भोलू जादू की तलवार पाकर बहुत ही खुश हुआ उसने सोनपरी को जाते वक्त वचन दिया था कि उसके पिता को छुडा कर ही दम लेगा।वह जादू की तलवार को लेकर सुदूर पहाड़ों को पार करता हुआ चला आ रहा था। रास्ते में पहाड़ी कंदराओं में उसे वापिस जादू की तलवार लाता देखकर सारे… Continue reading रहस्यमयी गुफा भाग6
Category: Stories
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रैन बसेरा
11/12/2018 चिड़िया के छोटे से घौंसलें में रहता था एक परिवार। एक दूसरे से करते थे सभी प्यार।। घोंसले में मिलजुल कर साथ रहते थे। एक दूसरे की सहायता कर सदा सुखी रहते थे।। चिड़िया के तीन बच्चे थे बड़े हो रहे। वे भी उधर उधर दाना चुग कर जीवनी यापन कर रहे।। घोंसले में… Continue reading रैन बसेरा
मार्गदर्शक
मैं उस समय छठी कक्षा में पढ़ता था। मैं बचपन की यादों में जब झांकता हूं तो मेरे मानस पटल पर बचपन की यादें तरोताजा हो आती हैं ।मैं उसमें इतना भोला नहीं था जितना शक्ल से दिखाई देता था ।मैं और मेरे दोस्त हमेशा कक्षा में पढ़ने के इलावा शरारतें करने में मशहूर थे… Continue reading मार्गदर्शक
बुझते चिराग
किसी गांव में एक किसान अपनी तीन बेटियों के साथ रहता था। सबसे बड़ी बेटी 10 साल की उस से छोटी 9 साल की और सबसे छोटी 8 साल की थी। किसान की पत्नी हमेशा ही बीमार रहा करती थी।। किसान की पत्नी को पता चल गया था कि वह ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं… Continue reading बुझते चिराग
हीरा
एक छोटे से पहाड़ की तलहटी पर हीरा अपनी माँ रूपा के साथ रहता था। हीरा भोली मुस्कान लिए जब अपनी माँ की ओर देखता तो उसे हीरा पे बहुत प्यार आता, और फिर उसकी माँ को पता नहीं क्या सूझता वह उसको डांटने लगती कहती कि जल्दी ही अपना काम किया करो। समय पर… Continue reading हीरा
kahani ka gullak | Hindi Short Stories and Poems
रहस्यमयी गुफा भाग (5)
भोलू नदियों पहाड़ों को पार करता हुआ जा रहा था। एक घने जंगल से गुज़र रहा था तभी उसने अपने पीछे पीछे आते हुए कुछ डाकूओं को देखा। वह भोलू पर प्रहार करने ही वाले थे कि उसनें जादू का जूता पहन कर दौड़ लगाई। डाकू भोलू का कुछ नहीं बिगाड़ पाए। वह बहुत ही… Continue reading रहस्यमयी गुफा भाग (5)
पियक्कड़, गप्पी और सेठ
एक छोटा सा गांव था बेलापुर। गांव का नाम बेलापुर इसलिए रखा था क्योंकि पुराने समय में उस गांव में सब्जियां भरपूर मात्रा में ऊगती थी। वहां पर चारों ओर बेलें ही बेलें नजर आती थी। हर आने-जाने वाले लोग उन बेलों को देखकर हैरान रह जाते थे। उस छोटे से गांव में एक गप्पी… Continue reading पियक्कड़, गप्पी और सेठ
रोहितांश का संघर्ष
कक्षा की घंटी जैसी ही बजे राहुल ने देखा उसकी कक्षा में आज एक नया छात्र दाखिल हुआ था सभी बच्चे कक्षा में पढ़ने में मग्न थे तभी उसकी कक्षा अध्यापिका ने राहुल को कहा राहुल रोहितांश आज तुम्हारे साथ बैठेगा वह आज स्कूल में पढ़ने के लिए आया है रोहितांश के माता पिता उसके… Continue reading रोहितांश का संघर्ष
भोलू पन्डित
किसी गांव में एक बुढ़िया रहती थी उसके एक ही बेटा था उसका नाम था भोलू ।भोलू पढ़ने लिखने में ध्यान नहीं देता था। वह किसी की बात ध्यान से नहीं सुनता था ।अपना काम भी ठीक ढंग से नहीं करता था इसलिए सभी उसे बुद्धू कहकर पुकारते थे। उसकी मां अपने बेटे के सिर… Continue reading भोलू पन्डित