किसी गांव में एक बुढ़िया रहती थी । उसका एक ही बेटा था। वह बहुत ही आलसी था और भोला था। इसलिए उसकी मां उसे भोलू नाम से ही बुलाया करती थी। वह अपनी मां का कहना कभी नहीं टालता था। उसकी मां अपने बेटे की इस आदत से परेशान थी कि मेरे मरने के बाद यह क्या करेगा ?क्या कमाएगा ?और क्या खाएगा ॽ वह उसकी शादी करने की भी सोच नहीं सकती थी ।वह जानती थी कि उसके बेटे की जिम्मेवारी भी बहू पर आ जाएगी इसलिए वह अपनें बेटे की शादी भी नहीं करवाती थी। उसकी मां हमेशा उसे कहानियां सुनाती थी कि बेटा हमें मेहनत करनी चाहिए। मेहनत शब्द सुनते सुनते भोलू के कान पक गए थे । उसकी मां खेत में काम करती थी। भोलू अपनी मां के साथ कभी कभी खेत में चलकर उसका हाथ बंटा दिया करता था।
उसकी मां को फसलों को बेचकर एक बार हजार रुपए मिले। मां ने उसे ₹500 दिए और कहा बेटा इसको तू रख ले । इन रुपयों को तुम सोच समझकर खर्च करना। तू भी कहीं छोटी-मोटी नौकरी कर ले अपने मां की इस प्रकार विनती करने पर वह एक साहुकार के घर पर काम करने लगा । मन तो उसका काम करने को नहीं करता था लेकिन मां की बात को टाल भी नहीं सकता था। साहुकार उसके काम से खुश था। उन्होंनें महीनें के अन्त में उसे ₹2000 दिए ।आज वह इतने रूपए पा कर बहुत खुश हुआ, लेकिन हजार रुपये उसने अपनी मां को थमा दिए और हजार उसनें अपने पास रख लिए। मां ने उसे कहा की इन्हें सोच समझ कर ऐसे इस्तेमाल करना चाहिए।। जिस से तुम्हारी आमदनी बढ़े।
वह अपनी कमाई को लेकर हाथ में चलते हुए सोच रहा था कि इन रुपयों का क्या करूं? अचानक ही उसे रास्ते में उसके दोस्त दिखाई दिए। वह सब उससे पार्टी मांग रहे थे । तुम भी भाई अब कमाई करनें लगे हो। हमें कुछ न कुछ खिलाओ ना।उसने अपनी सारी बात अपने दोस्तों को बता दीं कि मेरी मां कहती है कि हमें रुपयों का सदुपयोग करना चाहिए वरना हमें बाद में पछताना पड़ता है । उसके दोस्तों ने उसे सलाह दी कि हमें पार्टी देनें के बाद जो तुम्हारे पास रुपये बचेंगें उस की बचत कर लेना। उसने अच्छी खासी पार्टी अपनें दोस्तों को दे डाली। उसके पास कुछ ही रुपये बचें। उसके दोस्त बोले हमारे पडौस में एक चाची मां रहती हैं।उन की भी लौटरी निकल गई थी। हो सकता है ईश्वर तुम पर मेहरबान होन जाए। उस के दोस्तों ने झूठ-मूठ में मनगढन्त कहानी सुना दी। क्या पता तुम्हारी भी लौटरी निकल जाए। अपने दोस्तों की बातों में आ कर भोलू ने लॉटरी का टिकट खरीदनें का निश्चय कर लिया।एक दिन वह अपनें दोस्तों संग लौटरी कार्यालय गया।उसनें लौटरी का टिकेट खरीद लिया। लॉटरी का टिकेट खरीद कर वह बहुत खुश हो रहा था के आज तो मैनें भी अपनें कमाए रूपयों का सदुपयोग किया है। उसके पास से रुपयेे उधार ले कर दोस्तों नें भी लॉटरी के टिकेट खरीद लिए थे।l
