स्वच्छता का संकल्प भाग(1)

मेरे प्यारे बच्चों तुम इधर तो आओ।
आने में तुम यूं ना देर लगाओ।।
नाना-नानी चाचा-चाची ताया ताई, सभी को बुलाओ सभी को बुलाओ।
आने में यूं ना तुम देर लगाओ।।
अपनें वातावरण को साफ रखनें का

तुम्हे देते हैं आज यह मूल मंत्र।
यही है तुम्हारे जीवन का तंत्र।।
इसको तुम सभी अपने जीवन में अपनाना।
इस पर अमल करके यूं जीवन को सफल बनाना।।
आने में यूं ना तुम देर लगाना।
नहीं तो तुम्हें जीवन भर पड़ेगा पछताना।
मेरे प्यारे बच्चों तुम इधर तो आओ।
आने में तुम यूं न देर लगाओ।।
नाना-नानी चाचा-चाची ताया ताई, सभी को बुलाओ सभी को बुलाओ।
आने में यूं ना तुम देर लगाओ।।

इस गुप्त मंत्र को अगर न अपनाओगे।
तुम यूं ही बिमारी को दावत देते जाओगे।

इस स्वच्छता के मंत्र को अपनाओ।
अपने माता-पिता अभिभावकों और सभी को समझाओ।।
हर घर में स्वच्छता की अलख जगाओ। अलख जगाओ।।

मेरे प्यारे बच्चो तुम इधर तो आओ।
आने में यूं ना तुम देर लगाओ।
हर घर में स्वच्छता की अलख जगाओ।।
शौचालय का हर घर में निर्माण कराओ।।
हर बच्चा अपनें हाथों से शौचालय की करेगा सफाई,
तो होगी तुम्हारे मेहनत की भरपाई।
तुम्हारे घरों में चारों ओर होगी खुशहाली।
समझो तुयनें अपनी किस्मत ही संवार डाली।।

अस्पतालों के न तुम चक्कर लगाओगे।
नीम हकीम वैद्य के पास तुम न जाओगे।
योग करके अपनें जीवन को सफल बनाओगे
तभी जीवन में आगे बढते जाओगे।।।
नाना नानी चाचा चाची ताया ताई, सभी को बुलाओ, सभी को बुलाओ।।
चुन्नू मुन्नू बिट्टू बंटी, तुम जल्दी से आना।
नहीं तुम अपना वादा भूल जाना।।
चुन्नू मुन्नू बिट्टू बन्टू जल्दी जल्दी आना।
न तुम समय को यूं गवाना।
न तुम समय को यूं गवाना।।
हर एक बच्चा अपने हाथों से शौचालय की करो सफाई।करो सफाई।।
देखो यह मक्खियां तुमने कहां से बुलाई,
कहां से बुलाई।।
अपने माता-पिता अभिभावकों , छोटों और बड़ों सभी को समझाओ।
अपने आसपास गंदगी कूड़ा कर्कट का यू ढेर ना लगाओ।।
अपने आसपास नकारात्मक उर्जा ना फैलाओ।
पानी के गड्ढों को जल्दी से भरवाओ,
पानी के गड्ढों को जल्दी से भरवाओ।।
चुन्नू मुन्नू बिट्टू बंटी जल्दी-जल्दी आओ।
आने में तुम यूं ना समय को गंवाओ।।

पेड़ हमारे जीवन दाता

पेड़ हमारे जीवन दाता।

हमारा इनसे सदियों का नाता।

यह है हमारे जीवन का आधार।

इनके बिना जिंदगी है निराधार।

पेड़ है धरती की जान।

इसकी हिफाजत करना है हमारी शान।

पेड़ों को काटना है पाप।

नहीं तो जिंदगी भर भुगतना पड़ेगा श्राप।

पेड़ लगाओ पेड़ लगाओ।पेड़ लगा कर

इस पावन धरा को और भी सुंदर बनाओ। पेड़ों से ही है चारों और हरियाली।

इसके बिना नहीं है खुशहाली।

अपने जन्मदिन पर बच्चा-बच्चा एक पेड़ अवश्य लगाओ।

अपने आने वाली पीढ़ियों को भी यही बात समझाओ।

पेड़ों को काटने से बचाओ।

अगर काटना ही पड़ जाए तो उसके बदले दस-दस पेड़ लगाओ।

5 जून को पर्यावरण दिवस मनाओ।

वन महोत्सव के दिन पेड़ों का जन्मदिन भी मनाओ

उत्सव मना कर खेलो कूद  झूमों गाओ।

स्वच्छता का संदेश

 (स्वच्छता का संदेश) भाग(2)

“ आओ हम सब मधुर स्वर में एक साथ गुनगुनाएं।

मिलकर हम सब अपने पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं।। ,,

1()धातु, शीशा, गता कागज प्लास्टिक पॉलिथीन नायलॉन कूड़ा करकट  इधर-उधर नहीं फैलाएं।

