नटखट चम्पू

मम्मी ने चंपू को बुलाया और कहा बेटा आज मैं तुम्हें एक कहानी सुनाऊगी। कहानी सुनने के लिए तो चंपू खाना पीना भी छोड़ देता था। चंपू को उसकी मम्मी ने बताया बेटा एक बच्चा था वह बहुत ही स्वार्थी था। वह बिल्कुल तुम्हारी तरह आलसी भी था। वही कोई भी काम समय पर नहीं करता था। वह अपने माता-पिता का आदर भी नहीं करता था। ना ब्रश करना बिना नहाए हुए स्कूल जाना और झूठ बोलना इसलिए कोई उसे प्यार नहीं करता था। एक दिन भगवान उसके सपने में आए और कहनें लगे  मैं गंदे बच्चों को प्यार नहीं करता जो देर से उठते हैं और अपनों से बड़ों का सम्मान नहीं करते। और पढ़ाई भी नहीं करते। चम्पू  नें अपनी मां से कहा था कि क्या भगवान सच में छोटे बच्चों को प्यार नहीं करते क्या मुझे भी प्यार नहीं करते हैं? भगवान नें उसकी मां से कहा नहीं ऐसा नहीं। तुम सारा काम समय पर करोगे स्कूल में समय पर पहुंचोगे और अपनों से बड़ों का सम्मान करोगे तो भगवान अवश्य तुम्हें प्यार करेंगे। तुम्हें हर कोई प्यार करेगा भगवान इतनेः निष्ठुर नहीं है।  कोई बच्चा या बड़ा अच्छा आदमी कोई भी अच्छा काम करता है उसे उनके जन्मदिन पर इनाम भी देते हैं। वो खुश होते हुए बोला मां अगर मैं अच्छा बच्चा बन जाऊं तो भगवान उसे भी इनाम देगा? बेटा तुम्हारे स्कूल में विक्की है जो अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आता है वह  हर एक काम को बड़े ध्यान से करता है। सुबह जल्दी उठता है। बड़ों का सम्मान करता है इसलिए सब उसे प्यार करते हैं। भगवान भी उसे अच्छे काम करनें के लिए ईनाम देते हैं। चंपू के दिमाग में यह बात बैठ गई। जल्दी ही चंपू सो गया और उसे सपने में भगवान दिखाई दिए। उन्होंने चंपू को कहा कि तुम्हारी मां ठीक ही कहती है जो बच्चे समय पर सारा काम करते हैं और बड़ों का सम्मान करना अपना काम समय पर  करतें हैं मैं उनकि सारी इच्छाएं पूरी करता हूं। चम्पू नें भगवान से कहा कि मैं अच्छा लड़का बन जाऊं तो आप मुझे मेरे जन्मदिन पर उपहार देंगे। भगवान ने कहा बेटा इनाम पाने के लिए तुम्हें अपने आप को बदलना होगा।

चंपू ने भगवान जी से वादा किया कि मैं हर एक काम को समय पर क्या करूंगा। और बड़ों का आदर करूंगा और अपने  घर के कामों के इलावा कार्यों में  पेड़ पौधों को भी पानी दिया करूंगा और कूड़ा करकट कूड़ेदान में ही डाला करूंगा। मां नें चंपू को आवाज देकर जगा दिया। उसने अपनी मां को  कहा वह तो बहुत मधुर सपना देख रहा था। सपने में यह सब कुछ देख रहा थाह उसने अपनी मां को सारी बात बताई उसने अपने मम्मी को कहा कि मैं आज भगवान मेरे सपने में आए थे उन्होंने मुझसे कहा था कि अगर तुम अच्छे बच्चे बन जाओगे तो वह मेरे जन्मदिन पर मुझे इनाम देंगे। चंपू हर रोज सुबह जल्दी उठने लगा। अपने दादा जी के साथ सारे काम समय पर करने लगा उस में आए बदलाव को देखकर उसके मम्मी पापा भी खुश थे। उनकी मम्मी जी को समझते नहीं लगी कि यह चमत्कार तो  उसकी सुनाई कहानी का है।

