रंग बिरंगे फूलों संग आओ खेलें खेल हम। उनकी सुहानी खुशबू में खोकर खुशी से झूमें हम। रंग बिरंगे फूलों संग खेल खेल कर, खुब मौज मनाएं हम। मिलजुल कर सारे गाएं .. ओ फूल राजा,ओ फूल राजा यह तो बताओ कहां छुपे हो तुम? कहां छुपे हो तुम बाग के कोनो कोनो में झांक… Continue reading फूलों संग खेल
Category: Stories
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नशे की प्रवृत्ति है घातक
मिल कर कदम बढाना होगा। नशे की प्रवृति से अपनें बच्चों को छुटकारा दिलवाना होगा।। नशे की प्रवृति है घातक। यह घर घर कि बर्बादी का है द्योतक।। मादक पदार्थों से मूल्यवान है हमारी युवा पीढ़ी । बच्चों में दृढ़ निश्चय और विवेक से अच्छे संस्कार जगा कर सुधारना कामयाबी की है सीढ़ी।। बीड़ी सिगरेट… Continue reading नशे की प्रवृत्ति है घातक
अध्यापिका के प्रश्न
रज्जू हमेशा की तरह स्कूल जाने की तैयारी कर रहा था तभी उसकी मां नें रज्जू को आवाज लगाई बेटा जल्दी नाश्ता कर लो ।स्कूल के लिए देरी हो जाएगी ।वह बोला मां मुझे स्कूल नहीं जाना है ।मुझे वहां बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता।पारो बोली, बेटा तू पढ़ाई के बिना कुछ भी हासिल नहीं… Continue reading अध्यापिका के प्रश्न
नेकी का रास्ता
तरुण आठवीं कक्षा का छात्र था। घर में सबका लाड़ला था इसलिए वह बिगड़ गया था। सुबह उठते हुए जब उसकी मां उसे कहती बेटा नाश्ता कर लो तो वह नाक भौं सिकोड़ कर कहता की क्या बना है ?उसे खाने में कुछ भी अच्छा नहीं लगता था।उसे बाजार की वस्तुएं खाने की आदत पड़… Continue reading नेकी का रास्ता
शिब्बु
शिब्बु एक भोला भाला और मासूम सा बालक था ।बचपन से ही उसके माता-पिता उसे इस संसार से अलविदा कह चुके थे। वह अपने चाचा चाची जी के यहां रहने लगा था ।चाची उसे अपने घर में नहीं रखना चाहती थी ।चाची ने यहां तक कह दिया था कि उसे अनाथ आश्रम छोड़ आते हैं… Continue reading शिब्बु
एकता का फल
नदी के एक और छोटी सी पहाड़ी पर बहुत सी चींटियों का झुंड रहता था। वे सभी चीटियां झुड में रहकर खाना ढूंढने जाती थी ।बहुत समय तक वर्षा नहीं हुई ।चिंटीयों को बाहर खाना प्राप्त करने में कठिनाई हो रही थी। एक छोटी सी जीव और उस पर तपती दुपहरी धूप, खाना जुटाना उन… Continue reading एकता का फल
उल्टा पुल्टा
11/4/20 टप्पू बहुत ही बुद्धिमान बच्चा था। अपनी कक्षा में हमेशा अव्वल आता था। वह बहुत ही जिद्दी और शरारती भी था। उसके माता-पिता उसे समझाने की बहुत कोशिश करते बेटा ज़िद नहीं करते मगर वह अपने माता-पिता की बातों पर ज़रा भी गौर नहीं करता था और अपने माता-पिता को बहुत ही परेशान करता… Continue reading उल्टा पुल्टा
धन्यवाद
मिन्नी का जन्मदिन
मिन्नी स्कूल से घर लौट कर कर हर रोज़ की तरह अपनी सहेलीयों के साथ खेलनें के लिए निकल जाती थी। सभी अपने अपने भाइयों की तारीफ करते नहीं थकती थीं। वे आपस में एक दिन कहने लगी कि राखी का त्यौहार नज़दीक आ रहा है । कोई कहती थी मैं तो अपने भाई के… Continue reading मिन्नी का जन्मदिन
स्वामी विवेकानंद
12 जनवरी 1863ई, पौष कृष्णा सप्तमी मकर सक्रांति के दिन सुबह 6 बज कर 33 मिन्ट 33 सेकंड पर नरेंद्र नाथ जी का जन्म हुआ । वे विश्वनाथ दत्त और भुवनेश्वरी देवी की छटी सन्तान थे।उनकी माता को विश्वास था कि काशी के वीरेश्वर शिव की कृपा से उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई ,इसलिए उन्होंने… Continue reading स्वामी विवेकानंद