बंदर आया बंदर आया

बंदर आया बंदर आया। उछल कूद कर सारा घर सिर पर उठाया। पेड़ पर चढ़कर इधर उधर इठलाया। छज्जों पर हर जगह चढ़कर करता  शैतानी। हर जगह धूम चौकड़ी मचा कर करता अपनी मनमानी। खो खो करता बंदर आया। हर आने जाने वाले राहगीरों को डराया। नकल करता बंदर आया। बंदर आया। मोटी शाखाओं पर… Continue reading बंदर आया बंदर आया