घर आया तो उसकी मां बोली कि बेटा रुपयों का तुमने क्या किया ॽ तब उसने अपनी मां को सारी बतायी। उसकी मां बोली बेटा तू बहुत ही भोला है। हर किसी की बात में आ जाता है।तेरे दोस्त तेरा बेवकूफ बनाना चाहते हैं बेटा। तुझे न जानें कब अक्ल आएगीॽ बाकी रहे सहे रुपए तूने दोस्तों में उड़ा दिए ।अभी तो मैं जिंदा हूं बाद में तुम्हारा क्या होगाॽ मुझे तो तेरे भविष्य की रात दिन चिंता सताती रहती है कि तू आगे चलकर कहीं मार ना खाए ।बेटा संभल जा अभी भी वक्त है। वह मां को बोला मैं क्या करूॽं मेरी प्यारी मां आगे से तूझ से पूछ कर ही रुपयों का इस्तेमाल किया करूंगा। उसने वह लॉटरी का टिकट अपनी मां के पास थमा दिया। बोला मां इसे संभाल कर रख दो। मां बोली तू इसका क्या करेगा ॽ तू तो नीरा बुद्धू की बुद्धू ही रहा। उस की मां नें वह टिकेट लेकर जा कर अपने पूजा स्थल पर रख दिया वह मन ही मन बोली हे ईश्वर मेरे नादान बेटे को अक्ल दे देना। भोलू की मां नें अपनें मायके जानें से पहले भोलू को हिदायत दी कि बेटा अब कोई भी काम करो उसे करनें से पहले सोच समझ कर और मेरी सलाह से किया करो।उस की मां नें अपनें बेटे को कहा अपनी सेहत का ध्यान रखना वह यह कह कर चली गई। काफी दिन व्यतीत हो चुके थे।उसके दोस्त आपस में हंसते हमनें उसे बेवकूफ बना दिया कि हमारे पडौस की चाची मां की लौटरी निकली है।वह तो हमें उसे चूना लगाना था।।
एक दिन भोलू के दोस्तों ने जब अखबार में अपनें दोस्त की फोटो देखी तो हैरान रह गए उनके दोस्त भोलू की लौटरी निकल गई थी।
भोलू तो इस बात से बिलकुल बेखबर था कि उसकी भी लॉटरी निकल सकती है । उसने 6 करोड तो क्या हजार रुपये भी बड़ी मुश्किल से देखे थे ।उसके दोस्तों ने उस के घर आ कर भोलू को यह समाचार सुनाया।और कहा भोलू उठो देखो तुम्हारी लौटरी निकल गई है। तुम्हारी अखबार में फोटो भी छप गई है।वह कहनें लगा अभी मैं सो रहा हूं।तुम फिर आज मुझ से पार्टी लेनें के बहाने मेरा बेवकूफ बना रहे हो।जब मेरे पास बहुत रुपये-पैसे हो जाएंगे तब तुम को पार्टी अवश्य दूंगा।अभी कृपया कर के मुझे सोनें दो।उसके दोस्त उसे उठानें की कोशिश करतें हैं मगर हार कर घर वापिस जाने लगतें हैं।।प्रैस रिपोर्टर उसके घर पर उसको बधाई देनें आंतें हैं और उसका फोटो लेना चाहतें हैं। अपने घर में दोस्तों का जमघट देखकर वह परेशान हो जाता है ।उसके घर के बाहर इतने लोगों का जमघट देखकर वह कहता है भाई मुझे अभी आराम करने दो। मुझे बड़े जोर की नींद आ रही है बाद में आना अभी मेरी मां भी घर पर नहीं है। नींद तो मुझे बहुत ही प्यारी है मैं अभी तुम्हें इंटरव्यू नहीं दे सकता जब मैं सोकर उठ जाऊं तब तुम आ जाना ।प्रेस रिपोर्टर घर से बाहर चले गए ।यह कैसा इंसान है जो करोड रुपये-पैसे पाकर भी मजे की नींद सो रहा है। उसके दोस्त
यह तो निरा बुद्धू का बुद्धू है। किसी अच्छे से किसी प्रसिद्ध व्यापारी से मिलकर सांठगांठ करते हैं ।उसको भी अपने इरादों में अपने साथ मिलाकर उस से छह करोड़ की प्रॉपर्टी को उससे छीन लेंगें।
