रहस्यमयी गुफा भाग (5)

भोलू नदियों  पहाड़ों को पार करता हुआ जा रहा था। एक घने जंगल से गुज़र रहा था तभी उसने अपने पीछे पीछे आते हुए कुछ डाकूओं को देखा। वह भोलू पर प्रहार करने ही वाले थे कि उसनें जादू का जूता पहन कर  दौड़ लगाई। डाकू भोलू का कुछ नहीं  बिगाड़ पाए। वह बहुत ही पीछे रह गए थे। भागते भागते वह बहुत दूर पहुंच गया था। अचानक  भोलू ने देखा कि गोलू दूर से चला आ रहा है। वह मन ही मन सोचनें लगा मुझे यहां पर भी गोलू ही दिखाई दे रहा है। गोलू यहां कैसे आने लगा। वह अपनी आंखें मलने लगा। कहीं वह दिन में भी स्वपन तो नही देखनें लगा।

गोलू सचमुच ही वहां पहुंच गया था। उसने गोलू को च्योंटी काटी। वह आते ही भोलू  से चिपक गया बोला। मेरे दोस्त मैंने राजा को समझाने की कोशिश की लेकिन राजा उस दुष्ट जादूगर की बातों में आ गया। जब उसे सच्चाई का पता चला तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गोलू बोला कि उस दुष्ट जादूगर ने राजा को और तुम्हारे पिता को उसने जादू से मुर्गा बना दिया है।

गोलू बोला जब  दुष्ट जादूगर ने मेरे साथ राजा को बातें करतें सुना  उस  तब पता चल गया कि वह उसे कुछ कह रहा है।  शायद यही उसका बेटा होगा।  उसने उन दोनों को मुर्गा बना दिया मैं तो वहां से बडी़ मुश्किल से  जान बचा कर यहां तुम्हारे पास तुम्हें यह सब बताने के लिए आ गया। मैं उन  जादूगर के बालों की वजह से तुम तक यहां पहुंचा।

गोलू बोला कि मैं सीधे ही पहले उस दुष्ट जादूगर की गुफा में गया। जहां पर  हमनें भूरी की हड्डियों को  दबाया था। मैंने जाकर भूरी से पूछा कि मेरा दोस्त जादू की छड़ी प्राप्त करने गया है। मैं उसे कहां ढूंढ? वह बोली कि वह सात समुद्र पार करने की तैयारी कर रहा है। अभी उसने पहला समुद्र ही पार किया है। गोलू ने भोलू को सारी बात बता दी कि तुम्हारे पिता को और राजा को उस दुष्ट जादूगर ने कैद कर लिया है और उन्हें मुर्गा बना दिया है। अब हम क्या करें मैं कैसे अपने दोस्त के पास पहुंच पाऊँगा? भूरी बोली कि अपने दोस्त को कहना कि इन दोनों दुष्ट जादूगरों से बचने के लिए तुम्हें जादू की तलवार प्राप्त करनी होगी। जादू की तलवार प्राप्त करने के लिए तुम्हें परियों के देश में जाना होगा। जब तुम जादू की तलवार प्राप्त कर पाओगे तभी तुम उस दुष्ट जादूगर को मार सकोगे। तुम्हारा दोस्त तुम्हें अवश्य मिलेगा,जल्दी जाओ।

मैं तुम्हारे द्वारा दी गई माला और उस दुष्ट राज जादूगरों के बाल बालों की वजह से तुम तक यहां पर पहुंच पाया।  भोलू बोला कि मैं जादू की तलवार प्राप्त करके और जादू की छड़ी प्राप्त कर जल्द ही वापस आऊंगा। तू वापस घर चले जा।

