नदी की कलकल धारा

नदी की बहती कलकल धारा।

प्रकृति की छटा का अद्भूत नज़ारा

वो तृषित धरा की प्यास बुझाती  नदियाँ।

मन के  उथल पुथल भावों को निर्मल करती नदियाँ।।

शान्त और तेज रफ्तार से बहती नदियाँ ।

दूर दूर से हर आने जानें राहगीरों की प्यास  और थकान को शान्त करती नदियाँ।।

अलग अलग धारा में बहनें के बावजूद सभी को एक होनें का संदेश देती नदियाँ।

समभावना को दर्शा कर अपने अपनत्व का एहसास कराती नदियाँ।।

गर्मी से झुलसते हुए हर प्राणी  की तपन को शान्त करते हुए  ठन्डक का अनुभव कराती नदियाँ।

जग में सभीचराचर जीव और प्राणियों की अनुभूति का बोध कराती नदियाँ।।

निश्चल भाव से आगे बढ़नें की प्रेरणा का बोध कराती नदियाँ।

ये प्यारी नदियाँ ये कलकल करती नदियाँ।

समस्त धरा को अपनी शान्त वाणी से आत्मविभोर करती नदियाँ।

ऊंचाईयों को छू लेनें के पश्चात अपनी झलक का सुन्दर नजारा प्रस्तुत करती नदियाँ।।

ये मीठी नदियाँ ये  सुरीली नदियाँ।

हर एक पथिक को अपनी ओर आकर्षित करती नदियाँ।।

गंगा और जमुना की पवित्र धारा के अस्तित्व का बोध कराती नदियाँ।

कूड़ा कचरा नदी में फैंकनें वालों का अनूठा प्रदर्शन कराती  नदियाँ।।

प्रकृति से छेड़छाड़ करनें वालों का अद्भूत दृश्य प्रदर्शित करती नदियाँ।

लोगों को सत्य की अनुभूति से अवगत कराती नदियाँ।।

वो शान्ति का अग्रदूत बन कर लोगों को प्रेरणा का संदेश देती नदियाँ।

एकता के सूत्र में  सभी को पिरो कर मानवता के कल्याण के लिए काम करनें का संदेश देती नदियाँ।।

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