बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है राखी

सावन के महीने में राखी का त्योहार है आता।
बहन का मन अपनें भाई से मिलने को आतुर हो जाता।।
राखी के दिन बहन खुशी से फूली नहीं समाती,
अपनें भाई को याद करके उसकी आंख नम हो जाती।।

बचपन की यादों का अमूल्य उपहार है राखी।
घर घर की खुशियों का अंबार है राखी।।
बहना की मासूम सी अठखेलियों का उपहार है राखी।
उसकी चुलबुली शरारतों और हंसी की बौछारों का पवित्र स्पर्श है राखी।।
रिश्तों के मीठे मीठे एहसास का नाम है राखी।
सारे रिश्तों से भी बढ़ कर अमूल्य सौगात है राखी।।
चांद सितारों की चमक से बढ़ कर भाई के पवित्र प्रेम का तोहफा है राखी।
राखी,रोली और मिठाई ले कर बहन थाली है लगाती।
अपनें भाई की कलाई पे राखी बांध कर खुशी से उसकी आंख भर आती।।

बांध भाई की कलाई पर धागा।
अपने भाई से लेती है वादा।।
राखी की लाज सदा निभाना।
अपनी बहन को मिलनें कभी उसके घर भी चले आना।।
शादी के बाद बहन अपने भाई को राखी है भेजती।
उसकी लम्बी उम्र की कामना के लिए भगवान से प्रार्थना है करती।।
मेरे भाई को सदा ढेर सारी खुशियां देना।
उसके जीवन में सदा खुशियों की सौगात भर देना।।
आज राखी के शुभ अवसर पर यही कामना करती है।
आप सौ वर्ष जीएं यही दिल से दूआ करती है।

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