एक डाल पर बैठी चिड़िया।
पंखों को हिलाती चिड़िया।।
पेड़ों पर टक टक करती चिड़िया।
मधुर स्वर में गाती चिड़िया।
चीं चीं का राग सुनाती चिड़िया।
टूकर टूकर कर सब का ध्यान लुभाती चिड़िया।
एक डाल से दूजे डाल तक फुदक फुदक कर जाती चिड़िया।
एक डाल पर बैठी चिड़िया।
प्यारी और मनमोहक चिड़िया।।
भीगे पंखों से पानी को छिटकाती चिड़िया।
वर्षा का भरपूर आनन्द उठाती चिड़िया।।
अपनी ही धुन में गाती चिड़िया।
सब का दिल बहलाती चिड़िया।।
सामने दाना देख दानें पर ललचाती चिड़िया।
मुंह में पानी भर लाती चिड़िया।
अपनी जिह्वा पर काबू न कर पाती चिड़िया।।
दाने को पानें की खातिर फुर्र से उड़ जाती चिड़िया।
सामने देख शिकारी को भय से अकुलाती चिड़िया।।
नन्हे बच्चों को अपनें पंखों के बीच छिपाती चिड़िया।
डर से थर्रथर्राती चिड़िया।
दाना छोड़ कर ,डर के मारे अपनें बच्चों को प्यार से सहलाती चिड़िया।
एक डाल पर बैठी चिड़िया।
अपनी धुन में मग्न हो कर गाती चिड़िया।।
कंपकंपाती ठंड से बचने कि खातिर, पेड़ की शाखा पर बैठ जाती चिड़िया।
चूं-चूं चीं चीं कर के अपनें बच्चों को बुलाती चिड़िया।।
मधुर स्वर में चहचहाती चिड़िया।
सामने देख बच्चों को खुशी से आनन्द मनाती चिड़िया।।