स्कूल की घंटी बजी सारे के सारे बच्चे कक्षा में शोर मचा रहे थे। स्कूल में अध्यापकों की मीटिंग चल रही थी। मुन्नी रिंकू चुन्नू बंटी चारों के चारों इकट्ठे ग्रुप में बैठे हुए थे। तभी बिट्टू आया बोला सॉरी मै लेट हो गया। उसके चारों दोस्त उसे देरी से आता देख कर उस पर हंसनेंलगे। वह तो हमेशा ही देर से आता है। उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। बिट्टू एक अमीर परिवार का लड़का था। ऐशो-आराम में पला-बढ़ा वह हरदम शरारतें किया करता। पढ़ाई का तो नाम नहीं लेता था। वह तो बस मौज मस्ती करता देर से उठना और उठने के बाद बाइक ले लेता और इधर उधर सैर करने निकल पड़ता। पढ़ाई तो करना तो वह जानता ही नहीं था। सातवीं कक्षा तक तो वह नकल करके पास हो गया। उसके मम्मी पापा भी उसकी ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। उसके पापा चाहते थे कि वह स्नातक.की पढाई तो कर ले तब उसे कहीं नौकरी में लगा देंगे। वह अपने पापा के व्यापार को संभालने में उनकी मदद करेगा। वह उसे कहते थे कि तुम तो केवल अपनी पढ़ाई की तरफ ही ध्यान दो बाकी तुम्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उनका आलीशान बंगला गाड़ी सब कुछ था उनके पास इसीलिए शायद बिगड़ गया था। मैडम ने कितनी बार बिट्टू के पापा के पास बिट्टू कि शिकायत कि वह कभी भी पढ़ाई नहीं करता है ना जाने आपका बेटा कैसे पास हो जाता है? ठाकुर साहब। अभी संभल जाओ वर्ना आपका बेटा एक दिन आपके कारोबार को भी संम्भालनेंयोग्य नहीं बन पाएगा। उसके पापा उसकी इन शिकायतों से बहुत ही परेशान आ चुके थे। बिट्टू दौड़ा दौड़ा मुन्नी के पास आया बोला देखो मैं तुम्हारे लिए चॉकलेट ले कर आया। उसनें दो चॉकलेट मुन्नी को थमा दी।मुन्नी बोली मुझे चौकलेपट नंहीं खानी है। बताओ तुम्हें आज क्या खाना मैं तुम्हें ले आऊंगा। मुन्नी हैरान हो कर बोली और भी तो तुम्हारे दोस्त हैं। उनको तो तुम कभी पूछते भी नहीं हो। मुझे क्यों खिलाना चाहते हो? वह बोला क्योंकि तुम मेरी बहुत ही पक्की दोस्त हो। तुम बहुत ही अच्छी हो। वह उसे चॉकलेट देकर चला गया।
मुन्नी केपास रिंकू चुन्नू बंटी आए बोले वाह वाहअकेले-अकेले चॉकलेट खा रही हो।। वह बोली मुझे बिट्टू नें दी है। चुन्नू बोला तुम तो बिल्कुल ही भोलीहो। तुम्हें पता भी है वह तुम्हें ही चॉकलेट क्यों देता है।? हम सब भी तो उसके दोस्त हैं। तुम्हें पता भी है। वह तुम्हारी नकल करके पास हो जाता है। एक तुम ही हो जो उसको नकल करवा कर पास करवा देती हो। नकल करवाना बहुत ही बुरी बात है। इसलिए वह तुम्हारे दम पर पास होता है। और वह ना ही किताबों को भी पढ कर नहीं देखता है। उसे पता है कि उसकी दोस्त उसेनकल करवा देगी। तुम उसके साथ अच्छा नहीं कर रही हो। तुम उसकी दोस्त नहीं तुम तो उसके शत्रु हुई। अभी तो उस का भला हो जाएगा परंतु क्या कभी सोचा है नकल करके पढ़ाई करेगा तो उसे कुछ भी हासिल नहीं होगा। वह तो मेहनत कभी करेगा ही नहीं। वह चाहता है कि मैं हमेशा नकल करके पास होता हूं इसी आदत के कारण वह कभी मेहनत नहीं करता नकल करके पास हो जाता है। कहीं ना कहीं तुम भी इस बात के लिए जिम्मेदार हो।