उसकी मां को जब पता लगा कि उसके बेटे की 6 करोड़ की लॉटरी निकली है तो वह घर आ कर अपने बेटे को कहने लगी बोली बेटा एक करोड़ रुपए तो तू मेरे पास दे दे वरना तेरा क्या पता ॽतू तो इनको यूं ही व्यर्थ में गंवा देगा। उसने एक करोड रुपये अपनी मां के अकाउंट में जमा करवा दिए ।उसकी मां ने कहा बेटा तू मेहनत करके तु्म इन रुपयों से गरीबों की मदद कर सकते हो जो कुछ करना चाहो वह तुम कर सकते हो ।इनका उपयोग सोच समझ कर करना ।
उसके दोस्त अपनी योजना में सफल हो जाते हैं ।एक नामी करोड़ी सेठ मल के पास जाकर उसे भी अपने साथ रुपयों का लालच देकर उसे भी अपने साथ मिला देते है। करोड़ीमल उनके दोस्तों को एक टापू के बारे में बताता है कि उस टापू पर जमीन बिकने के लिए खाली है। वह उस टापू का पता उसके दोस्तों को दे देता है ।जब भोलू को लॉटरी का टिकट ईनाम में लग जाता है उसके दोस्त उस से कहते हैं कि हमारी नजरों में समुद तट के पास एक जमीन का टूकडा खाली पड़ा है अगर तुम उस टापू को खरीद लेते हो तो हम भी तुम्हारा साथ देंगे। हम भी तुम्हारे साथ तुम्हारी सहायता करेंगे ।तुम तो और अधिक अमीर बन जाओगे। करोड़ीमल बहुत ही लालची था। वह तो उन दोस्तों से भी ज्यादा कंजूस था। वह अपने मन में खुश होता है कि वह बंजर टापू का पता बता कर उसने भोलू के दोस्तों को भी बेवकूफ बना दिया । यह जमीन का टुकड़ा तो उसके एक दोस्त का टापू है।वह तो बिल्कुल बंजर है लेकिन उसके दोस्त भी उसे बुद्धू बना रहे थे ।जब वह टापू खरीद लेगा तब वह वहां कुछ नहीं कर पाएगा। वह तो बिल्कुल बंजर है।उसमें कोई भी फसल नहीं उग सकती है। चापलूसी करके उसके दोस्त भोलू को उस टापू को खरीदने पर विवश कर देते हैं ।वह उसे कहते हैं कि उस टापू को खरीदनें से उस क सोए हुएे नसीब जग जाएंगे। तू उसको जल्द ही खरीद डाल। उसकी मां उस समय घर पर नहीं होती ।वह अपने दोस्तों के बहकावे में आकर उन सब रुपयों से एक टापू खरीद लेता है । करोड़ीमल तो उन दोस्तों से 10000 रुपए कमा कर वह जमीन का टुकड़ा भोलू को दिलवा देता है।धीरे धीरे भोलू के साथियों को मालूम हो जाता है कि उस करोड़ीमल ने हमें भी चूना लगाया। हम से 10000 रुपये-पैसे भी लिए और हमें भी यह बुद्धू बना गया। उसे 6करोड़ मिले और बदले में उनहें कर मिला ॽ कुछ भी नहीं।इस करोड़ीमल से अच्छा तो हमारा दोस्त था हमनें तो उस को बेवकूफ बनाया।उसको बेवकूफ बनाते बनाते हम खुद इतना बड़ा धोखा खा गए।आज हम को महसूस हो रहा है हमनें तो अपने नादान दोस्त को भी नहीं छोड़ा। हमें अपनें दोस्त को ढूंडना होगा।
उस की मां नें जब यह सुना तो वह बहुत ही उदास हुई।वह भोलू से बोली तुम अपनें दोस्तों के बहकावे में आ ही गए।मुझे तो इस बात का अनुमान पहले से ही था।अभी भी सुधर जाओ तो ठीक है।बिना मेहनत किए कमाई का ऐसा ही हश्र होता है। वह बोला मैनें आप की बात न मान कर बहुत बड़ी गलती कर दी है।उसकी मां बोली उस दौलत के जानें का तुम्हें पश्चाताप नहीं करना चाहिए। करोडों की दौलत तो तुम्हारे पास है। वह बोला अब कौन सी दौलत की बात कर रही हो।