घुमड़ घुमड़ कर बरसो बादल ।गरज गरज कर गरजो बादल।।रिमझिम रिमझिम वर्षा कर।झमझम झमझम बरसो बादल।। कड़क कड़क कर कड़को बादल।घुमड़ घुमड़ कर बरसो बादल।।हमारे सुखचैन और उल्लास के लिए जमकर बरसो बादल।बिजली की घोर गर्जना कर ।शंख रुपी नाद के समान बिगुल बजा कर बरसो बादल।।नए नए पौधों के अंकुर तुम्हें हम पुकार… Continue reading बरसो बादल