मुन्नी जब घर आई तो बेहद उदास थी उसके दिमाग में अपने दोस्तों के शब्द गूंज रहे थे। कहीं ना कहीं नकल करवाने के लिए तुम ही जिम्मेवार हो। वह सोचने लगी की क्या करूं? रात को वह सो भी नहीं पाई। वह दौड़ी दौड़ी अपनी मां के पास गई बोली मां मुझे बताना हमारे स्कूल में एक लड़का है बिट्टू। वह एक रईस मां बाप का बेटा है। वह हमेशा स्कूल में मेरी नकल करके पास हो जाता है। मैं क्या करुं? मेरे दोस्त कहते हैं कि तुम उसके साथ बुरा कर रही हो। आज तो वह पास हो जाएगा लेकिन जिंदगी की दौड़ में पिछड़ जाएगा तब वह तुम्हें बद्दुआ देगा कि उनकी वजह से मैं आगे नहीं बढ़ पाया। वह हरदम मुझे नकल करवा देती थी।
मुन्नी की मां बोली बेटा तुम बहुत समझदार हो उसका फैसला तुम्हें ही करना चाहिए। अगर आज हम तुम्हें समझाएंगे तो वह ठीक नहीं होगा। इस समस्या का हल तो स्वयं तुम्हें ही खोजना होगा। अगर हम भी तुम्हारी सहायता करने लगे तो तुम हर बार कोई ना कोई इस मसले पर हमारे पास आओगी तब तुम इस समस्या को हल अपने आप नहीं कर पाओगी इसलिए तुम जो भी फैसला लोगी वह ठीक होगा। हमारी तरफ से तुम्हें चिंता करने की जरुरत नहीं है। मुन्नी चुपचाप वापिस आ गई। स्कूल में भी उसका मन ही नंहींलगा। उसके दोस्तों ने कहीं न कही उसे सत्य से अवगत कराया था। थोड़ी देर के लिए उसे बुरा लगा मगर सच्चाई तो सच्चाई होती है। स्कूल में आई और पढ़ाई करने लगी। वह मन लगाकर पहली की तरह पढ़ाई करने लगी।
अध्यापिका आकर बोली मुन्नी क्या बात है आज क्योंउदास हो? वह बोली नहीं मैडम कोई बात नहीं। परीक्षा पास आने वाली है सभी बच्चे परीक्षा की तैयारी करने में लगे थे। बिट्टू आकर मुन्नी की बगल में बैठ गया बोला मुन्नी शाबाश याद करो। इस बार भी नकल करवा देना। वह बोली देखो बिट्टू तुम मेरे हमउम्र हो। मैं तुम्हें आज समझाना चाहती हूं कि नकल करना बुरी बात होती है। नकल करके तुम पास हो जाओगे मगर आगे तुम कुछ भी नहीं बन पाओगे। वह बोला तुम्हें मैं कुछ भी नहीं कहूंगा मेरी अच्छी दोस्त कृपया करके मुझे इस बार नकल करवा देना। आगे से मेहनत करने की सोच लूंगा। वह बोली देख बिट्टू मैं तुम्हें इस बार नकल नहीं करवाऊंगी। इस बार तो लगता है तो तू इस बार मुझे भी फेल करवा कर ही छोड़ेगा। बिट्टू ने सोचा उस से बहस नहीं करेगा। वह उठ कर वहा से चला गया और दोस्तों के साथ मस्ती करनें लगा।
एक मैडम बिट्टू के घर के पास ही रहती थी उसका नाम तान्या था। बिट्टू के पिता मैडम के पास जाकर बोले अगर हमारा बच्चा किसी की नकल करना चाहेगा तो उसे नकल करने देना। कोई बात नहीं जब हम छोटी उम्र के थे तब हम भी नकल करके ही पास होते थे।। मैडम बोली कोई बात नहीं।। तान्या नें बिट्टू के पापा को कुछ नहीं कहा कि नकल करना बुरी बात होती है। मुन्नी मैडम के पास जाकर बोली मैडम एक बच्चा है बिट्टू हमारी कक्षा में वह हर बार मेरी नकल करके पास हो जाता है। मैडम उसकी शिकायत मैंआपके पास करना चाहती हूं। आज मेरे दोस्तों ने मुझे एहसास दिलाया कि नकल करना बुरी बात होती है। मुझे आज सचमुच भी बड़ा दुख हो रहा है। इसीलिए मैं आपके पास आ जा कर आपको बताना चाहती थी। मैडम बोली कोई बात नहीं बेटा दुखी नहीं होते। वह रईस खानदान का बेटा है। उसका घर मेरे घर के पास है। आज उसके पिता हमारे घर आए वह बोले हमारे बेटे को नकल करने देना। आप जब हमारा बेटा जब नकल करनें लगे तो आप उसे नकल करते वक्त पकड़वाना नहीं। आप बहुत ही अच्छी हो। मैडम बोली बेटा क्या फर्क पड़ता है तुम उसे नकल करवा देना। तुम्हारा क्या बिगड़ेगा? घर आकर मुन्नी को रात को नींद नहीं आई उसे लगने लगा उसने जिंदगी में बहुत बड़ी गलती कर दी। गलती की है तो उसे भुगतना तो अपने आप को ही पड़ेगा। उसके दिमाग में एक योजना आ गई। मैडम नें भी उसकी बात को गम्भीरता से नही लिया। मैडम को तो बिट्टू के पापा को समझाना चाहिए था मगर मैडम नें तो उस को और बढावा दे दिया।
