सहयोग का परिणाम

किसी गांव में एक किसान रहता था। वह मेहनत करके अपना जीवन गुजारा करता था। हल चलाकर खेतों में सारा दिन काम कर के शाम को थका मांदा जब  घर आता तो उसकी पत्नी उसे गर्म गर्म खाना परोसती।  खाना खाने के बाद उसे ऐसी  नींद आती के  उसके सामने कोई आवाज भी लगाता होता… Continue reading सहयोग का परिणाम

मुनीम दयाराम

किसी नगर में एक सेठ रहता था। वह बहुत ही कंजूस था। किसी को भी ₹1 तक भी दान में नहीं देता था। उसकी दुकान पर पर अगर कोई मांगने वाला भिखारी भी आता था तो वह सेठ फटकार मार-मार कर उसे भगा दिया करता था। उसने अपनी दुकान पर एक मुनीम रखा था जो… Continue reading मुनीम दयाराम

नन्हा फरिश्ता

किसी गांव में एक जुलाहा रहता था। वह सूत कात कात कर दिन रात मेहनत करता जो कुछ कमाता उसी से वह अपने परिवार का पालन पोषण करता था। उसके एक बेटा था वह हर वक्त उसके पास बैठा रहता था। वह उससे थोड़ा थोड़ा सूत कातना सीख गया था। वह सोचा करता था कि… Continue reading नन्हा फरिश्ता

उपहार

माधोपुर के एक छोटे से कस्बे में सविता अपने बेटे के आने की राह देख रही थी। सविता के पति सेना में शहीद हुए थे। उसके बेटे ने भी कसम खाई थी कि वह भी अपने पिता की भांति एक वीर सैनिक बनेगा। अपने बेटे की हट के कारण उसकी एक न चली सविता के… Continue reading उपहार

माँ

मां का भोला भाला चेहरा याद आता है। उनका ममता भरा स्पर्श याद आता है। दुलार की ठंडी छांव का झोंका याद आता है। उनकी हर बात का हर शब्द याद आता है।। मां की छवि को भुलाया नहीं जा सकता। उनकी यादों को कभी मिटाया नहीं जा सकता। चाहे कितनी भी उंचाइयां छू लीं… Continue reading माँ

(आओ हम कुछ देना सीखें) कविता

   आओ हम  कुछ  देना सीखें।  जन जन की खातिर प्यार अपना लुटाना सीखें।। आओ हम कुछ देना सीखें। तरु की झुकी झुकी डालियों की तरह हम भी शीश झुकाना सीखें।। अपने अहंकार को त्याग कर सभी को गले लगाना सीखें।। आओ हम कुछ देना सीखें। माला के मनकों की तरह एक पंक्ति में गुंथ कर… Continue reading (आओ हम कुछ देना सीखें) कविता

पैसा या रुपैया

बाप बड़ा ना भैया। इस दुनिया में सबसे बड़ा रुपैया।। पैसा है इस दुनिया में सबको प्यारा। इसके बिना  किसी को भी जीना नहीं गंवारा।। पैसे की चमक इंसान को अंधा बना देती है। उसकी आंखों पर काला नकाब पहना देती है।। कलयुग में पैसे को ही  अहमियत है दी जाती। जिसके पास नहीं है… Continue reading पैसा या रुपैया

होनहार बेटियाँ

यह कहानी बिहार के एक छोटे से कस्बे की है यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है लेकिन इस के पात्र काल्पनिक है। उस कस्बे में गंगाधर नाम का एक नाई रहा करता था। वह लोगों के बालों की कटाई इतने अच्छे ढंग से करता था कि लोग दूर-दूर से बाल कटाने के लिए उसके… Continue reading होनहार बेटियाँ

बूढ़ी काकी

किसी गांव में रौशनी नाम की एक बहुत ही नेक और ईमानदार महिला  रहती थी।   जैसा उस औरत का नाम था उसी की तरह उसका स्वभाव था। रौशनी जहां भी जाती रोशनी की किरणें बिखेर देती। मीठे मीठे वचनों से सभी को अपना बना लेती थी। नेकी का जीता जाता उदाहरण थी वह। बच्चे बूढ़े… Continue reading बूढ़ी काकी

भगवान का चमत्कार

एक छोटे से कस्बे में एक रिक्शा चालक रहता था। उसका नाम था नथु और उसकी पत्नी का नाम था माया। यह कहानी राजस्थान की है। यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है।यह कहानी भगवान के चमत्कार की है। लेकिन नाम काल्पनिक है। इसके सभी पात्र काल्पनिक है। इस कहानी को मैंने अपने ढंग से… Continue reading भगवान का चमत्कार