वह बोली बेटा तुम्हारे शरीर के एक एक अंग सही सलामत है।यह दौलत क्या करोडों से कम है।इन अंगों से तुम क्या नहीं कर सकते। मैनें एक करोड़ रुपये-पैसे बचा कर पहले रख लिए थे। वह अब तुम्हारे काम आएंगे। इन रुपयों से अच्छी किस्म का बीज खरीदना।अपनी मेहनत का एक एक पल बिना गंवाए व्यतीत करना।तुम अपनें दोस्तों को दिखा सकते हो कि वह हारा नहीं बल्कि असफलता और निराश होनें पर भी पहले से कहीं ज्यादा निखर कर सोना बन सकता है।तुम्हारे दोस्त पीठ पिछे तुम्हारी हंसी उड़ानें से बाज नहीं आएंगे।तुम उन की परवाह मत करना।
भोलू सब कुछ समझ चुका था। उसने अपनी मां को कहा कि अगर मेरे दोस्त मेरा पता पूछने पर आए तो आप उन्हें मेरा पता मत बताना।वह अपनी मां का आशीर्वाद लेकर दुसरे प्रान्त में रहनें चला गया।
एक दिन उसके दोस्त उसे ढूंढनें के लिए भोलू के घर आ गए।वे भोलू की मां को हाथ जोड़कर बोले हमारा दोस्त कहां हैॽ
भोलू की मां बोली यहां से चले जाओ।तुम नें यह भी नहीं सोचा कि तुम नें अपनें मासूम दोस्त को दगा दिया । तुम सब यहां क्या लेने आए होॽमुझे भी नहीं पता वह कहां हैॽ भोलू के दोस्त उन से फरियाद कर रहे थे हम भी मिल कर उसके जमीन के टुकड़े को फिर से मेहनत कर के उस को खेती योग्य बना देंगें।हमें आप भी मौफ कर दो।उसका पता हमें बता दो वह कहां रहता हैॽ भोलू की मां बोली तुम्हें अगर अपनें दोस्त से जरा भी लगाव है तो उसे खुद ही ढूंढनें का प्रयत्न करना होगा।भोलू के दोस्त निराश हो कर वहां से चले गए।
सारे के सारे दोस्त उसको ढूंढते ढूंढते उस टापू तकं पंहुच गए।उसके पास जा कर कहतें हैं तुम्हारे पास 6 करोड आते देखकर हम बर्दाश्त नहीं कर पाए इसलिए हमने करोड़ीमल के साथ मिलकर ही एक योजना बना डाली कि कैसे तेरे 6 करोड रुपए को चूना लगाया जाए ।हमें तुझसे ईर्ष्या हो रही थी तू एकाएक अमीर कैसे बन गया और हम सब कंगाल के कंगाल ही रह गए।
बेटा जो कुछ होता है शायद वह अच्छे के लिए ही होता है।हार कर पीछे हट जाना कायरता है। बेटा समझ अभी भी आ जाए तो क्या बुराई हैॽ तुम अब जांच परख कर ही कोई फैसला करना। पश्चाताप करने से कुछ हासिल नहीं होगा। तुम्हारे दोस्त पीठ पीछे तुम्हारा मजाक उड़ाने से पीछे नहीं हटेंगे तुम निडर हो कर उसी तरह मस्त होकर जीना जैसे पहले जीते थे।
भोलू राम को अपनी मां की एक एक शब्द समझ में आ रहे थे । वह अपने मन ही मन सोचने लगा ठीक है अभी मुझे समझ आ गई मेरी मां ठीक ही कहती है कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती । आज से ही मेहनत को अपना लक्ष्य बना लूंगा ।यह टापू बंजर होगा तो क्या ॽ1 दिन उस बंजर जमीन में भी फसलें उगा कर दिखा दूंगा। मैं मेहनत के दम पर एक दिन विजयश्री हासिल करके ही रहूंगा ।उसने अपनी मां को साथ लिया और उन के साथ के उस टापू के पास बनें हुए बंजर जमीन पर चल कर छोटा सा मकान ले कर वहां रहने लगा ।