बचपन की यादें

हरी हरी वादियों से मैं यूं ही चला जा रहा था।चला जा रहा था। झूमते गाते, झूमते गाते, यूं ही चला  जा रहा था। मुंह में बस यही एक  धुन गुनगुनाता जा रहा था। गुनगुनाता जा रहा था। हरी हरी वादियों से, मैं यूं ही चला जा रहा था। हरीहरी वादियों से, मैं यूं ही… Continue reading बचपन की यादें