गोलू बोला राजा की गद्दी  पर वह दुष्ट जादूगर राजा बन बैठा है। जो व्यक्ति उस की बात नहीं मानता वह उसको दुष्ट जादूगर कोडे  लगा लगा कर अधमरा कर अपने महल में बंदी बना लेता है। उसने ना जाने कितने लोगों को अपने साथ मिला दिया है। वह सब लोगों को अपनी तरफ करना चाहता है। सारे के सारे लोग कह रहे थे कि ना जाने हमारे राजा जी कहां चले गए? कब वह लौटकर आएंगे वह हम सब को  छुड़ायेंगे? भोलू बोला तू चिंता मत कर मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा। तू उन सब पर नज़र रखना। भूरी ने गोलू को यह भी बताया था कि तुम अपनें दोस्त को कहना कि सात समुद्रों  को पार करके परियों के देश में तुम पहुंच जाओगे। वहां की राजकुमारी सोनपरी है। उसके पास जादू की तलवार है।  तुम्हारा दोस्त  भोलू जादू की तलवार प्राप्त करके ले आएगा तो वह सब लोगों को छुड़ा पाएगा। उस जादू की तलवार में इतनी शक्ति है कि एक वार पडते ही शत्रु धराशाई हो जाता है।  गोलू अपनें दोस्त भोलू से मिल कर    अपने घर आ गया था।

भोलू  जादू की तलवार प्राप्त करने के लिए चल पड़ा। जंगल से चलता चलता नदियों और गहरी गहरी खाईयों  को पार करता जा रहा था। पहले पहाड़ को जब पार कर रहा था तो उसके सामने ना जाने कितने विषैले जीव जंतु उसकी तरफ  आते दिखाई दिए। उसने फिर भीे हिम्मत नहीं हारी।  भूरी  ने उसे बताया था कि जंगली जीव जंतु से तुम डरना नहीं।  तुम्हें वह  कुछ नहीं कहेंगे तुम उन की तरफ प्यार से देखना।  पीछे मुड़ कर भी मत देखना।

दूसरे पहाड़ को पार कर रहा था तो उसने अपने पीछे-पीछे कुछ नकाबपोशों को आते पाया। वह उसे पकड़ने के लिए उस पर झपटनें ही लगे थे के तभी उस नें दौड़ लगाई। वह नकाबपोश लोंगों  की आंखों से ओझल हो गया था। उसने उन नकाबपोशों से बचनें के लिए वह जादू की माला  अपनें गले में पहन ली।

जंगल में भालू शेर चीता ना जाने असंख्य जीव जन्तु  अपने बच्चों के साथ दिखाई दिए। उन्होंने उस का मार्ग रोक दिया।  अपने आपको उनसे घिरा हुआ पाया। चारों तरफ उन्होंने उसके आगे घेरा डाल दिया। वह फिर भी ज़रा भी नहीं डरा। उसे वहां पर एक मोटी रस्सी दिखाई दी। उसनें  वह रस्सी अपनी और खींच ली। वह जानवर   भोलू  को रस्सी को खींचते हुए देखने  लगे। रस्सी को जैसे ही उसनें हाथ लगाया वह रस्सी भोलू से बातें करनें लगी। रस्सी को बातें करते देख भोलू को बड़ा आश्चर्य हुआ। रस्सी बोली कि मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकती हूं? वह बोला मुझे बहुत भूख लग रही है। प्यास भी लग रही है। यहां पर अनेक असुरों के साथ  लड़ाई करते वक्त मैं बहुत थक चुका हूं। रस्सी बोली तुम्हारी माला कब काम आएगी। उस  माल को पहन कर तू किसी को दिखाई नहीं देगा। मैं यहां पर जादू का पेड़ बनवा दूंगी। तू उन के मीठे मीठे अमरुद खा कर थोड़ा विश्राम करके आगे बढ जाना। भोलू रस्सी को बोला रस्सी बहन  धन्यवाद। तुमने मेरी बहुत सहायता कि   मुझ में अब  आगे चलने की क्षमता नहीं थी।  

