नारी

मातृ शक्ति का रूप हूं । घर की लक्ष्मी का स्वरूप हूं ।। अपने परिवार की खुशियों का ताज हूं। घर के आंगन की लाज हूं ।। बच्चों के लाड़ प्यार स्नेह और दुलार का जीता जागता स्मारक हूं । उनके अपनत्व के स्पर्श की एक इबारत हूं।। घर में और कार्यालय में दोनों जगह… Continue reading नारी