दादा जी की सीख

, किसी गांव में एक वृद्ध दंपति रहते थे। उनके साथ उनके दो बच्चे रहते थे। उन बच्चों के माता पिता मर चुके थे। वे दोनों बच्चे अपने दादा दादी के पास रहते थे। चिंटू और बन्टू दोनों भाई चिंटू बड़ा था और बन्टू छोटा। चिंटू 10 साल का हो चुका था और बन्टू केवल 5 वर्ष का था। उनके  दादा दादी ने चिंटू को अपने पास बुलाया और कहा बेटा हमारा तुम दोनों बच्चों के सिवा इस दुनिया में कोई नहीं हम दोनों भी बूढ़े हो चुके हैं। अब सारा दायित्व चिंटू पर है। तुम्हें अपने को बहुत ही काबिल बनाना होगा और अपने भाई को भी संभालना होगा जब तक हम जिंदा है तब तक तुम्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। परंतु जब हम मर जाएंगे उसके बाद तुम ही सारे घर का दायित्व सम्भालना  होगा। इसलिए हम दोनों आज तुम्हें एक बात बता रहे हैं बेटा। इस दुनिया में अच्छे और बुरे किस्म के दोनों लोग इस संसार में भी रहते हैं। तुम्हें जिंदगी में हमेशा अच्छा और ईमानदारी से जीवन बिताना सीखना होगा भले तुम्हें कम रुपए मिले थोड़े में गुजारा करना आना चाहिए। और कभी भी दूसरों के हक छीनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। और इस संसार में लोग सभी लोगों का आचरण अच्छा नहीं होता। कुछ लोगों का आचरण व्यवहार अच्छा नहीं होता। वह तुम्हें बात बात पर खरी  खोटा सुना सकते हैं। हमें हमेशा अपने दिल की आवाज सुननी चाहिए। अपने व्यवहार में मधुरता लाकर  अच्छा आचरण करो। कभी किसी के दिल को ठेस ना पहुंचाएं। अगर तुम्हारे साथ कोई बुरा आचरण करें तो उस को समझाने की कोशिश करो। और अपने मधुर  व्यवहार से उन को बदलने की कोशिश करो और अपने भाई को भी यह सीख देना क्योंकि अभी वह बहुत छोटा है। बहुत से लोग तुम दोनों के पास जमीन मकान ज्यादाद देखकर तुमसे सब कुछ हड़पने की कोशिश कर सकते हैं। क्योंकि इस संसार में सब लोग एक जैसे नहीं होते। रुपैया धन दौलत हर कोई हासिल करना चाहते हैं। कोई धन-दौलत संघर्ष करके हासिल करना चाहता है। कोई बिना मेहनत किए। जो लोग बिना मेहनत किए मकान आदि प्राप्त करना चाहते हैं वह दिन रात इसी छानबीन में रहते हैं कि किस तरह से इस इंसान से इसकी दौलत हथिया ली जाए। इसके लिए आपसी मित्रता वाले लोंगो को एक दूसरे से लड़वाकर हासिल करना चाहते हैं। जैसे कि तुम बड़े हो और बन्टू छोटा है। हमारे मर जाने के बाद तुम्हारे भाई बन्टू को फुसलाकर बहला कर उसे तुम्हारे खिलाफ भड़का कर तुम्हारे से सब कुछ छीन सकते हैं इसलिए हम दोनों तुमको   सतर्क करना चाहते हैं। ताकि तुम हमेशा सतर्क रहो। चिंटू बोला दादा दादी आपकी सीख मैंने गांठ बांध ली है। मैं अपने भाई को किसी भी तरह की तंगी नहीं होने दूंगा। मैं अपने आप चाहे भूखा रह जाऊंगा मगर अपने भाई को बड़ा अफसर  जरूर बनाऊंगा। आप चिंता मत करो।

 