भोलू नें माला पहन ली। उस नें पेड़ पर चढ़ कर खुब मीठे मीठे फल खाए। कुछ उसने अपने बैग में रख लिए। वह फल खा कर तरोताजा हो गया था। रस्सी को बोला अब आगे बढता हूं।  अपनें आप को जंगली जानवरों से घिरा पाया तो भोलू रस्सी को बोला

  यह सारे के सारे जंगली जानवर उसे खाने को आ रहे हैं।  रस्सी बोली इन सब के बच्चों को पकड़कर रस्सी से बांध  दो। तुम्हें सब का घेरा तोड़ना होगा। वह अपने बच्चों को लेने आएंगे तो रस्सी को पकड़कर आगे बढ़ते रहना। भोलू नें उन सब को पकड़ कर  खींच लिया था। उसने मोतियों की माला भी पहनी थी।। वह अदृश्य हो गया था। बच्चे कह रहे थे कि आपने हमें क्यों पकड़ा। भोलू नें  अपने बैग से  फल निकाले  जो वह फलों के बाग से लाया  था। उस नें उन सबको अमरूद खाने को दिये। बच्चे फल खा कर बोले  यह तो बहुत ही स्वादिष्ट हैं आज तक इतने मीठे फल खाने को हमें किसी ने नहीं दिए। उसने उन बच्चों को घेरे में बिठा दिया। भालू चीता शेर लोमड़ी सभी के सभी जानवरों के बच्चे थे। उसने उन्हें समझाया  हमें आपस में लड़ाई नहीं करनी चाहिए। मैंने तुम सबको अपने माता पिता से लड़ते झगड़ते देखा। तुम उनकी बात क्यों नहीं मानते हो। माता पिता तो  पूजनीय  होते हैं। उनके साथ अच्छी तरह से पेश आना चाहिए। मैं तुमको अपनी कहानी सुनाता हूं। उसने अपनी सारी कहानी उन सब के बच्चों को सुनाई।

कैसे दुष्ट जादूगर नें  उसके माता-पिता को और राजा को पकड़ कर  मुर्गा बना दिया है। मैं भी अपने माता पिता से बहुत ही प्यार करता हूं। मैं उनको बचाने के लिए जादूगर की तलवार प्राप्त करने के लिए परियों के देश में जा रहा हूं। तलवार प्राप्त कर के ही दम  लूंगा। मैं  तभी अपने घर जा सकूंगा। तुम सब के सब बच्चे बड़े प्यारे हो। तुम अपने माता पिता को रोकना तो उन्हें प्यार से सारी बात समझाना। जब तुम मेरी कहानी अपने माता पिता को सुनाओगे  तब शायद  वे मुझे जाने से नहीं रोकेंगे। बच्चे बोले ठीक है हम अपने माता पिता को मना लेंगे और कहेगें कि हमारे  दोस्त  को छोड़ दो। सभी बच्चे बोले आपने तो हमें अपना नाम भी नहीं बताया। सभी जीव जंतु बोले कि हम आपका नाम  हम रखेंगे। उन्होंने उसका नाम  वैभव रख दिया।  बच्चे सभी उसकी कहानी को गौर से सुन रहे थे। गुस्से से आकर उस बच्चों के मां-बाप बोले हमारे बच्चे को छोड़ दो वरना तुमको हम मार देंगे। वह बोला कि आप मुझे मार नहीं सकते  हो। मैं आपके बच्चों को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। पहले मुझे यहां से जाने दो। जंगल के सारे जानवरों के बच्चों को उसने छोड़ दिया। सारे के सारे बच्चे आकर अपने माता पिता को बोले कि मां-बाप   हम ने हमेशा आपको आज तक बहुत ही सताया  है। हम आगे से आपके साथ कभी भी ऊंची आवाज़ में बात नहीं करेंगे। अपने बच्चों के मुंह से इस प्रकार की बातें सुनकर सभी जीव जंतु बहुत ही प्रसन्न हुए। वे आपस में कहने लगे आज तक हमारे बच्चों के साथ इस तरह से कोई पेश नहीं आया। इस इंसान ने आकर हमारे बच्चों को सुधार दिया। इतने से दिनों में उन में अच्छे गुण आ गए हैं। आज से पहले तो ये बच्चे कभी भी हमारे साथ अच्छे से पेश नहीं आए। बच्चों ने अपने मां बाप को कहा कि हमने इसे वैभव नाम दिया है। इन  की कहानी सुन कर हमारी आंखें भर आईं। इनके मां-बाप को दुष्ट जादूगर ने कैद कर लिया है। वह जब तक जादू की तलवार लेकर नहीं आएंगे तब तक वह अपने मां-बाप को बचा नहीं पाएंगे । उन्होनें  हमें बताया कि हमें बडो का आदर करना चाहिए। हमें उन की इतनी दर्द भरी कहानी सुन कर बहुत ही बुरा लगा। आप को ही कोई दुष्ट जादूगर कैद कर के अपनें पास रख ले तो हमें कैसा लगेगा? आज यह बात हमारी समझ में आई। हम सब उन की मदद करना चाहते हैं।

