बाग में सारे फूल मिलकर कर रहे थे संवाद। एक दूसरे के साथ नोकझोंक कर रहे थे विवाद।।
गुलाब आगे आकर बोला मैं तो हूं धरती का सबसे सुंदर फूल।
मेरे जैसा खुशबु दार कोई और नहीं है फूल।।
मेरे फूलों के रस से तरह-तरह के इत्र हैं बनाए जाते।
इन सब का उपयोग करके मानव खुशी से फूले नहीं समाते।।
मेरी पतियों से गुलाब जल भी है बनाया जाता। आंखों में डालने से यह ठंडक है पहुंचाता।।
गेंदा डेलिया चंपा जूही चमेली सभी फूल अपनी अपनी डफली बजाने लगे।
एक दूसरे को मैं बड़ा हूं मैं बड़ा हूं कहकर सुनाने लगे।।
सूरजमुखी बोला मैं हूं सबसे बड़ा सुंदर फूल। मुझ से उलझनें की न करना भूल।।
मेरे बीज से खाने का तेल है बनाया जाता। जिसको खाकर मनुष्य तंदुरुस्ती है पाता।।
मैं ही हूं फूलो में सबसे बड़ा।
कोई मेरे सामने आकर मुझसे नहीं लड़ा।।
कमल आगे आकर बोला मैं तो हूं राष्ट्रीय फूल। मुझे तो करतें हैं सभी कुबूल।।
मैं ही फूलों का राजा कहलाता हूं।
सभी लोगों के दिलों में अपनी धाक जमाता हूं।।
उन सब फूलों की बातें सुन रही थी एक तितली।
आगे आकर बोली। तुम्हारी बातें सुनकर मेरे मन से यह बात है निकली।
तुम सभी शांत होकर मुझसे नाता जोड़ो। अपना अहं दिखा कर एक दूसरे के दिल को मत तोड़ो।।
अपनी अपनी जगह पर तुम सभी हो खास। इसका तुम सब को क्यों नही हो रहा है आभास।।
बड़ा बनने के चक्कर में एक दूसरे पर कीचड तो मत उछालो।
एक दूसरे से बैर ले कर शत्रुता तो मत निकालो।।
तुम सब से ही तो है अस्तित्व हमारा।
तुम ही से तो है बाग का रूप निराला।।
तितली की बात सुन फूल आपस में बैर छोड़ कर एक दूसरे के गले मिले।
उस दिन के बाद कभी भी आपस में नहीं भिड़े।। ।