प्रकृति से प्यार करना सीखो।

प्रकृति ने ही हमें कण कण में परोपकार करना सिखाया।उस की गोद में खेल खेल कर हम सब नें अपना बचपन बिताया।अपनें बचपन के क्षणों का अद्भुत आनन्द उठाया।।प्रकृति कि खुबसुरती को निहार मंत्र मुग्ध हो जाऊं।।पौधों को खिलता देख कर के मैं शुद्ध वातावरण में रम जाऊं।प्रकृति से जुड़ी हर चीज से जीवन में… Continue reading प्रकृति से प्यार करना सीखो।

हृदय परिवर्तन

राहुल का रिपोर्ट कार्ड देख कर आयुक्ता चौंक कर पीछे हट गई।उसका बेटा चार विषयों में फेल था।ऐसा नहीं था कि राहुल पढ़नें में होशियार नहीं था।उसे समझ तो सब कछ आता था मगर वह पढ़ा हुआ याद नहीं करता था।उसके घर का माहौल ठीक नहीं था।मां आयुक्ता को पार्टी और क्लबों से ही फुर्सत… Continue reading हृदय परिवर्तन

अनमोल खजाना

एक छोटा सा कस्बा था ,जहां की आबादी ज्यादा नहीं थी ।उस कस्बे में दो दोस्त रहते थे। रामू और श्यामू। रामू अपने दोस्त शाम को बहुत ही प्यार करता था ।उन दोनों के घर पास पास ही थे।रामू जब भी कुछ काम धंधा करता श्याम को बता दिया करता था। रामू की कपड़े की… Continue reading अनमोल खजाना

खोटा सिक्का

गट्टू एक गरीब लड़का था। उसकी मां एक झोपड़ी में रहती थी। गट्टू जब भी स्कूल से घर आता तो रास्ते में मस्ती करते करते घर पहुंचता था । उसके सारे दोस्त घर पहुंच जाते मगर वह तो मानोअपनी ही धुन में चलता हुआ इधर-उधर नजाराे़ को देखता हुआ रास्ते में कंचे खेलने लग जाता… Continue reading खोटा सिक्का

अम्बे मां

अम्बे मैया तुझे प्रणाम, तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम।स्नेह सुधा बरसाने वाली,सभी जनों के कष्ट मिटानी वाली।जीवन को समृद्ध बनाने वाली,तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम।। भक्ति भाव का आवेश जगानें वाली,अपनी दया-दृष्टि से सुख समृद्धि शांति बरसाने वाली।।काम क्रोध,लोभ, अहंकार को मिटानें वाली।।पूर्व पापों से छुटकारा दिलानें वाली।अम्बे मैया तुझे प्रणाम ,तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम।।अपनी ममता सभी जनों पर एक… Continue reading अम्बे मां

प्रौढ़ व्यक्तियों के जीवन को खुशहाल बनाएं

आओ साक्षारता अभियान को सफल कर प्रौढ़ व्यक्तियों के जीवन में एक नया उत्साह जगाएं।शिक्षा के प्रति रुचि जागृत कर, उन में प्रकाश का दीपक जलाएं।। आओ घर घर जाकर उन्हें पढानें का सन्देश ,हर कस्बे गली, मोहल्ले में फैलाएं।उन्हें साक्षर कर अपने मन में खुशी का एहसास लाएं।।‌झुग्गी झोंपड़ी वालों को भी आगे ला… Continue reading प्रौढ़ व्यक्तियों के जीवन को खुशहाल बनाएं

श्यामपट्ट

सारा चेहरा मेरा काला है। दिल मेरा मतवाला है। शिक्षकों को लुभाता हूं। जल्दी जल्दी अपने ऊपर चौक चलाता हूं।। काला रंग है मेरी शान।सब को देता हूं मैं विद्या का ज्ञान। शिक्षक मुझ से लेते हैं काम। चाक से लिख लिख कर बच्चों को देतें है शिक्षा का ज्ञान।। बच्चों को अपनें पास बुलाता… Continue reading श्यामपट्ट

राजा और रंक

एक भिखारी को अपनें घर की दहलीज पर खड़े देख कर रानी बोली क्या सुबह-सुबह तुम्हें कोई काम नहीं है? जो तुम दरवाजा खटखटाने लगते हो ।भिखारी बोला माई दो दिन से खाना नहीं मिला खाना दे दो।खाना खा कर यहां से चला जाऊंगा। वह बोली नहीं तुम किसी और घर जाओ ।इतने में रानी… Continue reading राजा और रंक

नई भोर

राधा चौथी कक्षा की छात्रा थी। वह एक छोटे से गांव में एक सरकारी स्कूल में पढ़ती थी। वह बहुत ही होनहार थी। वह पढ़ाई में तो अच्छी थी ही साथ ही साथ वह अपनी मां का घर के कामों मैं भी हाथ बंटाती थी। एक दिन विद्यालय में अध्यापिका शहर के जीवन की जानकारी… Continue reading नई भोर

आज्ञाकारी बालक श्रवण

त्रेता युग में एक वीर बालक ने था जन्म लिया । माता पिता ने श्रवण कुमार नाम रखकर उसका लालन पालन किया। वह बालक अपने माता पिता पर  स्नेह सुधा बरसाता था।। श्रद्धा भाव अर्पित कर उन पर जान न्योछावर करता था। ‌ श्रवण कुमार ने अपने माता पिता की सेवा को अपना परम सुख… Continue reading आज्ञाकारी बालक श्रवण