एक दिन वह स्कूल जा रहा था तो उसे रास्ते में एक अंधा दिखाई दिया। उसने उस अंधे का हाथ पकड़कर सड़क पार करवा दी। इस कारण उसे स्कूल पहुंचने में देरी हो गई। वह अपनी अध्यापिका  को कहने लगा आज मुझे इस कारण देरी गई क्योंकि रास्ते में  मैं एक अंधे को सड़क पार करवा कर आया इसलिए आज देर हो गई परंतु आगे से ऐसा नहीं होगा। उसकी अध्यापकों ने कहा कि तुम झूठ बोल रहे हो। आज तुम कौन सा बहाना बना कर आए हो।? चंपू ने कुछ नहीं कहा परंतु वह चुपचाप खड़ा रहा वह सजा भुगतने के लिए तैयार था उसने अपने आप को बदल लिया है। हर काम अच्छे ढंग से करने लगा और मेहनत करने लगा। उसके अध्यापक यह देखकर दंग रह गए कि चंपू ने अपनी कक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त किया था।

अध्यापकों ने सब बच्चों के सामने उसको ईनाम दिया।  इनाम पर कर चंपू इतना खुश था कि उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। चंपू का जन्मदिन आने वाला था। वह रोज अपनी मां को कहता था कि मां क्या भगवान जी मुझे भी इनाम देंगे। मैं भी अच्छा लड़का बन चुका हूं। उसकी मम्मी ने सोचा कि अगर आज उसके जन्मदिन पर उसे कोई इनाम नहीं दिया गया तो वह मायूस हो जाएगा। इसलिए कुछ तो कुछ तो करना ही होगा। उसकी मां नें बगीचे में जहां   हर रोज फूलों को पानी देता था वहां  गोड्डा खोद  दिया ऊपर से मिट्टी से ढक दिया। स्कूल से जब  चम्पू आया तो  उसनें सारी जगह अपना ईनाम ढूंढा भगवान नें मेरे लिए कहां ईनाम रखा होगा। अपनी मां से बोला मैंने सरीखे जगह ढूंढा मगर मेरे जन्मदिन का उपहार भगवान जी ने अभी तक मुझे नहीं दिया। उसकी मम्मी ने कहा कि तुम्हारा इनाम  कहीं ना कहीं  तो है। सारे नहीं है तो शायद बगीचे में ना हो। चलो वहां खुदाई करके देखते हैं। खुदाई खुदाई करते  चम्पू को बहुत समय हो गया था। वह बोला  शायद मुझसे भगवान खुश नहीं हुए। शायद मुझ जैसे बच्चे पर वह कभी प्रसन्न नहीं होंगे। क्योंकि मैंने  आप को और पापा को बहुत सताया है। उसकी मां बोली निराश नहीं होते।क्यारी का एक कोना अभी भी बाकी है। चंपू अपनी मम्मी को बोला मां आप थक चुकी होगी। आप जाकर आराम करो मैं ही इस कोने को खोद कर आता हूं। वह खुदाई करने लगा। वहां पर खोदते  खोदते उसे वहां   उसे एक पैकेट दिखाई दिया। उसने खुशी से चिल्लाते हुए अपनी मम्मी को आवाज दी। मां आओ वहां पर एक पैकेट है। शायद इसी बक्से में भगवान जी नें उसे ईनाम रख छोड़ा है। उसने उस  बक्से को खोल कर देखा वो एक बहुत ही सुंदर सी घड़ी थी। घड़ी पाकर वह बहुत ही खुशी का अनुभव कर रहा था। उसने इतना सुंदर उपहार देने के लिए भगवान को धन्यवाद कहा। और अपनी मम्मी को सारी बात बताई। उसकी मां ने कहा बेटा आज तो तुम्हारी समझ में आ चुका होगा कि मैंने तुम्हें झूठ नहीं कहा था। वह अपनी मां को बोला मां यह उपहार तो मेरे लिए बहुत ही किमती है। यह ईनाम मेरे लिए वरदान साबित होगा। मैं हर काम समय पर ही किया करुंगा। यह घड़ी मुझे समय के अनुसार काम करना सिखाएगी।

समय का हमारे जीवन में बहुत ही किमती महत्व है। समय  पर हर काम किया जाए तो वह कभी भी असफलता नहीं होता। आ हमारी कक्षा में मैडम नें यह बात समझाई। आज भगवान नें मुझे इतना मूल्यवान उपहार दे कर मुझे एहसास दिला दिया कि वह भी बच्चों की बात सुनतें हैं। वह हमेशा समय पर ही सारे काम किया करेगा।

आज तो मां आप घर में पार्टी दे ही डालो क्योंकि आज मैं अपने घर को सजाकर अपने दोस्तों को अपने जन्मदिन पर बुला लेता हूं।

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