परीक्षा के दिन पास आ रहे थे पांचों के पांचों दोस्त साथ बैठे हुए थे। वह बोले हमारी तो तैयारी ठीक है। बिट्टू की तरफ इशारा करके बोले इस को पढ़ाई करने की क्या जरूरत? इसको तो मुन्नी सारी नकल करवा देगी। वह तो पास हो ही जाएगा। मुन्नी को उनकी बातें नश्तर की तरह चुभ गई।
एक दिन मुन्नी मुख्याध्यापिका के ऑफिस गई। उसने मुख्य अध्यापिका का दरवाजा खटखटाया। मैडम किसी के साथ बातें करने में मशरूफ थी। मुनि ने मुख्य अध्यापिका के नाम चिट्ठी लिखी। मैडम को सारी बातें चिट्ठी के माध्यम से लिख दी। उसने बिट्टू की सारी बातें मैडम को लिख दी। उसने मैडम को लिखा कि मैडम मुझे जल्दी से जल्दी बताओ कि मैं क्या करूं? जैसे ही चपरासी आया उसने वह पत्र मैडम के मेज की दराज में रख दिया। मैडम उस बात को भूल गई थी। वह छुट्टी ले कर चली गई थी। मुन्नी नें सोचा कि मैडम ने मेरी अर्जी का कोई जवाब नहीं दिया अब मैं क्या करूं? मुख्याध्यापिका ने इस बच्चे की बात को अनसुना कर दिया। मैडम ने उस खत के बारे में मुन्नी से कुछ भी नहीं कहा। मुन्नी सोचने लगी मैं इस बार उसे सिखा कर ही छोडूंगी कि नकल करना कितनी बुरी बात होती है? मैं इस बार सारे प्रश्नों के उतर गल्ती दूंगी ताकि जब वह नकल करेगा तो वह भी गल्त ही प्रश्नों के उतर देगा जिसका नतीजा उसे भुगतना ही पडेगा। मैं चाहे फेल हो ही जाऊं मगर जो खुशी मुझे इस बच्चे को सुधार कर होगी उतनीखुशी मुझे हासिल होगी। सभी को कह कर देख लिया मगर कुछ नहीं हुआ। मुझे यह अपनें तक ही सीमित रखनी होगी।
आज गणित का पेपर था। मुन्नी के दोस्त मुन्नी को देखे जा रहे थे। इस बार वह बिट्टू को नकल करवाएगी या नहीं उनको विश्वास था कि वह तो उसे अवश्य ही नकल करवाएगी। जैसे ही प्रश्न पत्र बांटे गए सभी दोस्त खुश थे। क्योंकि उनके उनके याद किए हुए प्रश्न आए थे उन्होंने बिट्टू की तरफ देखा और मुन्नी की तरफ देखा।। बिट्टू पूरी तरह से मुन्नी के पेपर में से नकल कर रहा था। मुन्नी के दोस्त उस से खफा हो गए। मुन्नी से उन्होंने कट्टी कर ली। हमने उसे कितना मना किया था कि बिट्टू को नकल नहीं करवानी मगर इस पर तो हमारी बातों का कोई असर नहीं हुआ। ना जाने यह किस मिट्टी की बनी है। यह तो बिल्कुल मिट्टी की माधो है। उन्होंने अपनी दोस्त मुन्नी से बोलना छोड़ दिया।
परीक्षा समाप्त हो चुकी थी।मुन्नी हमेंशा कक्षा में प्रथम आती थी।मुन्नी सोचने लगी इस बार तो वह फेल हो जाएगी क्योंकि उसनें सभी प्रश्नों के उतर जानबूझ कर गल्त लिखे थे।उसे दुःख भी हो रहा था। सब लोग उसके बारें में क्या कहेंगे? फिर सोचने लगी कोई कुछ भी कहता रहे अगर आज उसने उसको सबक नहीं सिखाया तब तो वह कभी भी सुधर नही सकेगा। मैडम भी कोई कार्यवाही नंहीकरेगी।ये बडे लोग पैसा रुपया दे कर अपनी बात मनवाना जानतें हैं।
बिट्टू जब फेल हो गया तो जोर जोर से रोने लगा। मेरा तो साल बर्बाद हो गया इस बार तो वह पिछली कक्षा में ही बैठेगा। उसके सब साथी अगली कक्षा में चले गए। तान्या मैडम ने मुन्नी को अपने पास बुलाया और कहा तुमने यह क्या किया? मुन्नी रोते हुए बोली मैं तो चिंटू को सुधारना चाहती थी ताकि उसे एहसास हो जाए कि नकल करना बुरी बात होती है। अगर वह सुधर गया तो मैं समझूंगी मैंने फेल होकर एक बच्चे के भविष्य को सुधार दिया। यह सब बातें बिट्टू सुन रहा था। उसे अपनी दोस्त के लिए बेहद अफसोस हुआ।
