अपनी तकदीर से जहां को रोशन करती है बेटियां।
बेटियों से संसार में बहार होती है।
बेटियां तो जहां की दिलदार होती हैं।।
बेटियों से ही घर की शोभा शोभायमान होती है।
बेटियां तो रुतबा शोहरत और तख्तो-ताज की हकदार होती हैं।।
बचपन में मां-बाप की दहलीज पर पली
युवा होने तक उन से महकी हर जीवन की कली।।
बेटियां तो खुशी का एक लम्हा होती है।।
शादी के बाद ससुराल में शोभायमान होती हैं।।
अपनी छवि से मुकद्दर बनाती हैं बेटियां।। अपने घर को स्वर्ग बनाती हैं बेटियां।
बेटियां तो दोस्तों प्यार और दुलार की हकदार होती हैं।।
हर मुकाम पर सफल होती है बेटियां।
सब को सम्मान की नजर से देखती है बेटियां।
बड़ों और बुजुर्गों का सम्मान करती है बेटियां कभी किसी का दिल नहीं दुखाती है बेटियां।
अपने प्यार और ममता का स्पर्श देती है बेटियां कभी किसी का दिल ना दुखे ऐसा सोचती है बेटियां।।
शिक्षित होकर परिवार को ही नहीं अपनी छवि से सारे परिवार को महकाती है बेटियां। सभ्य समाज में सम्मान पाने की हकदार होती हैं बेटियां।। ,बेटियां तो दोस्तों एक नायाब तोहफा है खुदा का।
सच्चाई के रास्ते पर चलना सिखाती है बेटियां।।
बेटियां तो दोस्तों बेटियां होती है उनका तो कहना ही क्या । ….. तकदीर से जहां को रोशन करती है बेटियां।।
भीड़ में एक अलग पहचान बनाती है बेटियां अपनी छवि से संसार को गुलजार बनाती है बेटियां।
परिवार के मुश्किल दौर में घर को संभालती है बेटियां।बेटियां तो दोस्तों बेटियां होती हैं उनका तो क्या कहना ही क्या।। ।
परिवार के झगड़े हर मलाल को हर घर को एकता के सूत्र में पिरोती हैं बेटियां। भाई-भाई के आपसी झगड़ों को पल में मिटाती आती हैं बेटियां।।
घर में फूट डालने वालों से हर घर को बचाती है बेटियां।।
बेटियों से घर की फुलवारी महकती हैं। उन की,,,, हर झलक पाने को मां बाप की आंखें तरसती हैं।।
अपनी तकदीर स्वयं खुद लिखती है बेटियां। बेटियां तो एक नायाब हीरा होती हैं।। ं
शिक्षित होकर परिवार को ही नहीं अपनी छवि से सारे परिवार को महकती हैं बेटियां।।
बेटियां तो दोस्तों एक नया तोहफा है खुदा का।
अपने भाग्य का निर्माता स्वयं होती हैं बेटियां।। बेटी को शिक्षा से यूं तुम वंचित न कीजिए। नहीं तो हर एक दिन बर्बाद होती रहेंगी बेटियां।।
उन्हें शिक्षित करने की अब हमारी बारी है। भ्रूण हत्या जैसी घातक बीमारी को जड़ से मिटाने की अब हमारी बारी है।।
कब तक पाप की काली छाया के कलंकित से कुंठित होती रहेंगी बेटियां।।
आओ मिल कर शपथ लें देश के सारे देशवासियों।।
हर घर घर की बेटी को शिक्षित करके फुलवारी को महकाने कि अब हमारी बारी है।।
उठो जागो और तब तक मत रुको इस कामयाबी के मकसद में सफल होने की अब हमारी बारी है।।
जो सम्मान उसने खोया है जो सम्मान उसने खोया है उसे वही सम्मान लौटाने की अब हमारी बारी है।।
इनकी कामयाबी को यूं कम ना आंकना। अपनें दिल में अवश्य झांकनां ।
इनके दिलों पर जां निछावर करने की अब हमारी बारी है।।
आओ भारत के सारे देशवासियों उनके साथ कंधे से कंधा मिलाने की अब हमारी बारी है।। समाज के पापियों को जेल की सीखचों के पीछे पहुंचाने की अब हमारी बारी है।।
इस अभियान को एक दिन सफल अवश्य बनाएंगे।।
जो सम्मान हमारी बेटियों ने खोया है उन्हें वापस दिलाएंगे।
आओ हम सब को एकजुट होकर बेटियों को शिक्षित करके कामयाबी की हर ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।।
ऊंचाइयों के शिखर तक पहुंचाने की अब हमारी बारी है।।
उन्हें यश और वही सम्मान दिलाने की अब हमारी बारी है।।
अब उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की अब हमारी बारी है। ।