अनमोल हीरा

गिरजा के पिता बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे । मम्मी ऑफिस में काम करती थी। गिरजा अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी उन्होंने उसे बहुत ही लाड़-प्यार से पाला था ।वह बहुत ही होनहार थी। उसका एक छोटा भाई भी था वह बहुत ही छोटा था गिरिजा बहुत ही होशियार थी ।वह किसी से भी नहीं डरती थी ।उसके पिता उसे छोटी जासूस कहकर बुलाते थे ।वह हर एक काम को बड़े ध्यान से करती थी ।वह चालाक भी बहुत थी वह बड़ों की बातें भी ध्यान से सुना करती थी उसकी मम्मी उसे डांटते हुए कहती बड़ों की बातें सुनना बुरी बात है । गिरजा डर कर अपने पापा के पीछे छिप जाती थी।गिरिजा केवल दस वर्ष की थी एक दिन वह अपने घर के पास टहल रही थी ।उसने अपने घर के बाहर तीन अजनबीयोंको इधर उधर टहलते देखा ।उसने देखा यह तो मुझे अजनबी लगते हैं ।मुझे अजनबी लोंगों परविश्वास नहीं करना चाहिए। यह मुझे कुछ खाने को दे दो मैं नहीं खाऊंगी। वह गाने सुन रही थी मोबाइल में हेडफोन लगाकर गाने सुन रही थी ।वह तीनों बातें कर रहे थे ।गिरजा ने सोचा मैं इन अजनबीलोंगों की बातें सुनती हूं ।उसने एक कान का स्पीकर निकाल दिया था ।उसे उस अजनबीलोंगों की आवाज साफ सुनाई दे रही थी ।वह आपस में कह रहे थे कि हमें इस घर में अगले शनिवार चोरी करने आना है। दूसरा बोला यह किसका घर है ?तीसरा बोला यह घर मैनेजर साहब का है ।बैंक में काम करते है। उनकी एक बेटी है।शायद यही तो नहीं वह ना सुन ले । तीसरा बोला वह तो गाने सुन रह है। उसे क्या सुनाई देगा?अरे आहिस्ता बोल ! तीसरा बोला शनिवार को ही क्यों ? वह बोला शनिवार को बैंक में छुट्टी होती है । शनिवार वाले दिन भी दोनों पति-पत्नी घर पर नहीं होंगे।शायद बैंक अधिकारीे बीमार हैं वह अस्पताल दवाई के लिए जाने वाले हैं ।हम उस दिन ही चोरी को अंजाम देंगे। मैंने उसे बैंक में अपने किसी प्रभारी के साथ यह कहते हुए सुन लिया था कि मैं हॉस्पिटल जा रहा हूंशनिवार को मेरी अनुपस्थिति में बैंक की देखरेख मेरे दूसरे कार्यकर्ता करेंगे यह लो चाबी लॉकर कि ।उसने बैंक के लॉकर की चाबी ।पहले हम इस मैंनजर के घर की चोरी करेंगे । उसके बाद बैंक में डाका डालेंगे। शायद बैंक की चाबी भी वह अपने घर के लौकरमें रखता होगा। वह उनकी बातें सुनकर चुप हो गई। उसने गाने के वॉल्यूम को और भी बढ़ा दिया। वह डर रही थी। घर आकर बहुत ही डर गई थी उसने सोचा कि पहले पापा से ही पूछा जाए पापा आप अगले शनिवार कहां जाने वाले हो?गिरिजा की मम्मी चौकी !बोली बेटा तू बाज नहीं आने वाली मैंने तुझे एक दिन क्या कहा था कि बड़ो की बातों को नहीं सुनना चाहिए ।यह तूने कब सुन लिया वह बोली ठीक है पापा मम्मी आगे से ध्यान रखा करूंगी । कोई अगर जरुरी बात कर रहा हो तो उसको सुनने में क्या हर्ज है? गिरिजा की मम्मी ने उसका कान प्यार से पकड़ते हुए कहा चल हट नटखट। गिरी के पापा बोले शाबाश मेरी जासूस बेटी तभी उस की मम्मी अपने पति को बोली आपने ही इसे बिगाड़ा है ।