वह जी लगा कर मेहनत करनें लगा। आते जाते लोग उसकी खिल्ली उड़ाते कभी बंजर भूमि में भी फसल उगती है क्याॽउसने अपनी मां के बचाए हुए रुपयों से बीज खरीदा ।कुछ खेत को खेती लायक बनाया। यह परवाह नहीं की कि इसमे अनाज भी उगेगा या नहीं ।इसी तरह मेहनत करते करते उसे 8 महीने हो गए । करोड़ी मल नें उसके दोस्तों को भी चूना लगा दिया था। उसनें सारे के सारे दोस्तों को कहा कि तुमने अपने दोस्त को तो दगा दिया। बंजर जमीन दिलवाकर तुम भी अब पछताओगे मुझे तो रुपये हासिल करने थे ।वह रूपये अब मुझे मिल गए हैं ।तुम अब कभी भी चैन की नींद नहीं सो पाओगे ना तुम और ना तुम्हारा दोस्त। सब के सब दोस्त बहुत ही शर्मिंदा हुए। उन्होंने अपनी कमाई हुई जो संपत्ति थी वह करोड़ीमल को दे दी थी ताकि उसका दोस्त भी बेकार हो जाए। ठीक ही कहा है कि जो किसी के लिए गड्ढा खोदता है उसका नुकसान पहले होता है।अब यह सारी बात उसके दोस्तों को समझ में आ गई थी
एक दिन सब के सब दोस्त तो घुमते घुमाते उस टापू पर उसका पता पूछते पूछते अपने दोस्त को मिलने पहुंचे उसको इस प्रकार खुशी खुशी काम करता देख कर और उसकी हिम्मत को देखकर , हल चलाता देखकर वह मन ही मन बहुत पछतातें हैं। वह भोलू के पास आकर बोले कि हमने तुम्हारे जैसे अच्छे दोस्त को गंवा दिया और हमने तुम्हारे 6 करोड रुपयों पर पानी फिरा दिया ।हम लालच के फेर में पड़ कर हमनें तुम्हारा नुक्सान करवा दिया।आज से हम भी तुम्हारे साथ मिलकर काम करेंगें।जब तक इस बंजर जमीन में मेहनत और लग्न से हम इस बंजर जमीन को खेती लायक बना देंगें ,तब तक हम आराम करनें के बारे में सोच भी नहीं सकते। हमारी मेहनत निष्फल नहीं जाएगी। हमने तुम्हें भी कंगाल बना दिया ।हमें अपने किए का फल मिल चुका है । उन्होंनें भोलू को बताया किस तरह से
उस करोड़ीमल ने तो हमें भी बेवकूफ बनाया। करोड़ीमल ने हमसे कहा कि तुमने अपने दोस्त के साथ हेराफेरी की है तुम्हें भी यही सजा मिलनी चाहिए ।वह हम से ₹10000 लेकर चलते बने लेकिन अब हमें समझ में आ गया है।भाई हमें माफ कर दो ।हम हम तुम्हारे साथ मिलकर इस बंजर जमीन को सोना बना देंगें।
भोलू ने अपने दोस्तों को माफ कर दिया ।वह दिन-रात उस टापू की खुदाई करने लगे और जमीन को खेती योग्य बनाने लग गए।
एक दिन जब वह खेती कर रहे थे तो अचानक भोलू राम को कुछ खुदाई करते वक्त टन टन की आवाज सुनाई दी ।उन्होंने जब खुदाई की तो ना जाने वहां पर कितने अरबों की संपत्ति गढ़ी थी। भोलू राम को उसकी ईमानदारी का फल मिल गया था ।उसने सब रूपया बैंक में डाल दिया और उसने अपने दोस्तों को भी रोजगार दिया ।गरीबों के लिए घर और बेसहारा लोगों के लिए रहने के लिए मकान बनाए ।करोड़ीमल भी आश्चर्यचकित रह गया वह भी आकर भोलू के पांव पड़ गया और उसने उसे क्षमा मांगी ठीक ही कहा है भगवान जिसको देता है छप्पर फाड़ कर देता है। दूसरों खड्डा खोदनें वालों को सबक सिखा कर कड़े से कड़ा दंड देता है।