सभी जीव जंतुओं ने भोलू को कहा कि बेटा तुम जल्दी से जादू की तलवार प्राप्त करके आगे बढ़ जाओ। हम तुम से माफी मांगते हैं। माना हम नें मनुष्य जाति में जन्म नहीं लिया। हम जीव जंतुओं में भी वैसी ही दया भावना होती है। हम तुम्हें जानें से नहीं रोकेंगे। भोलू नें जादू की रस्सी को अपनी ओर खींच लिया था जादू की रस्सी बोली कि तुम्हें  आगे जानें पर  एक बैग दिखाई देगा। वह बोला बैग तो मेरे पास है। वह बोली मैं जादू की रस्सी हूं। सामान्य बैग में मैं नहीं आ सकती।  जो बैग तुम्हे आगे जानें पर  मिलेगा बिना किसी से बात किए उस  बैग को उठा लेना। तुम अगर किसी भी जीव से बात कर लोगे तो मैं उन की हो जाऊंगी। मैं तुम्हारी कोई सहायता नहीं कर पाऊंगी। तुम बिना किसी से बात किए  जल्दी से रस्सी उठाने का प्रयत्न करना।  उस बैग में तुम रस्सी डाल दोगे तो कोई भी मुझे नहीं देख पाएगा।  आगे जानें पर भोलू जैसे ही बैग को उठाने लगा वहां पर बहुत से जीव जन्तु  बोले हम से ये बैग ले लो। उसनें किसी से बिना बात किए एकदम से रस्सी उठाई और बैग में डाल दी। उसके अतिरिक्त बैग किसी को भी दिखाई नहीं दे रहा था। बैग को लेकर आगे बढ़ता ही  जा रहा था उसे वहां पर एक तालाब दिखाई दिया। उसे प्यास भी बड़ी जोर की लग रही थी। वह पानी पीने ही लगा था कि उसे याद आया। यहां पर पानी पीना खतरे से खाली नहीं होगा वह चुपचाप वहां से बिना पानी पिए ही लौट पड़ा। रस्सी बोली शाबाश  यह जादू का तालाब था। यहां का पानी विषैला था। उसे वहां पर कुछ दूरी पर चलते हुए   एक विशाल खुबसूरत पहाड़ दिखाई दिया।। पहाड़ की चोटी पर बहुत ही सुन्दर  महल दिखाई दिया। वह मन ही मन बहुत ही खुश हो रहा था वह तो परियों के देश में पहुंच गया था। वह सोचने लगा कि  महल के अंदर कैसे जाया जाए? उसने देखा कि एक द्वार पाल पहरा दे रहा था। उसने सोचा उस से ही बात करके देखता हूं। अंदर जाने ही लगा था कि वह द्वारपाल बोला तुम यहां  तक तो  पहुच गए हो। यहां से अंदर जाना खतरे से खाली नहीं है उसने द्वार पाल को कहा कि मुझे पता है कि यह महल जादू की परी सोनपरी का है।  भोलू बोला मुझे अंदर जाने दो।  द्वार पाल बोला कि यह परियों का देश है।  मेरी आज्ञा के बिना यहां कोई  भी प्रवेश नहीं करेगा।