उसके दादा जी  नें एकदिन एक वकील का पता बताया कि मैं सारी ज्यादात तुम दोनों के नाम करना चाहता हूं। ले देकर यह अब हमारे पास है। जिंदगी का क्या भरोसा? कब प्राण निकल जाए। चिंटू के दादाजी उसे एक मशहूर वकील के पास ले गए। वकील से मिलकर उन्होंने सारी बातें उन्हें सुनाई। आप निराश ना हो मैंने सारे घर के कागजात चिंटू के नाम कर दिए हैं। जब  वह बालिग हो जाएगा तब आधा-आधा उन दोनों के नाम हो जाएगा। तब तक सारे घर का कागजात चिंटू के नाम होंगे। उसके दादा जी वकील बोले चिंटू को तो मैंने एक जमीदार के यहां काम पर लगा दिया है। मगर किसी दिन किसी आदमी ने बन्टू को चिंटू के खिलाफ भड़का दिया और अपने भाई को लड़वाने के लिए प्रॉपर्टी के कागज अपने नाम करवाने के लिए कहा तब क्या होगा? मैं चाहता हूं कि आप मेरे जीते जी कुछ ऐसा कर दे जिससे मेरे दोनों बच्चों के साथ बुरा ना हो। वकील ने बूढ़े विश्वनाथ को यकीन दिलाया कि आप चिंता ना करो। मैं एक नकली दस्तावेज बनाऊंगा। वह नकली दस्तावेज चिंटू के पास रहेगी। किसी को क्या पता चलेगा।? वह असली है या नकली। एक असली दस्तावेज हमारे पास सुरक्षित रहेगी। यह कहकर घर के सारे नकली दस्तावेज चिंटू को पकड़ाकर कहा यह घर के दस्तावेज है। अगर तुम्हारी प्रॉपर्टी कोई हड़प करना चाहेगा तो वह पकड़ा जाएगा। असली प्रॉपर्टी तो तुम्हारे हमारे पास सुरक्षित होगी। यह कहकर विश्वनाथ प्रसाद सिंह निश्चित निश्चित हो गये।

 

चिंटू 26 साल का हो चुका था। उसके दादा दादी  इस संसार को अलविदा कह चुके थे दोनों भाई ही बचे थे। काफी दिनों तक चिन्टू को बहुत ही खाली खाली सा महसूस  हुआ। उसने अपने आप को संम्भाला और अपने भाई बन्टू को गले लगाता हुआ  बोला भाई तू चिंता मत कर। मेरे जीते जी तू कभी अनाथ नहीं होगा। आज से मैं ही तेरे माता पिता दोनों  हूं।

 

चिंटू ने  काम पर जाना शुरु कर दिया

चिंटू के पड़ोस में एक पंजाबी परिवार रहता था।  वह बन्टू को बहुत चाहता था। बन्टू जब घर में अकेला रहने लगा तब पंजाबी परिवार का एक अंकल जिसे दोनों भाई चाचू कहते थे वह हर वक्त बन्टू को प्यार प्यार में कहते चल बेटा नाश्ता कर ले। बन्टू भी उनके पीछे पीछे उसके घर चला जाता। स्कूल से आकर वह सीधा उनके घर चला जाता। चाची तो उसे बहुत ही प्यार करती। कहानी सुनाती। अपने बच्चों को भी कहानी सुनाती। एक दिन उसकी चाची ने एक कहानी सुनाई। जिसमें दो भाई थे। उनके माता पिता मर चुके थे। माता पिता अपनी सारी धन दौलत बड़े बेटे के नाम कर चुके थे। छोटे बेटे के पास कुछ भी नहीं बचा था। चाची कहानी सुनाते बड़े बेटे ने सब कुछ अपने नाम इसलिए कर लिया क्यों कि वह छोटे भाई को कुछ नहीं देना चाहता था  वह अगर उसको सचमुच में ही प्यार करता तो वह  आधी ज्यादात अपने छोटे भाई के नाम करवा सकता था मगर उसने ऐसा नहीं किया। कहानी सुनाने का  उद्देश्य बन्टू को चिंटू के खिलाफ भड़काना था। जब शाम को चिन्ता घर आया तो उसका छोटा भाई बेहद उदास था। उस को उदास देखकर चिंटू बोला भाई मेरे आज तुझे क्या हुआ।? तू उदास क्यों है।? वह बोला भैया आज मुझे चाची ने एक कहानी सुनाई। जिसमें उसने मुझे बताया कि यह कहानी हम दोनों भाइयों से मिलती है इसलिए मैं उदास हूं।।

 

