नंदन वन में बहुत सारे जानवर रहते थे। उस वन में पीपल के पेड़ पर दो चिड़िया रहती थी बिन्नी और चिन्नी। वे दोनों पक्की सहेलियां थी। उन दोनों के दो नन्हे नन्हे बच्चे थे,चन्गु मंगु टप्पू गप्पू । नंदनवन के पास ही एक स्कूल था। उसमें वन में रहने वाले जीव जंतुओं के बच्चे… Continue reading नसीहत
Category: Stories
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कब क्यों और कैसे
तीन दोस्त थे अंकित अरुण और आरभ। तीनों साथ-साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। वह तीनों 12वीं की परीक्षा के बाद पढ़ाई भी कर रहे थे। और नौकरी ढूंढने का पर्यास भी कर रहे थे। उनके माता पिता चाहते थे कि वे नौकरी करके हमारा भी सहारा बने। अंकित अरुण और आरभ तीनों मध्यम वर्गीय… Continue reading कब क्यों और कैसे
रहस्यमयी गुफा भाग(4)
गोलू ने अपने दोस्त को कहा कि वह काला नकाबपोश आदमी राजा का पता करता हुआ राजा के महल की ओर गया है। भोलू बोला कि तुम पता लगाकर आओ कि वो राजा के महल में जाकर क्या करता है? तुम वहीँ मेरा इंतजार करना मैं अपने माता पिता को जल्दी ही राजा के महल… Continue reading रहस्यमयी गुफा भाग(4)
चिन्टू का कमरा
किसी पहाड़ी की तलहटी पर एक छोटा सा गांव था। उसमें बिहारी बाबू अपनी पत्नी निर्मला और दो बच्चों के साथ रहते थे। बीनू बड़ी थी और चीनू छोटा था। चीनू छोटा होने के कारण घर में सबका लाडला था। मां बाप ने उसको इस कदर बिगाड़ दिया था कि वह हर काम को करने… Continue reading चिन्टू का कमरा
संस्कार
मान्या 12वीं कक्षा की छात्रा थी। वह दौड़ते दौड़ते अपने पापा के पास आकर बोली पापा पापा। उसके पापा उसे हैरान होकर देख रहे थे। वह बोली पापा मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं। वह बोले बेटी बोलो। क्या कहना चाहती हो? , वह बोली पापा हमारे पास सब कुछ है। मैं चाहती हूं आप… Continue reading संस्कार
छोटी सी दुनिया
आज भी रोशनी ऑफिस में अपने से निचले वर्ग के कर्मचारियों पर रौब झाड़ रही थी। रोशनी ने झुमकी को डांटते हुए कहा कि साहब के कमरे में ठीक ढंग से झाड़ू लगाया करो। यह क्या साहब की मेज पर तो चारों तरफ धूल ही धूल है। उसे भी साफ कर दिया कर। रुपए किस… Continue reading छोटी सी दुनिया
(टौमी की निकली बारात) कविता
टॉमी की निकली बारात। जंगल में सबके लिए थी खुशी की सौगात।। टॉमी ने जंगल के सभी जानवरों को था बुलाया। ठुमक ठुमक कर बैंड बाजे वालों के साथ खुशी से था इतराया।। लोमड़ी भी बधाई देने आई। उसके साथ उसकी सखियों ने आकर धूम मचाई।। बिल्ली भी लहंगा पहन कर आई। हिरनी नें भी… Continue reading (टौमी की निकली बारात) कविता
दर्द का रिश्ता
पारो वर्षा में भागी जा रही थी। उसकी बेटी बुख़ारी में तप रही थी। वह अपनी बेटी मुन्नी के लिए दवाइयों का इंतज़ाम करने जा रही थी। उस छोटे से घर में वह अपनी बेटी के साथ एक साल से रह रही थी। कोई नहीं जानता था कि पारो कहां से आई है? वह मेहनत… Continue reading दर्द का रिश्ता
(वीर बनों प्रतिभावान बनों तुम) कविता
वीर बनो, प्रतिभावान बनो तुम। विद्वान बनों, एक नेक इन्सान बनों तुम। जग में अपनी कीर्ती से अपना नाम करो तुम।। कठिनाइयां सहकर भी ताकतवर बनो तुम। अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से फलो-फूलो तुम।। अपनी हिम्मत और ताकत को तुम कभी मत खोना। सच्चाई के पथ पर निर्भर हो कर जीना।। अपने भाग्य के निर्माता… Continue reading (वीर बनों प्रतिभावान बनों तुम) कविता
छोटी सी भूल
लोकनाथ के परिवार में उसकी पत्नी एक बेटा और बेटी थी। यही उनकी छोटी सी दुनिया थी। दिन रात मेहनत करके जो मिलता उस से अपनी पत्नी निर्मला और बच्चों का पेट भरता था। लोकनाथ बहुत ही मेहनती था। वह सुबह सुबह हल लेकर खेत को जोतने निकल पड़ता था। उसकी पत्नी निर्मला अपने पति… Continue reading छोटी सी भूल