दक्षिणा

पीहू एक छोटी सी बस्ती में रहती थी उसकी मां उसे अच्छी शिक्षा नहीं दिलवा सकती थी वह इधर उधर घरों घरों में जाकर बर्तन साफ कर और झाड़ू पोछा लगा कर अपनी आजीविका चलारही थी। पीहू तो मौज मस्ती में सपने देखने में अपना समय व्यतीत कर रही थी वह हर रोज नए नए… Continue reading दक्षिणा

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