बेटियों को पढ़ाना है मकसद हमारा।
यही तो जीवन का यथार्थ है हमारा।।
कब तक अपने जीवन को दिलासा देते रहेंगे।
एक बेटे की तमन्ना में सब कुछ खोते रहेंगे।।
बेटियों को पढ़ाओगे तभी खुशहाल बन पाओगे।
दूसरों की बातों में ना आकर उनका भविष्य संवार पाओगे।।
बेटियाँ तो अपने घर की नींव को ऊंचाइयों तक ले जाती हैं।
अपने बिखरे घर को स्वर्ग बना कर दिखाती हैं।।
घर घर में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के इस मंत्र को दोहराओ।
हर बेटी को शिक्षा दिलाकर अपना फर्ज पूरा कर के दिखाओ।।
बेटियों को शिक्षा दिलाना ही फर्ज नहीं है हमारा।
उसकेअधूरे सपनों को पूरा करके उसके भविष्य को संवारना भी है फर्ज हमारा।।
बेटियां तो अपने घर की नींव होती हैं।
मां बाप के हर सपने को पूरा कर दिखाती हैं।।
उस के अरमानों का खून ना कीजिए।
हर एक बेटी के भविष्य को उज्जवल कीजिए।।
हर मां को अपनें गर्भ में पल रही बच्ची को बचाना होगा।
वहशी पापियों की शिकार मां को बचा कर उन को कड़ा से कड़ा सबक सिखाना होगा।।
वह एक दिन अपनी छवि से घर को महकाएगी।
जो काम बेटा न कर सका वह भी कर दिखाएगी।।
तुम उसे एक मौका दे कर तो देखिए।
उस की किस्मत को संवार कर तो देखिए।
वह भी सारे परिवार को रौशन करेगी।
अपनी मेहनत के बल पर उन्नति के शिखर पर पंहुच कर दिखाएगी।
अपनी खुशहाल जिंदगी को स्वर्ग बनाएगी।
सारे परिवार की किस्मत को चमकाएगी।।