कौवे और कोयल की वार्ता

एक दिन कौवा कोयल से बोला। तू भी काली मैं भी काला। कुदरत नें ये क्या अनर्थ कर डाला।। तुम्हें कोयल रानी कहकर सभी बुलाते हैं। मुझको कुरुप समझ कर के मुझे सब चिढातें हैं।। तुम डाल-डाल पात पर चढ़कर मधुर ध्वनि से कूक-कूक करके अपना प्यार जताती हो। मीठी ध्वनि सुना कर सबके मनों… Continue reading कौवे और कोयल की वार्ता