चिंटू बोला भाई मेरे मुझे बता क्या कहानी है।? बन्टू ने सारी कहानी अपने भाई चिंटू को शादी बन्टू बोला क्या आप भी सारी जमीन जायदाद अपने नाम कर लोगे।? मुझे कुछ भी नहीं दोगे क्योंकि आपके अलावा मेरा भी इस दुनिया में कोई नहीं है।।? चिंटू समझ गया कि मेरे दादा दादी जी ठीक ही कहते थे। वह मुझे सारी बात समझा गए थे। मुझे शान्ति से काम लेना होगा चिंटू ने बन्टू को कहा भाई मेरे ऐसा कुछ नहीं होगा। तुम्हें मैं सारी जमीन का वारिस बना दूंगा मुझे तुमसे बढ़कर कुछ नहीं चाहिए। बन्टू खुश हो गया था। उसके सिर से चिंता समाप्त हो गई थी। चिंटू को सारा माजरा समझ में आ चुका था। चिंटू को जमीदार के यहां काम करते-करते बहुत दिन हो चुके थे।

 

जंमिदार की बेटी चिंटू को चाहने लगी थी। एक दिन जमीदार की बेटी चिंटू के साथ सामान लेने गई थी तो उस पंजाबी परिवार की आंटी ने देख लिया। चिंटू को जमीदार की लड़की के साथ देख    लिया। चिन्टू नें जंमिदार की बेटी को सारी घटना सुना डाली। । चिंटूनें जंमिदार की बेटी को कहा कि आज फिर बन्टू को चाची घर जाकर कर  कुछ मेरे खिलाफ कहेगी। हुआ वही। अगले दिन जब स्कूल से बन्टू चाचा के गया तो उसने बन्टू को कहा बेटा तुम्हारा भाई तुम्हारा पहले जैसा ध्यान नहीं रखता। वह तो सारा दिन जमीदार की बेटी को लेकर घूमता रहता है। इसलिए  ही शाम को देरी से घर आता है। तेरा ध्यान ही नहीं होता बेटा। मेरी एक बात मानो। तुम हमारे पास ही रहा करो। तुम हमारे बेटे जैसे हो। इसलिए तुम्हें अपने भाई को कहना होगा कि भाई मेरे मेरा हिस्सा मेरा नाम कर दे। देखें तुम्हारा भाई क्या करता है? शाम को जब चिन्टू घर आया तो बन्टू ने कहा भैया अब आप मेरी तरफ ध्यान नहीं देते हो। सारा दिन आप अपने मित्र दोस्त के साथ घूमते रहते हो। मुझे पता है। चिंटू ने कहा भाई मेरे। ऐसा कुछ नहीं है। कल मैं अपने जमीदार की बेटी को लेकर किसी आवश्यक कार्य से बाहर गया था। ऐसा तुम्हें चाची नें कहा होगा भाई मेरे तुम बहुत ही नादान हो। ऐसा कुछ नहीं है। तुम ही तो मेरे सब कुछ हो। तुम हमारे लिए तो मैं तुम मेरी जान से भी बढ़कर हो।

 

बन्टू चुप हो गया। बन्टू को हर रोज चाची किसी ना किसी तरह अपने भाई के खिलाफ करना चाहती थी। वह अपने भाई से खफा रहने लग गया था। अपने भाई को अपना दुश्मन समझने लगा था। एक दिन जब उसका छोटा भाई बहुत ही गुस्सा हो गया वह बोला भाई जो तू बोलेगा तेरी बात में अवश्य मानूंगा बन्टू अपनी चाची के घर गया तो उसकी चाची बोली तू अपने भाई  से सारी जायदाद घर के कागज अपने नाम करवाने के लिए कह दे। मैं समझूंगी कि तेरा भाई तूझे सचमुच में ही प्यार करता है। शाम को बन्टू ने अपने भाई को कहा कि घर के सारे दस्तावेज मेरे नाम कर दो। तभी मैं समझूंगा कि आप मुझसे प्यार करते हो। उसके भाई चिंटू ने सारे के सारे घर के कागजात अपने भाई के नाम कर दिए क्योंकि अब चिंटू भी 18 साल का हो गया था।

 

दस्तावेज पाकर बहुत खुश हुआ और चाची को बोला। मेरा भाई तू मेरे ऊपर जान छिडकता है। जानता है मेरा भाई तो रामकृष्ण है। इस तरह 2 महीने व्यतीत हो गए। चिंटू ने बन्टू को कहा भाई मेरे तुम्हें दूसरों के घर में ज्यादा आना-जाना छोड़ देना चाहिए। अपनी पढ़ाई की ओर ध्यान देना चाहिए।

 

