नदियों के पानी का सम्मान करना सीखो। अपने जीवन में नेक काम करना सीखो।।
धरती मां वसुंधरा का सम्मान करना सीखो। प्रकृति से जुड़कर नेक काम करना सीखो।। अपने आसपास प्रदूषित वातावरण मत पनपाओ।
अपने अराध्य को प्रसन्न करने वालों,
नदी में कूड़ा करकट जहरीला पैदार्थ मत फैलाओ।।
धरती मां की छाती को भेद कर, पानी की आखिरी बूंद को यूं न व्यर्थ में बहाओ।
नदी की एक एक किमती बूंद को बचा कर सदुपयोग में लाओ।।
सीवरेज के पानी को सिंचाई के प्रयोग में लाओ।
पानी में मौजूद तत्वों को प्राकृतिक खाद के रूप में प्रयोग में लाओ।।
गंदे पानी को इक्ट्ठा कर के बंजर भूमि में फसलों को उगाओ।
इस पानी का सदुपयोग खेती की सिंचाई में कर के दिखाओ।।
नदी के जलचरों को यूं न मत तरसाओ।
अपनी तरह समझ कर उन को भी बचाओ।।
सही विचारों को जीवन में उतार कर दिखाओ। अपनें हुनर, संस्कृति को स्थापित करके
, अपनें आप को बदल के दिखाओ।
जन सहयोग से राशि को जुटाओ।
आपसी जनों के सहयोग से इस काम को सम्पन्न कर के दिखाओ।।
अपनें पिता समान वरुण देवता का सम्मान बढाओ।
धरती मां की गोद में पले तुम सभी अपने जीवन को सफल बनाओ।।