स्नेह का बंधन

जंगल में एक वृक्ष की शाखा पर कबूतर कबूतरी का जोड़ा था रहता साथ में मधुमक्खियों का झुंड भी था इकट्ठा रहता।। हर रोज कबूतर दाना चुगनें था जाता । थक हार कर घर वापस था आता। कबूतर था बेचारा भोला भाला वह तो था उसका सच्चा दिलवाला।। कुछ समय बाद कबूतर कबूतरी ने घौंसले… Continue reading स्नेह का बंधन