एक दिन चिंटू अपने व्यापार के सिलसिले में घर से बाहर गया था। बन्टू अपनी चाची के घर पर ही था। रात को सोने के  वक्त चाची के पास ही आ गया था। सोने ही जा रहा था कि उसकी चाची ने कहा कि बेटा तुम्हें मकान के कागजात घर में यूं ही नहीं रखें चाहिए अगर कोई चुरा कर लेकर  जाए तो क्या होगा? तुम एक काम करो। हम तुम्हारे साथ तुम्हारे घर चलते हैं। तुम घर के कागजात लाकर मुझे दे दो। क्योंकि अभी तुम्हारे भाई घर से बाहर गए हैं। अगर कोई चुरा कर ले गया तब क्या होगा? तुम मेरे पास इन्हें सुरक्षित रख सकते हो।

 

अपनीे दोस्त मंजु के साथ अपने घर गया। उसने घर के कागजात लाकर चाची को दे दिए। शाम तक बन्टू और मंजु वहीं खेलते रहें और पढ़ाई करने लगे। दूसरे दिन उसके भैया जब वापस आए तो अपने भाई बन्टू के लिए एक सुंदर सा मोबाइल लेकर आए। उन्होंने अपने भाई को मोबाइल देते हुए कहा भाई मेरे तू अब मुझसे इस पर फोन कर सकते हो। बन्टू मोबाइल लेकर बहुत खुश हो गया। वह खुश रहने लगा था। वह कागजात वाली बात अपने भाई को बताना ही भूल गया।

 

एक दिन बन्टू और मंजू दोनों चाची के कमरे में खेल रहे थे। बन्टू अपना मोबाइल पढ़ाते पढ़ाई करते समय वही भूल गया था। उसका स्पीकर का बटन ऑन था। रात को जब चाची अपने कमरे में सोने को आई तो उसने अपने पति को कहा कि हमने बन्टू से घर के सारे दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं। उस को बहला-फुसलाकर उससे कागजात पर हस्ताक्षर करवा लेने हैं। वह सारे कागजों पर हस्ताक्षर कर देगा तब यह सारे के घर के कागजात हमारे नाम हो जायेंगे। हम अपनी बेटी की शादी उस से कर देंगे। अगर यह पढ़ लिखकर अच्छा बन गया अगर अच्छा  नहीं बन पाया तो हम उसे बाहर का रास्ता दिखा देंगे। यह बातें बन्टू के मोबाइल में रिकॉर्ड हो गई थी। दूसरे दिन आकर बन्टू अपना मोबाइल लेकर चला गया। एक दिन बन्टू को याद आया कि मैंने घर के कागजात तो चाची के पास दिए हैं। उसने कागजात वाली सारी घटना अपने भाई को सुनाई उसका भाई हैरान रह गया। वह तो पहले ही जानता था कि उसके भाई को इसका निशाना बनाया जाएगा उसके भाई बन्टू ने कहा कि भाई मेरे जब आप व्यापार के सिलसिले में गए हुए थे तब चाची घर के सारे दस्तावेज लेकर गई थी। उन्होंने कहा था कि तुम्हारे भाई भी घर पर नहीं है तुम घर के कागजात मेरे हवाले कर दो नहीं तो कोई चोर चुरा कर ले जा सकता है। मैंने डर के मारे सारे घर के कागज चाची के हवाले कर दिया। बन्टू बहुत ही डर गया बन्टू को डरता देख चिन्टू बोला भाई मेरे तुम बहुत नादान हो तुम्हें हर कोई बड़ी आसानी से बेवकूफ बनाना चाहता है। चिंटू बोला कोई बात नहीं तुमने मुझसे यह बात बता कर बड़ा अच्छा किया। आज से सारी बात तुम मुझे बताओगे। बन्टू ने हां में सिर हिला दिया। चिन्टू नें अपने भाई को कहा कि आओ मैं तुम्हें आवाज रिकॉर्ड करना सिखाता हूं जैसे  ही उसने रिकॉर्ड वाला बटन दबाने के लिए उठाया था वह तो ऑन था। वहां से सारी रिकॉर्ड हुई बातें चिंटू नें सारी बातें सुन ली। बन्टू भी आवाक रह गया क्योंकि चाची ने जो बात चाचा को कहीं वह सब मोबाइल में नोट हो गई थी। बंटू भी समझ चुका था कि वह सारे मकान के दस्तावेज अपने नाम करवाना चाहते थे।चिन्टू नें अपने भाई को समझाया कि भाई मेरे अब तो तुम्हें सारी सच्चाई पता चल चुकी है। यह चाची तुमसे प्यार नहीं करती बल्कि तुम्हारी धन दौलत से प्यार करती है। वह सारे  घर के कागज अपने नाम करवाना चाहेगी। क्योंकि सारे घर के दस्तावेज मैंने तुम्हारे नाम किए हैं। अगर तुम से चाची कहेगी सारे घर के कागजात हमारे नाम कर दो तो तू भी एक शर्त रखना कहना पहले मुझे 500, 000 मेरे बैंक में जमा करवा दो तो यह सारे कागजात तुम्हारे नाम कर दूंगा। तुम ऐसे करना चिंटू ने उसे समझा दिया था। बन्टू को एक दिन उसकी चाची ने कहा बन्टू बेटा इसका क्या तुम क्या करोगे तुम इस मकान के दस्तावेजों को हमारे नाम कर दो। क्योंकि तुम बच्चों से तो कोई भी दस्तावेज चुरा कर ले जा सकता है। तुम्हारे कागज मेरे पास सुरक्षित है। अगर तुम इन को घर ले जाना चाहते हो तो ले जाओ। तुम्हारे भाई  तो सदा अपने व्यापार के सिलसिले में बाहर ही रहते हैं। इसलिए तुम इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दो। पहले तो बन्टू ने आनाकानी की मगर बाद में बन्टू बोला मैं भी इन्कार नहीं करुंगाआपको भी मेरी एक शर्त माननी होगी। आपको ₹500000 मेरे अकाउंट में जमा कराने होंगे। चिंटू ने उसे ऐसा कहने के लिए कहा था। चिंटू में बैंक मैनेजर से मिलकर उसको सारी बातें साफ बताई कि  अंकल आप तो मेरे दादाजी के पक्के मित्र हैं। मेरे दादाजी तो इस दुनिया में नहीं है। परंतु कुछ लोग मेरे भाई का गलत फायदा उठा कर के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हमारे घर की प्रौप्रटी को हथियाना चाहते हैं। कृपया करके आप मेरे भाई की सहायता करना। वे कागजात नकली है।  जब मेरा भाई बैंक में ₹500000 जमा करवाने आए तो इनके कागजात को कहना कि यह असली है।  वे नंहीं तो मेरे भाई को चूना लगा कर सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवा देंगे।

