एक दिन मुन्नू अपनी मां से बोला मां मुझे पाठ याद करवाओ न।
मुझे पाठ के साथ साथ इसका अर्थ भी समझाओ न।।
मां बोली बेटा मैं हूं अनपढ़।
मैं तुझे ना पढ़ा पाऊंगी।
लेकिन मैं तुम्हें अच्छी शिक्षा दे पाऊंगी।।
मां बाप नें जल्दी से शादी कर डाली।
शादी करके अपनी जिम्मेदारी पूरी कर डाली।।
बेटा जिंदगी में पढ़ाई लिखाई किए बिना जिंदगी अधूरी है।
जिंदगी का निर्वाह कर पाना बड़ा जरूरी है।।
मुन्नू अपनी मां से बोला मैं स्कूल जाने से कभी नहीं कतराऊंगा।
स्कूल जाकर अपनी शिक्षा पूरी कर पाऊंगा।। मुन्नू बोला मां अब घबराओ न।
मेरे साथ साथ तुम भी पाठ दौहराओ न।
मैं तुम्हें भी पाठ पढ़ना सीखाऊंगा।
और एक-एक अक्षर का उच्चारण अच्छे ढंग से करा पाऊंगा।
आप अपने बेटे से पढ़ना लिखना सीख पाओगी।
अपनी सहेलियों के साथ जाकर खुशी-खुशी बैठ पाओगी।।
अब आप शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगी।
आगे चलकर आप भी किसी को पढ़ा पाएंगे।।
बाजार में या समूह में अपने हस्ताक्षर खुद कर पाएंगी।
हस्ताक्षर कर सच्ची खुशी हासिल कर पाएंगे।।