गिरिजा ने सोचा मैं अपने मम्मी पापा को नहीं बताऊंगी। वह पापा को लेकर अस्पताल नहीं जाएंगे वह भी डर जाएंगे ।मैं इन चोरों को अपने दम पर ही निपटा लूंगी।ज्यादा से ज्यादा वे मुझे मार ही देंगे । मैं डरने वालों में से नहीं हूं। दूसरे दिन वह स्कूल से जल्दी जल्दी आ कर अपना होमवर्क करने लगी ।उसने अपने घर के लॉकर की चाबी ली और और वैसी ही चाबी एक चाबी बनाने वाले को कहा चाबी वाला उस के पापा को जानता था। उसने उसे वैसी हीे चाबी बनवा दी क्योंकि वह अपने पापा के साथ कई बार उसकी दुकान पर चाबियां बनवाने आई थी ।उसने घर आकर चाबियां जहां से उठाई थी दी ।उसने चाबियों का लौकर खोला उसने वहां पर उसकी मम्मी ने जो जेवरात का डिब्बारखा था। उसने उन जेवरात में से. असली गहने निकाल कर नकली गहने रख दिए ।उनको देखकर कोई नहीं कह सकता था यह नकली है ।अमेरिका से उसकी चाची ने उसकी मम्मी जी के जन्मदिन पर उन्हें उपहार में दिए थे। उसकी मम्मी तो वह गहने नहीं पहनती थी। अपनी मम्मी से उसने वे गहने ले लिए थे ।वह उन्हें पहन कर देखा करतीे थी।उसने अपनी मम्मी के गहने चारपाई के नीचे छुपा दिए थे चार पाई भी इतनी छोटी थी कि नीचे कुछ दिखाई नहीं देता था ।उसके नीचे उसने बड़े बड़े डिब्बे रख दिए थे ।उसने सभी रुपए निकाल कर उसकी जगह नकली नोट रख दिए थे। उसमें सभी एटीएम कार्ड पासबुक भी उठा ली थी उसकी जगह पर उसमें एक्सपायर डेट वाली पासबुक इकट्ठा करके रख दी थी क्योंकि वह अपने पापा की की एक्सपायरी डेट वाली पासबुक ले कर उससे खेलाकरती थी। असली पास बुक लेकर फिर उसने लॉकर को वैसे भी बंद कर दिया था ।सारा इंतजाम कर दिया था। मगर उसने अपने मम्मी पापा को इसके बारे में कुछ नहीं बताया था ।शनिवार आ चुका था उसके मम्मी पापा अस्पताल के लिए निकल चुके थे ।गिरजा ने अपनी मां से कहा, मां छोटू को भी साथ ले जाओ वरना यह मुझे पढ़ाई नहीं करने देगा ।मेरी परीक्षा आने वाली है मैं अकेली बैठकर पढ़ाई करुंगी ।उसकी मम्मी छोटू को साथ ले गई थी ।सबसे पहले जैसे ही उसकी मम्मी घर से निकली उसने पुलिस इंस्पैक्टर को फोन किया अंकल आप मेरी बात ध्यान से सुनो आज हमारे घर पर चोरी होने वाली है ।आप जल्दी ही चोरों को पकड़ना आज वे हमारे घर चोरी करने आने वाले हैं ।उस छोटी सी बच्ची की बात सुनकर पुलिस कर्मी दंग रह गये। बोले बेटा तुम्हारे मम्मी पापा कहां परहै। गिरजा बोली मेरे पापा आज अस्पताल गए हैं ।मेरी परीक्षा आने वाली है इसलिए मैं उनके साथ नहीं गई। मैंने चोरों को बातें करते सुन लिया था ।हम पहले हम बैंक अधिकारी केे घर चोरी करेंगे और उसके बाद बैंक में ।बैंक की सुरक्षा के लिए भी सुरक्षा कर्मचारियों को तैनात कर देना ।