वह बिना किसी को कुछ कहे मुख्याध्यापिका के कमरे में गया बोला कृपया करके आप मेरी बात सुन लीजिए मैडम। मैं बहुत ही गंदा लड़का हूं। मैंने कभी भी पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लिया मैडम मुझे माफ कर दो। मैंने अपने साथ-साथ मुन्नी के भविष्य को भी अंधकार मंय बना दिया। मैं हमेशा मुन्नी की नकल करता था। हर बार उसकी नकल करके पास हो जाता था। मैं ग़लत था मैडम। वह तो बहुत ही होनहार छात्रा है। वह इस बार मेरी वजह से फेल हो गई। उसको मेरे दोस्तों ने चिढाया और कहा कि तुम इसको नकल करवा कर इस के भविष्य को अंधकार मंय बना रहे हो। इसलिए उसनें तो मुझसे तो कुछ भी नहीं कहा मगर मुझे उस ने सबक सिखाया है। आज अपनी दोस्त के लिए मुझे दिल से दुख हो रहा है। मैडम आज सभी लोग उस बच्चे के बारे में ना जाने क्या-क्या कह रहे iहैं? जबकि सारा गुनाह तो मेरा है। आप उसकी दोबारा परीक्षा ले लो मैडम इस बच्चे की बात सुनकर हैरान हो गई।
मुख्य अध्यापिका ने मुन्नी को बुलाया बेटा तुमने ऐसा क्यों किया? वह बोली मैडम आपको मैंनें पत्र लिख कर सारी बातें समझा दी थी। आप को पत्र आपके हाथ में दे दिया था। पत्र आप नें चपरासी के हाथ में दे कर कहा था ठीक है। यह भी लिखा था कि मेरे परीक्षा आने वाली है मैडम मैं क्या करूं?जल्दी से जल्दी मुझे बताना। आपने भी मुझे कुछ भी नहीं कहा। उसने तान्या मैडम की बात भी मैडम को बता दी। मैडम बच्ची की सोच के आगे नतमस्तक होकर बोली ऐसी बेटी सबको दे।
मैडम ने परीक्षा परिणाम के ईनाम बंटवांनें के लिए प्रार्थना सभा में सभी को बुलवाया। सारे के सारे अभिभावक जन परीक्षा परिणाम सुनने के बाद अपने बच्चों के ईनाम लेने के लिए बैठे थे। जैसे ही मुख्य अध्यापिका आई सबने जोर-जोर से तालियां बजाई। मैडम ने सभी बच्चों की प्रशंसा की। मैडम ने अपनी स्कूल की सबसे होनहार छात्रा मुन्नी की प्रशंसा करते हुए कहा। यह हमारी सबसे होनहार बेटी ही नहीं बल्कि यह हमारे देश का उज्जवल भविष्य है। जिसके दिल में बचपन से ही ऐसी भावना है। मैडम ने तभी बिट्टू को बुलवाया और कहा कि अपना गुनाह सब सब लोगों के सामने कबूल करें। बिट्टू ने सब लोगों के सामने हाथ जोड़कर कहा मैं हर बार नकल करता रहा। हर बार नकल करके पास होता रहा। परंतु इस बार जो सीख मुझे मेरी इस दोस्त ने दी है वह उसको मैं अपने जीवन में हमेशा याद रखूंगा। अब मैं कभी भी जिंदगी में कभी भी नकल नहीं करूंगा। मेरी सच्ची दोस्त मुझे माफ कर दे तुमने मुझे सच्चाई का रास्ता दिखा दिया है। मैडम ने मुन्नी को कहा कि तुम्हारा द्वारा सृजित पेपर ले लिए जाएंगे। तुम निराश ना हो। मुन्नी की प्रशंसा करते हुए सभी अभिभावकों को बताया इस बच्ची की सोच को हम सभी सलाम करतें है
अगर ऐसी सोच देश के हर बच्चे में आ जाए तो हमारे देश कभी भी पिछड नंही सकता। बेटियों को हमें हमेंशा पढानाचाहिए। बेटियों को पढाने से ही हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल होगा। एक बेटी पढ लिख कर एक परिवार को ही नही सारे समाज को रोशन करती है। हम इस बच्ची की सोच को सलाम करतें है। उसे ईनाम दिया गया। वह सोचनें लगी आज मेरा जीवन सफल हो गया। बिट्टू नें उस दिन के बाद कभी भी नकल नही की।