मिलने को तिल मिला उठे ।। इस  साल भी सांता क्लॉज आएंगें। क्रिसमस पर बच्चा बनकर बच्चों के संग मुस्कुराएंगे ।। बच्चों में खिलौने और मिठाइयां देकर एक दूसरे को देंगे बधाई ।… Continue reading रानी को क्रिसमस का उपहार

नन्हें सिपाही कविता

हम बच्चे हैं प्यारे, दुशमन से ना हारे। आज नहीं तो कल परसों पाएंगे मंजिल सारे।। हम इस उपवन के हैं नन्हे नन्हे वीर। इस धरा की है आने वाली तकदीर।। अपने हाथों की लकीरें खुद लिख कर लाए हैं। हम इस भारत के भाग्य विधाता बन कर आए हैं।। हम बच्चे हैं प्यारे,  दुशमन… Continue reading नन्हें सिपाही कविता