बदला

एक किसान था उसकी पत्नी और एक बेटा था। वह अपनी पत्नी और बच्चे को हमेशा खुश रखता था। वह दिन रात खेत में मेहनत करके कमा कर लाता था। उससे उसकी आजीविका चल रही थी खेत में खुदाई कर रहा था तो उसने देखा खुदाई करते करते एक सांप उस की चपेट में आ गया था सांप तो मर गया था सांप का छोटा सा बच्चा था ।

सांपिन वहां नहीं थी ।वह सोचने लगा अगर वह सांपिन जिंदा होगी तो वह जरुर हमसे बदला लेगी ।चाहे बदला ले या कुछ भी हो मैं इस बच्चे को घर ले जाऊंगा आज से यह मेरा बेटा होगा ।मेरा एक बेटा है आज से मेरे दो बेटे होंगे ।उसने सांप के बच्चे को टोकरी में डाला और अपने घर ले आया ।सांपिन ने उस किसान को देख लिया था ।सांपिन जैसे ही अपने बिल में आई उसका सांप मरा पड़ा था। रो-रो कर उसने अपना बुरा हाल कर दिया था। उसको मालूम हो गया था कि किसान ने उसके पति को मार दिया था मेरा बच्चा भी शायद उसने मार दिया होगा ।उसने अपने पति को वचन दिया कि मैं इसको मार कर ही दम लूंगी,तब मैं तुम्हारे पास आ जाऊंगी मैं कसम खाकर कहती हूं कि आज मैं भी इस के घर के एक-एक सदस्यों को मार कर ही दम लूंगी ।किसान हर रोज खेत में काम करने हल जोतने जाता था ।उसकी कुदाली में खून लगा था । सांपिनको पता लग गया था कि ये काम किसान का ही है। उसने ही मेरे पति की जान ली है ।वह किसान के पीछे पीछे उसके घर तक आ गई ।किसान तो घर के अंदर चला गया था था वह घर के बाहर ही इंतजार करने लगी कब यह घर का द्वार खोले या खिड़की खोले जिससे वह अन्दर घुस सके। किसान को जैसे ही बाहर जाते देखा कि किसान की पत्नी ने खिड़की खोल दी।खिड़की के एक कोने से सांपिन आ गई और बिस्तर के एक कोने में छिप गई ।वहां पर किसान का बेटा एक चटाई पर खेल रहा था। चटाई पर सभी ने उसे खेलते देख लिया था।सांपिन ने किसान के बेटे को डस लिया खिड़की के बाहर जब सांपिन जा रही थी तो किसान ने देख लिया था। वह अंदर से आ कर दौड़ता दौड़ता चिल्लाया चीकू चीकू चीकू ।किसान की पत्नी ने भी सांपिन को बाहर निकलते देखा ।किसान को आभास हो गया था कि सांपिन अपना बदला लेने आई है उसने हमारे बच्चे को शायद डस लिया होगा। अंदर जाकर किसान की पत्नी और किसान ने देखा कि उसके बेटे को सांपिन ने डस लिया था वह जोर जोर से चिल्लाने लगी बचाओ- बचाओ वह दोनों उसे अस्पताल तो ले जाना चाहते थे मगर उनके गांव में कोई भी अस्पताल नजदीक नहीं था ।उसके पास इतने अधिक रुपए नहीं थे जिसे वह अपने बच्चे को बचा पाते। उनके बेटे के मुंह से झाग निकल रहा था ।वह मर चुका था। दोनों ने अपने बेटे को दाह संस्कार कर दिया । वह दोनों गुमसुम रहने लगेथे।