 

उसके भाई चिन्टू ने  वकील से मिलकर उनको भी सारी बातें पहले ही बता दी थी। पुलिस वालों को भी सारी बातें बता दी ताकि कल को उसके भाई पर कोई आंच ना आए।  रिकॉर्ड की हुई सारी बातें उन्हें सुना दी थी।

 

दूसरे दिन जब चाची बैंक पहुंचे तो उन्होंने सोचा चिंटू को ₹500, 000 देने में कोई नुकसान नहीं है। क्योंकि 500, 000 की तो जमीन भी नहीं आती। यह तो बना बनाया मकान हमें मुफ्त में मिल रहा है। चलो ₹500, 000 बन्टू के ऐकाऊन्ट में जमा करवा  देते हैं। उन्होंने सारे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिए थे। वकील को भी बुला लिया था। चाचा चाची ने पूछा कि यह कागजात असली है। वकील साहब  बोले थे। यह  बिल्कुल असली है। बैंक मैनेजर नें ₹500, 000  बन्टू के अकाउंट में डाल दिए।   चाचा चाची मकान के  मकान मालिक बन गए थे। थोड़े दिन उन्होंने चिंटू को कुछ नहीं कहा। मगर कुछ दिनों बाद चिंटू को कहा कि अब  यह घर हमारे नाम है तुम्हें इस घर में रहने के लिए  ₹5000 किराया देना होगा। चिंटू बोला मैं तुम्हें  किराया क्यों  दूं। यह मकान तो मेरा है।

 

चाचा चाची  बोले  तुम्हारे भाई नें यह तुम्हारा मकान तो हमारे नाम कर दिया है। चिंटू बोला कि मैं इस घर से नहीं जाऊंगा और ना ही मैं तुम्हें ₹5000 किराए दूंगा

