ज्ञान तो है अनमोल खजाना।
उपलब्धियों का भंडार सुहाना।।
ज्ञान से बढ़ कर नहीं कोई सानी।
इसकि कीमत न किस नें जानी।।
ज्ञान तो है अनमोल।
इसकी कीमत बेजोड़।।
हीरे मोती से ज्यादा कीमती है ज्ञान।
इसको अर्जित कर व्यक्ति बनता है महान।।
विद्या है व्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ सम्मान।
चोर भी चुरा कर नहीं कर सकता इसका अपमान।।
आओ ऐसा समाज बनाएं, बच्चा-बच्चा पढ़ लिख कर सुसभ्य और संस्कारी बन जाए।
आर्दश नागरिक बन कर अपने और नयी पीढ़ी के जीवन को महकाएं।।
ज्ञान अर्जित करवा बौद्धिक चेतना का विकास कराए।।
बच्चे कि सुषुप्त क्षमताओं को निखार कर उसके भविष्य को सुखद और सुन्दर बनाए।।
जन्म से मृत्यु तक चलता रहता है ज्ञान।
बच्चे कि ज्ञान पिपासा बढ़ा अच्छे संस्कार जगाता है ज्ञान।।
व्यक्ति में मानसिक निर्णय को जगाता है ज्ञान।
अपनें आस-पास, देश-दुनिया कि समझ करवाता है ज्ञान।
उसकी बुद्धि को बढ़ा कर गुणों और अवगुणों को दर्शाता है ज्ञान।।
सीखनें के प्रति उत्सुकता श्रद्धा को बढ़ाता है ज्ञान।
लगातार अभ्यास से मजबूत किया जा सकता है ज्ञान ।।
अंतनिर्हित शक्तियों का सर्वोत्तम प्रयास है ज्ञान।
स्वयं कि दक्षता और परिणाम का एहसास है ज्ञान।।
उन्नति के मार्ग प्रशस्त कर ऊंचाईयों के शिखर तक पहुंचाता है ज्ञान।
व्यक्तित्व को निखार सम्मान से जीना सीखाता है ज्ञान।
भले और बुरे कि पहचान करवाता है ज्ञान।
आत्मविश्वास कि प्रेरणा को जगाता है ज्ञान।।
बांटनें से बढ़ता है ज्ञान।
दिन रात व्यक्ति के स्तर में उन्नति कर चार चांद लगाता है ज्ञान।।