किसान बोला अब यह सांप का बेटा ही हमारा बेटा है ।हम उस सांप के बेटे को ही अपना बेटा समझ कर पाल लेंगे ।हम दिन-रात उसकी देखभाल करेंगे जैसे अपने बेटे की करते थे। मुझे लगता है कि सांपिन को उसके बेटे को मारकर कुछ राहत मिली थी । वह किसान को मारने आई ।वह खिड़की के सहारे अंदर छिप कर घूम रही थी। वहां का दृश्य देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई वहां पर किसान और उसकी पत्नी सांप को दूध पिला रही थी। उसे देख कर रो पड़ी। यह दृश्य देखकर वह हैरान हो गई मैंने तो उसके घर के चिराग को मार दिया। किसान ने भी तो बिना सोचे समझे उसके पति को मार दिया था। उसे क्या पता था उसका बच्चा जीवित है ?वह उसे अपने बच्चे जैसा ही प्यार दे रही थी। उसकी आंखों से आंसू छलक गए। अगर उसने अपने बच्चे को इस तरह देखा होता तो उस दिन मैं उनके बच्चे को नहीं मारती इन्होंने भी तो अपने बच्चे को खोया है मैंने अपना बदला इसके बच्चे को मार कर ले लिया है ।मैं देखना चाहती हूं कि यह सच में ही वे उसे अपना बेटा मानते हैं या नहीं ।जब सांपिन ने देखा कि किसान और उसकी पत्नी सांप को हर रोज दूध पिलाते थे सांपिन ने कहा अगर मैंने अपने सांप को सच्चे दिल से प्यार किया है तो इन किसान और उसकी पत्नी को कहीं से भी एक बच्चा दे ।

मैंने हमेशा अपने पति के अतिरिक्त किसी सांप की और देखा भी नहीं ।मैंने भी इनके बच्चे को भी अनजाने में मार दिया। वह मंदिर में चक्कर काट रही थी किसान और उसकी पत्नी ने देखा उन का दरवाजा किसी ने खटखटाया? किसान की पत्नी ने किसान को कहा हमारे घर का दरवाजा कोई खटखटा रहा है। किसान ने दरवाजा खोल दिया उसके सामने एक सेठ और सेठानी खड़े थे। उनकी गोद में एक बच्चा था ।उसके हाथ में अटैची थी ।सेठानी ने किसान के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा कृपया हमारे बच्चे को बचा लो ।इस को सांपिन ने काट लिया है ।हमारे पीछे गुंडे पड़े है ।अभी भी हमसे हमारा बच्चा छीनने आ रहे हैं । तुम अगर हमारे बच्चे को बचा लोगे तो भगवान तुम्हारा भला करेगा! वह बच्चे को छोड़कर वहां से चले गए ।किसान ने बच्चे को पकड़ लिया था और दरवाजा बंद कर दिया था ।किसान रो रहा था आज फिर इस बच्चे को सांप ने काट लिया ।हे भगवान !इस बच्चे को बचा लो मैं इस बच्चे को अस्पताल ले जाता हूं तो यह रास्ते में ही यह दम तोड़ देगा ।अगर उन गुंडों ने इस बच्चे को देख लिया तो वे इस बच्चे को भी पकड़ लेंगे ।मैं इस बच्चे के गले से सोने का लॉकेट निकाल लेता हूं। वे लौकट छिननेके लिए इस बच्चे को पकड़ रहे होंगे ।किसान ने उसका लौकट अपने कमीज में छुपा लिया। किसान की पत्नी अपने पति किसान की तरफ देखकर बोली चलो इस को बचाते हैं । सापिन खिड़की से सब कुछ देख रही थी ।उसने अपनी मणि नीचे गिरा दी थी ।किसान ने देखा मणि उसके सामने पड़ी थी ।वह चौका उसने चुपचाप मणि को उस बच्चे के काटे हुए स्थान पर लगा दिया। उस मणि ने सारा जहर चूस लिया था वह बच्चा बच गया था दोनों ने उसे हल्दी वाला दूध पीने को दिया। वह दोनों बच्चे को जिन्दा पाकर खुश थे ।थोड़ी देर के लिए सोचनेे लगे कि हमारा बेटा वापिस आ गया है । यह तो उस सेठ -सेठानी का बेटा है ।चलो इस बच्चे की जान तो हमने बचा ली है ।कुछ दिनों तक तो सांपिन उनके घर नहीं आई। उसे मालूम हो गया था कि इन दोनों को बच्चा मिल गया है ।