रवि अंकल बोले अगर उन्होंने तुम्हे नुकसान पहुंचाया । वह बोली मैं आप को फोन करुंगी मैंने अपना मोबाइल अपने मोजे में छिपाकर रख दिया है। मैं बाथरुम में जाकर आपको फोन कर दूंगी। मैं अंकल चोंरों से नहीं डरती ।पुलिस अंकल बोले बेटा तुम्हारी बहादुरी के लिए मैं तुम्हें शाबाशी देता हूं ।अंकल आप जल्दी से घर के बाहर ही रहना । वे चोर जब चोरी करके ले जाए तो आप उन्हें जाने देना ।आप बाद में उन्हे पकड़ लेना क्योंकि मैं भी जासूस हूं। गिरजा के पिता पुलिसकर्मी अविनाश के दोस्त थे।पुलिस इंस्पेक्टर जल्दी उनके घर के बाहर छिपकर पहरा दे रहे थे। सचमुच तीन अजनबी लोगों ने यूनियन बैंक मैनेजर अविनाश के घर का दरवाजा खटखटाया । गिरजा ने दरवाजा खोल दिया ।वह बोले बेटा हम अविनाश जी के दोस्त हैं ।काम के सिलसिले में आए हैं। अकेला देखकर भी अंदर बैठकर वह बोली बेटा तुम्हारे पापा कहां है?ं ।वह बोली मेरे पापा अस्पताल गए हैं ।मम्मी भी साथ गई है उसे तो सब कुछ मालूम था वह उन्हे भगाने के लिए ऐसे ही कह रही थी ।बेटा अंधेरा होने वाला है बाहर वर्षा हो रही है हमने अपनी गाड़ी नीचे खड़ी की है हम आपके पापा का इंतजार करते है।ं हमें बहुत ही जरुरी काम है ।गिरजा बोली अंकल आप थोड़ी देर बैठ कर टैलिविजन देखिए मैं पढ़ाई कर रही हूं ।वह टैलिविजन देखने का नाटक करने लगे।वह बोली मैं आप लोगों को चाय बनाकर लाती हूं।उनमें से एक छोटा सा मोटा व्यक्ति बोला चलो बेटा मैं भी चाय बनाने में तुम्हारी मदद करता हूं ।चाय बनाने के लिए रसोई में चला आया था ।गिरिजा को बातों में लगाना चाहता था । दोनों ने तब तक चाबी ढूंढ ली थी ।सिरहाने के नीचे से लॉकर की चाबी मिल गई थी ।उन्होंने वे चाबियां ले ली थी। गिरजा अपने कमरे में पढ़ाई करने चली गई थी। उन्होंने चाय पी और एक अंकल ने पिस्तौल दिखाकर गिरिजा को कहा कि लॉकर का नंबर बताओ वरना तुझे गोली मार दूंगा। वह बोली 7532 उसने लॉकरको खोल दिया ।उसने कहा शाबाश उसने गिरजा को गुसलखाने में बंद कर दिया था ।गिरिजा ने भी भी अंदर से कुंडी लगा ली थी ।उन्होंने टेलीफोन की तार भी तोड़ दी थी ।अंदर जाकर गिरीजा ापुलिस अंकल को फोन किया ।उन्होंने मुझे पिस्तौल दिखाकर बंद कर दिया है ।उन्होंने मुझसे लॉकर का नंबर भी पूछ लिया ।उन्होंने सारे के सारे गहने भी ले लिए ।वे सारे जरुरी दस्तावेज पासबुक एटीएम कार्ड को ले कर जा रहे हैं।गिरीजा ने वहां पर पहले ही से ही सब नकली जेवरात और सभी नकली कार्ड रख दिये ।जैसे ही चोर चोरी करके भागे पुलिस वालों को खबर लग गई थी । चोर खिड़की से कूद कर भाग गए थे ।जल्दी से पुलिस अंकल अंदर आए और बोले बेटी मैं उन चोरो को पकड़ नहीं पाया मगर मैं खुश हूं तुम्हें कुछ नहीं हुआ है । लॉकर खुला हुआ था ।पुलिस वालों ने उनकी गाड़ी का नंबर ट्रेस कर लिया था ।वह चोर पकड़ लिए जांयेंगे।