नन्ही चिड़िया मां से बोली।
मैं हूं तेरी प्यारी भोली।।
जल्दी से दाना देखकर मेरी भूख मिटाओ न।
कहानी सुनाकर मेरा दिल बहलाओ न।।
मां बोली ना कर शैतानी।
हर दम करती रहती मनमानी।।
नन्ही चिड़िया बोली अभी खेलने जाना है।
नन्ही चिड़ियों संग खेल खूब धमाल मचाना है।।
मां चिड़िया बोली तेरी एक नहीं चलेगी।
तू भी आज मेरे संग दाना चुगने चलेगी।।
भोली बोली मैं एक शर्त पर तेरे संग चलूंगी।
बाग में रंग बिरंगी तितलियों संग आंख मिचोली खेलूंगी।।
फूलों संग भी खेल खेल कर मन बहलाऊंगी। उनकी महक अपने मन मे जगाऊंगी।
मां बोली बेटा तुम्हारे अध्यापक अध्यापिकांए आज घर आएंगे।
तुझे खेलते देखकर मुझे समझाएंगें।।
भोली बोली मां मैं आज पढाई नहीं करुंगी।
आज तो मैं ढेर सारी मस्ती करुंगी।।
भोली बोली आज अध्यापिकांओं को बुलाओ न।
उनसे कह कर बस्ते का बोझ कुछ कम करवाओ न।।
मां बोली बेटा आज से तू पढाई लिखाई में मन लगाएगी।
तभी तेरी सारी इच्छाएं मां पूरी कर पाएगी।।
भोली खुश होकर बोली मां जल्दी से मुझे पढ़ाई करवाओ ना।
पढ़ाई करा कर मुझे और डराओ न।।
मां चिड़िया बोली शिक्षा रहित जीवन निर्थक।
शिक्षा सहित जीवन सार्थक।।
मां बोली शिक्षा बहुत जरुरी है।
- शिक्षा बिना जीवन अधूरा तुम्हे समझाना जरूरी है।।