बच्चा चाहे किसी का भी हो ।सेठ -सेठानी को उन गुंडों ने मार दिया था ।किसान जब खेत में जा रहा था उसे चौराहे पर सेठ और सेठानी मरे हुए मिले। पुलिस छानबीन कर रही थी किसान और उसकी पत्नी ने उस बच्चे से पूछा बेटा तुम्हारा नाम क्या है?वह बोला चीकू ।किसान और उसकी पत्नी की आंखों में आंसू छलक आए। वह बोले आज हमारा चीकू वापिस आ गया है । वह चीकू को अपना बेटा मानने लग गए थे ।सांपिन बीच-बीच में अपने बच्चे को देखने आती थी ।एक दिन सांपिन के मन में आ गया कि कहीं वह किसान और उसकी पत्नी उस बच्चे को पाकर मेरे बच्चे के साथ अन्याय तो नहीं कर रहे हैं। वह मेरे बच्चे को भी प्यार करते हैं या नहीं मुझे इनकी परीक्षा लेनी होगी। सांपिन ने एक सपेरे का रूप धर लिया। वह महात्मा बनकर वहां पर पहुंच गए। किसान से बोले यहां पर कौन-कौन रहता है ?किसान बोला मेरे दो बेटे हैं । चीकू और मीकू। संपेरा बोला तुम्हारा एक ही बेटा इधर दिख रहा है ,दूसरा बेटा कहां है मुझे यहां पर शराब की गंध आ रही है। तुम्हारे घर में सांप है क्या ?वह बोला तुम्हें कैसे पता चला ?वह सांप नहीं है वह हमारा बेटा है ।इसका नाम मिक्कू है।वह बोला इस सांप को मुझे दे दो। वह बोला इसको मैं किसी भी कीमत पर नहीं दे सकता। मुझसे बड़ा भारी अपराध हो गया था ।मैंने इसके पिता को अनजाने में मार दिया। मैंने उस दिन कसम खाई थी कि चाहे मेरी जान भी चली जाए मैं उसे किसी को भी नहीं दूंगा ।संपेरा बोला चलो ,अच्छा कोई बात नही तुमं इस बच्चे को मुझे दे दो ।वह बोला मैं इसे नहीं दूंगा मेरे दो बच्चे हैं ।वह दोनों मेरी जान है ।तुम मुझे मार दो ।मेरी पत्नी को मत मानना क्योंकि मेरी पत्नी ने इन दोनों को पालना है ।कृपया मेरी पत्नी को मत मारना। संपेरा बोला बातें मत बनाओ। अच्छा अगर तुम यह यह बच्चा नहीं देना चाहते तो यह मणि मुझे दे दो। किसान बोला ठीक है मेरे दोनों बच्चों को छोड़ दो। इस मणि को ले जाओ हमें इस मणि से कुछ नहीं लेना। संपेरे ने मणि उठा ली थी। सपेरा मणि को ले करअचानक बाहर निकल गया । सांपिन का रूप धर कर खिड़की के झरोखों से देखा दोनों पति पत्नी ने मेरे बच्चों को अपने बच्चे जैसा प्यार दिया है ।वह दोनों सच्चे हैं ।मेरा बदला अब पूरा हुआ ।बाहर निकलकर वह सांप के बिल में पहुंच गई ।जहां पर सांप मरा पड़ा था। सांपिन वंही पर पंहुच गई जंहा उसके साथी ने अपनी जान दे दी थी।वह मर कर अपने सांप के पास पहुंच गई थी ।उसने किसान और उसकी पत्नी को छोड़ दिया था ।जब किसान बाहर आया तो उसके घर के बाहर सांपिन मरी पड़ी थी ।मणि वही पर पड़ी थी। किसान रो रहा था किसान को सारा माजरा समझ आ चुका था। वह अपने बेटे को देखने आई थी।शायद संपेरे के के वेश मे किसान ने उसे जला दिया था। आज किसान खुश था ।आज उसके दिमाग से सारा बोझ हट चुका था।

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