उसके चाचा चाची ने कहा कि हम अदालत में जाकर सब कुछ तुमसे छीन लेंगे। तुम्हें इस घर से जाना ही पड़ेगा। चाची चाचा की बेटी अंजू सचमुच में ही बन्टू को प्यार करने लगी थी। जब बन्टू अपने चाचा चाची के पास आया तो उसने चाचा चाची को कहा कि आप तो बहुत ही झूठे हो। आपने सारे प्रॉपर्टी के कागज मुझसे छीन कर अपने नाम कर लिये और आप मेरे भाई को किराए देने के लिए कह रही हो। आप जैसा मक्कार इंसान मैंने कभी नहीं देखा है।

इसके लिए मैं आप दोनों को कभी माफ नहीं करूंगा। मैं एक ही शर्त पर आपकी बेटी से शादी करूंगा अगर आप दोनों अपने किए के लिए मेरे भाई से क्षमा मांगे कि नहीं तो मैं शादी नहीं करूंगा।मंजु तो बन्टू को दिलों जान से चाहती थी। बन्टू ने मंजु को कहा कि अगर तुम सचमुच में ही मुझसे प्यार करती हो तो तुम्हें अपने मम्मी पापा से सारे घर के कागजात ला कर मुझे देंनें होंगे नंहीं तो मैं सचमुच में शादी नहीं करूंगा। क्योंकि तुम्हारे मम्मी पापा ने सारे कागजों पर धोखे से हस्ताक्षर करवा लिए। मैंने अपने देवता जैसे भाई पर शक किया। अगर तुम्हें विश्वास ना हो तो सुनो।  उसने  मोबाइल में रिकॉर्ड किया वह सारा वृत्तांत मंजू को सुना दिया। मंजू को पहले विश्वास ही नहीं हुआ कि उसके माता-पिता ऐसा भी कर सकते हैं। बाद में मंजू को सब कुछ समझ में आ गया मंजू बन्टू से बोली कि तुम चिंता मत करो सब कुछ पहले जैसा ही हो जाएगा। मैं तुम्हारे दस्तावेज ला कर तुम्हें सौंप दूंगी।  तुम्हें मेरे मम्मी पापा के सामने यह दर्शाना होगा कि मैं चिंटू के खिलाफ हूं। चिंटू को किराया देना ही पड़ेगा। तब बन्टू मान गया।

 

मंजू और बन्टू ने दोनों ने मिलकर इस समस्या से निजात पाने के लिए एक षड्यंत्र रचाने। एक दिन बन्टू आकर चाचा चाची से बोला चाची मेरे भाई को तो मेरी सच मुँह में  चिंता ही नहीं है। अब मैं सदा के लिए यहीं आकर रहना चाहता हूं। मैं यह कागजात लाया हूं। आपको,  इन कागजात पर आपको हस्ताक्षर करने होंगे। इन कागजात पर मैंने लिखा है कि मेरा भाई चिंटू मुझे प्यार नहीं करता। अब मैं उसके साथ नहीं रहना चाहता। वह मुझे खूब सताता है उसने चाचा चाची का मकान भी अपने नाम कर लिया है। मैं यह सब बातें अपने चाचा चाची के सामने लिख रहा हूं। यह दोनों मेरे गवाह है। वह इन दोनों को मकान का किराया भी नहीं देना चाहता। उस ने अपने चाचा चाची को कहा कि मैंने इसकी 3 कॉपियां बनाई है। आपको इन तीनों पर हस्ताक्षर करनें होंगें। इन कागजों पर आप हस्ताक्षर कर अपनी बेटी मंजू के सामने करना वर्ना आप समझेंगे कि मैं तुमसे गलत कागजों पर हस्ताक्षर करवा रहा हूं। शाम को मंजू ने अपने मम्मी पापा से चार कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए नीचे उसने लिखा था कि सारे प्रॉपर्टी के कागज हमने बन्टू से लेकर अपने नाम करवा लिए थे। अब इन दस्तावेजों पर केवल बन्टू का ही अधिकार होगा। क्योंकि हमने धोखे से इनकी प्रॉपर्टी हथिया ली थी। अब तो मंजू ने सारे असली कागजात चिन्टू को वापिस कर दिए। पति के कागजों को वापस कर दिया और उसकी जगह नकली कागज़ रख दिए थे