गिरिजा के माता पिता भी थोड़ी देर बाद पहुंच गए थे ।वह अपनी बेटी को सुरक्षित देख कर खुश हुए ।पुलिस अंकल ने उन्हें फोन कर दिया था। पुलिस बोली कि वह आपका सामान चोरी करके ले गए । अविनाश की पत्नी रोने लगी ।मेरे सारे गहने मेरी पासबुक ,एटीएमकार्ड और सारे दस्तावेज उसके अंदर से भी सभी चोरी हो गए ।गिरजा के पापा बोले तुम्हें इन किमी गहनों कि पड़ी है।सबसे अनमोल हीरा तो हमारे पास है ।इससे बढ़कर हमारे लिए दुनिया में कुछ नहीं है । आज इसे कुछ हो जाता तो रुपया हमारे किस काम आता। अपनी पत्नी से बोलेअब रोना बंद करो । पुलिस इस्पेक्टर बोले वह भाग कर

कहां जाएंगे ?आप की सारी चीजें आप

को वापस मिल जाएंगी ।वह इतने

शातिर चकमा दे कर फरार हो गए।हमें पता भी चल चुका था कि चोर घर में घुस चुके हैं। आपकी बेटी गिरजा नेे हमे उनकी सूचना पहले ही दें दी थी।

गिरीजा मुस्कुराते हुए बोली मम्मी पापा आपका कुछ भी चोरी नहीं हुआ है ।आप मुझे कहती है कि बड़ों की बात नहीं सुननी चाहिए मेरे कान तो हमेशा दूसरों की बातें भी सुनते हैं अपने काम की बातें भी करते है ।मैंने एक दिन तीन अजनबीयों को अपने घर के बाहर टहलते देखा। मैं गाने सुन रही थी ।वह आपस में बातें कर रहे थे कि हमें मैनेजर महोदय के घर में चोरी करनी है ।शनिवार को बैंक में छुट्टी होती है ।वह आधे दिन छुट्टी पर होंगे मां मैंने कहा था कि पापा आप अस्पताल जाने वाले हो तब आपने मेरे कान पकड़कर कहा था कि बड़ों की बातें सुनती है। मैंने अजनबी लोगों कि सारी बातें सुन ली थी ।वह चोरी करने के लिए आनें वाले थे। उन्होंने चोरी करने के लिए शनिवार का दिन चुना था । वे कह रहे थे कि हम उनके घर सब कुछ उड़ाकर ले जाएंगे। उस दिन मैंने लॉकर में से सारी असली गहने निकाल कर उसकी जगह नकली गहनें रख दिये थे। पासबुक ATM कार्ड भी एक्सपायर वाले और नकली नोट यह सब मैंने दो दिन पहले सोच समझकर रख दिए थे । असली गहनें तो मैंने पलंग के नीचे एक बॉक्स में रख दिए थे ।वहां देख लो ।गिरजा ने ंअपनी मम्मी को कहा ।उसकी मम्मी अनुराधा ने देखा सचमुच उसके सारे कागजात एटीएम कार्डऔरउसके सारे गहनेंसुरक्षित थे। वह अपनी बेटी को प्यार करते हुए बोली यह हमारी असली नन्हीं जासूस है। पुलिस इंस्पेक्टर बोले इसे तो तुम्हें पुलिस इंस्पेक्टर बनाना चाहिए। उसने हमें यह भी बता दिया था कि उन शातिरों का अगला निशाना बैंक होगा। इसके लिए पहले ही हमने सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए थे ।बैंक में जैसे ही वे लुटेरे घुसे पुलिस इंस्पेक्टर ने उन्हें दबोच लिया और हथकड़ियां पहना दी। जेल में बंद कर दिया । होशियारी के लिए उसे छब्बीस जनवरी को उसकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया। उसे बहुत बड़ी राशि ईनाम में दी गई।

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