(2 )अनुपयोगी सामान को कबाड़ी को बेच कर आएं।।

(3) हम कूड़े कचरे को जलाएं।

(4)साग सब्जी और फलों के छिलकों को पशुओं को खिलाएं।।

आओ हम सब साथ मिलकर पर्यावरण की स्वच्छता का यह संदेश बार-बार दोहराएं।

अपने जहन में इसको धारण कर इसको अमल में लाएं।।

रसोई के साथ लगती क्यारी में गड्ढा बना कर उसमें यह दबा आएं।

सड गल जाने पर उसकी खाद बनाकर उपयोग में लाएं।।

हम इस संदेश को मधुर स्वर में एक साथ गुनगुनाएं।

मिलकर हम सब अपने पर्यावरण को स्वच्छ और सुन्दर बनाएं।।

(5) उपलों को जलाकर मक्खी मक्खी मच्छरों को दूर भगाएं।

पर्यावरण को स्वच्छ बना कर वातावरण में स्वच्छता लाएं।।

(6)लघु शंका और दीर्घ शंका के लिए  खेतों में और गलियों में ना जाकर  उसका दुरुपयोग नहीं करें।

उनके स्थान पर सार्वजनिक शौचालय में ही जाकर सबको  यह बात समझाएं।।

मल मूत्र व्यवस्था के लिए सीवरेज का उपयोग हमेशा किया करें।

(7)पेयजल स्रोतों बावड़ी कुआं हैंडपंपों नलकूपों में कूड़ा कचरा फैला कर उन्हें दूषित नहीं बनाएं।।

(8)यज्ञ शादी और सार्वजनिक स्थानों पर खाने के लिए  पत्तों के बने डुन्नों को ही उपयोग में लाएं।

खाने के लिए प्लास्टिक पॉलिथीन आदि का प्रयोग नहीं करेंगे नहीं करें।।

स्कूल में खाना  टिफिन में ही लाएं।

(9)प्लास्टिक के डिब्बे और पीने के लिए (10)(प्लास्टिक की बोतलों को उपयोग में न लाएं।।

(11)हम सब गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग  थैली बनाएं।

एक साथ मधुर स्वर में हम सब यह संदेश गुनगुनाएं।।

मिलकर हम सब अपने पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाएं।

आओ हम यह संकल्प दोहराएं।

अपने वातावरण को दूषित होने से बचाएं।।

आओ एक और एक मिल कर हम  ग्यारह का आंकड़ा बनाएं।

अपनी शक्ति को संगठित कर वातावरण में स्वच्छता का यह संदेश हर कोने कोनें में फैलाएं।।,,

आओ स्वयं को प्यार करके खुद को सराहें

आओ स्वयं को प्यार करके खुद को सराहें।

खुद को तरक्की की राह पर हर दम आगे बढ़ाएं।

स्वयं को प्यार करके खुद को सराहें।।

दूसरों से पहले खुद को प्यार करना सिखाएं।

खुद की सराहना करके दुनिया में सबसे ऊपर निकल कर दिखाएं।

अपनी खूबियों को पहचान कर अपने में आत्मविश्वास जगाए।।

खुद को तरक्की की राह पर हर दम आगे बढाएं।

आओ खुद को प्यार करना हर एक को सिखाएं।।

 अपनी सोच को दूसरों पर ना  थोप कर  दिखाएं।

अपने फैसले खुद ही लेकर खुद में हौसला जगाएं

स्वयं को प्यार करने का मन्त्र हर किसी को सिखाएं।

खुद खुश रह कर  खुद को तरक्की की राह पर हर दम आगे बढ़ाएं।

आओ स्वयं को प्यार करके खुद को सराहें।।

अपनी कमियों को स्वीकार करके दिखाएं। उन्हें दूर भगाकर अपने में सुधार लाएं।

आओ खुद को प्यार करके खुद को तरक्की की राह पर हर दम आगे बढ़ाएं।

स्वयं की सराहना कर के हर दम आगे बढते जाएं।

नकारात्मकता को जड से दूर भगाएं।।

आओ स्वयं को प्यार करके खुद को सराहें।

जीवन और खुद के प्रति सकारात्मक सोच अपनाएं।

अपने आप से बातें करके हमेशा अच्छा काम करके दिखाएं।

खुद को तरक्की की राह पर आगे बढ़ाएं।

अपनी आवाज और शब्दों की अभिव्यक्ति को सही डगर दिखाएं।

अपने तौर तरीकों को बदलकर दुनिया में आगे बढ़ते जाएं।।

आओ खुद को प्यार करके खुद को सराहें। आलोचना करनें वालों से न कभी घबराएं।

उन्हें जिन्दगी का तोहफा समझ  कर हर दम मुस्कुराएं।

आओ खुद को प्यार कर के खुद को सराहें।।

तरक्की की सीढ़ी पर चढ़कर सफलता को गले लगाएं।

विजय श्री की पताका ध्वज पहन कर  जशन मनाएं।

आओ खुद को प्यार करके खुद को सराहें।