दांतों की सफाई कविता

शाम, सवेरे जल्दी उठ मंजन कर जो हैं सोते।
वे जीवन में अपनें दांतों को कभी नहीं है खोते।।
वे दांतों को सुन्दर और मजबूत है बनाते।
अपने चेहरे पर हर वक्त खुशी है झलकाते।।
अपनें चेहरे कि खूबसूरती को और भी है बढाते।।
आंख में अंजन,दांत में मंजन ,नित कर नित कर।
नाक में उंगली,कान में तिनका मत कर मत कर।।
मसूड़ों कि मालिस हर रोज है, हित कर हित कर।।
दांतुन का उपयोग भी है , श्रेष्ठ कर, श्रेष्ठकर।।

दांतो की खूबसूरती से ही झलकता है चेहरे का आकार।
यह चेहरे में चांद चार चांद लगा कर खूबसूरती को देता है निखार।।
संतुलित विटामीन और मिनरल युक्तभोजन जो हैं खाते,
वे कभी भी बिमारी को न्योता दे कर नहीं बुलाते।।

फल सलाद और सब्जियां खा कर अपने दांतो और
मसूड़ों को मजबूत है बनाते।
अपनें चेहरे कि खुबसूरती को और भी है बढाते।।

सुबह सवेरे उठ , ब्रश कर ब्रश कर।
इसे अपनी आदत का हिस्सा बना, नित कर नित कर।।
मीठी-मीठी चीजों का प्रयोग है नाशकारी।
इससे बच कर रहने में ही है समझदारी।।

माता पिता के साथ प्यार प्यार से ब्रश कर हंस हंस कर।
खेल खेल में यह प्रक्रिया दोहरा,चेहरे पर खुशी के भाव झलका नित कर।।

फ़्रीज के पानी को ठुकराओ,सुराही को उपयोग में लाओ बच्चों।
गुनगुने पानी को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाओ।।
खेल खेल में इस प्रक्रिया को दोहराओ।
डाक्टर को दूर भगाओ।
अपने दांतो में कीड़ा लगने से बचाओ।

फ्लोराइड का सेवन दातों के लिए है घातक।
सही मात्रा में इसका सेवन है सार्थक।।

कैलशियम फास्फोरस और निश्चित मात्रा में फ्लोराइड वाली वस्तुएं ही उपयोग मे लाओ।।
हर वक्त खाते रहने की आदत को न अपनाओ ।
खाना चबा चबाकर खा पाचन शक्ति में सुधार पाओ।।

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