 भोलू बोला मैं अंदर घुस जाऊंगा तो तुम क्या करोगे?  मुझे जादू  की तलवार प्राप्त करना बहुत ही जरूरी है। द्वारपाल बोला  तुम्हें जादू की तलवार क्यों चाहिए? उसने अपनी सारी कहानी उस द्वारपाल को सुना दी।  द्वार पाल बोला कि मेरा बेटा भी एक दुष्ट  जानवर के चुंगल में है। उसे  छुड़ा लाना मेरा फर्ज है। द्वारपाल बोला मेरे बेटे को भी तुम जरूर वापस जादूगर के चंगुल गल से छुड़ा कर लेकर आओगे। तुम मुझसे वादा करो  कि तुम मेरे बेटे को छुड़ा कर ले आओगे। तभी मैं तुम्हें अंदर जाने दूंगा। भोलू बोला कि ठीक है जब मुझे जादू की तलवार मिल जाएगी तभी मैं तुम्हारी बेटे को भी छुड़वा दूंगा। द्वारपाल बोला कि उसने सोनपरी के पिता को और मेरे बेटे को पकड़ लिया है। परी के भाई  बाज बन कर  अपनें पिता का पता लगाने गए थे। पता करके वे वापिस आ गए है। एक बार परी के भाईयों नें बाज बन कर उस दुष्ट जादूगर को छटी का दूध याद दिलवा  दिया था। वहां से  हम दुष्ट  जादूगर को पडनें में कामयाब हो ही गए थें  कि उस दुष्ट जादूगर का  जूता नीचे गिरते देखा। हम जूता ढूंढनें ही लगे थे  तभी जादूगर अपनी तलवार हाथ में ले कर हम पर झपटनें  लग गया  था तभी हम नें देखा एक बूढे आदमी नें उस पर प्रहार किया इस से पहले वह बच पाता वह जादूगर उस बूढे के पीछे पड़ गया। उस पर अपनी लाठी से उस बूढे पर  प्रहार किया। हम उस जादूगर को पकड़नें ही वाले थे कि वह बूढा नीचे गिर पड़ा। हम उस को पकड़ पाते वह हमारी आंखों से ओझल हो गया। उन्होंने परियों को बताया कि उस दुष्ट जादूगर से छुटकारा पाने के लिए पहले उसके भाई से जादू की माला प्राप्त करनी होगी।   उसके भाई की शक्ति  तब समाप्त हो जाएंगी  और तब दुष्ट जादूगर कब्जे में आएगा।

द्वारपाल भोलू  को परी के पास ले जाकर बोला यह एक बहुत ही नेक इंसान है। मुझे आज कहीं जाकर वह मिला है। वह मेरे बेटे और तुम्हारे पिता को वापस जादूगर की कैद से लेकर आएगा। तुम जादू की तलवार उसको दे दो। परी बोली कि तुम्हें कैसे पता है कि वह नेक इंसान है।? उसने भोलू को अपने पास बुलाया और कहा कि तुम मेरे माता पिता को कैसे वापस लाओगे?।

भोलू नें अपनी सारी कहानी बता दी कि कैसे वह सात समुद्रों को पार करता हुआ यहां तक पहुंचा है।  मैं आपके पिता को जल्दी ही वापस ले कर आऊंगा। आपको मेरे ऊपर विश्वास रखना होगा। जादू की तलवार से उस दूष्टजादूगर जादूगर को मार दूंगा और जादू की तलवार तुम्हें वापस कर दूंगा। राजा को भी छुड़वा लूंगा। परी बोली कि  इस तलवार को आज मैं तुम्हें  सौंपती हूं। तलवार प्राप्त कर भोलू खुशी से  झूमनें लगा।

शेष अगले अंक में।

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