बन्टू ने सारी बात अपने भाई को बता दी थी कि मैंने मंजू की मदद से अपनी असली दस्तावेजों को पुनः प्राप्त कर लिया है और उसकी जगह नकली कागजात रख लिए हैं। एक दिन मंजू के मम्मी पापा हवालात पहुंच गए और उन्होंने सारा किस्सा कह सुनाया कि चिंटू हमें किराया नहीं दे रहा है। यह घर के कागजात तो हमारे नाम है। वकील ने कहा कि यह घर के कागजात तो नकली है। उन्होंने कहा कि बन्टू ने हमें नकली दस्तावेज दिए हैं। हम इसको कभी माफ नहीं करेंगे। बैंक मैनेजर ने कहा कि जब आपने ₹500000 जमा किए थे तो हमने इन कागजात की एक कॉपी रख ली थी। यह तो असली दस्तावेज थे परंतु यह तो असली कागजात नहीं हैं। यह तो नकली है।

 

बन्टू बोला चाची चाचा मैं आप पर बहुत विश्वास करता था। परंतु एक दिन जब आप दोनों ने मुझसे सारे कागजात हथियाने की योजना बना ली मैं इस बात से अनभिज्ञ था कि कोई मुझसे घर के दस्तावेज छीन कर अपने नाम करवाना चाहता है। मेरे भाई ने मुझे एक मोबाइल ला कर दिया। आप दोनों ने जो बातें कही थी वह सारी बातें इसमें रिकॉर्ड है। सुनो उसने सारी बातें उन्हें सुनाई।  बन्टू बोला मेरे भाई ने मुझे बताया कि भाई मेरे तुम बहुत ही नादान हो।। उन्होंने तुमसे कागज तो छीन ली है। अभी प्रॉपर्टी अपने नाम करना चाहते हैं। तुम भी एक शर्त रखो 500000रु  मुझे दोगे तभी मैं तुम्हारे नाम यह घर करूंगा।  मेरे भाई ने जो मुझे कहा था वह मैंने आप लोगों से कहा क्योंकि मैं समझता था कि यह कागजात नकली है जिस पर हस्ताक्षर किए। असली दस्तावेज तो वकील के पास है। मगर शाम को मेरे भाई ने बताया कि वह नकली दस्तावेज नहीं थे। वह तो असली कागजात थे। हमने गलती से तुम्हें दे दिए थे। और नकली दस्तावेज हमारे पास रह गए थे। मैं इन दस्तावेजों को पुनः प्राप्त करना चाहता था इसके लिए मैंने आपकी बेटी के साथ मिलकर एक चाल चली और आप लोगों से कहा कि मेरा भाई मुझसे प्यार नहीं करता। मैं तुम लोगों के साथ रहना चाहता हूं। यह सब मैं आप लोगों के हस्ताक्षर करवा कर अपने घर के असली कागजों को पुनः प्राप्त करना चाहता था। मैंने घर के नकली दस्तावेज लाकर मंजू को दे दिए। मंजू ने नकली दस्तावेजों को लाकर अपने पास रख लिया और असली मुझे लौटा दिए। आप दोनों क्या कहना चाहते हो? अगर आप अपनी बेटी को हमारे घर की बहू बनाना चाहते हो तो आप दोनों को मेरे भाई से क्षमा मांगने होगी। अगर वह मान गए तभी मैं आपकी बेटी को अपने घर की बहु बनाऊंगा वर्ना आपकी बेटी यूं ही कुंवारी रह जाएगी। वह मुझे सच्चा प्यार करती है।

 

मंजू ने अपने मम्मी पापा को कहा कि बन्टू सच कह रहा है अगर आप दोनों ने चल कर चिंटू से माफी नहीं मांगी तो मैं भी इस घर से सदा के लिए चली जाऊंगी। चाचा चाची ने अपने बर्ताव के लिए चिंटू से माफी मांगी और कहा कि हमें क्षमा कर दो हमने तुम्हारे और तुम्हारे भाई के साथ बुरा व्यवहार किया। बन्टू हमारे घर का दामादहै। अगर आप इन दोनों को आशीर्वाद देगे। चिंटू ने अपने भाई को गले लगाकर अपने दादा दादी की फोटो के पास माथा टेका और उन्हें कहा कि आप इन दोनों को आशीर्वाद दो। आज मैंने अपना कर्तव्य पूरा किया।  चिन्टू नें भी जमीदार की बेटी के साथ अपना घर बसा लिया। दोनों भाइयों का परिवार खुशी खुशी रहने लगा।

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