हड्डियों और मांस पेशियों से मिलकर बना है यह शरीर।
मानव को आकृति प्रदान करने में सहायक होता है यह शरीर।।
मांसपेशियां शरीर के हिलने ढुलनें में सहायता है करती।
इसके बिना मानव की कोई नहीं हस्ती।
मस्तिष्क शरीर के सभी अंगो को नियंत्रित है करता।
यह तंत्रियों के माध्यम से है काम करता।
हृदय शरीर के सभी अंगो में रक्त पहुंचाने का काम है करता।
1 मिनट में 72 से 80 बार है धड़का करता।
फेफड़े हृदय, पेट गुर्दे, शरीर के आंतरिक अंग है कहलाते।
व्यायाम कर हम अपने शरीर को सुंदर और सुडौल बना पाते।
206 हड्डियों से मिलकर बनी है यह कंचन। 650 मांसपेशियों का निर्माण कर होता है इसका मंचन।
8 हड्डियों से मिलकर बनी है यह खोपड़ी। हेलमेट का काम देकर कर यह चोट लगनें पर सुरक्षित है बचाती।
धमनिया शरीर के सभी अंगो को खून है पहुंचाती।
शिराएं शरीर के सभी अंगो में रक्त वापिस है लाती।
गुर्दे शरीर से अप द्रव्यों को बाहर है निकालते। रक्त को शुद्ध करने का काम भी है करते।
तन्त्रिकाएं हमारे शरीर में सूचना है पहुंचाती।
यह बिजली के तारों की तरह जाल है बनाती।
बचा हुआ भोजन पेट में अवशोषित है होता।
भोजन के पचाने में मुंह है सहायता करता।
हम मुंह द्वारा कभी सांस नहीं लेंगें।
नाक द्वारा सांस लेकर धूल के कणों और कीटाणुओं को अन्दर घुसने नहीं देंते।
फेफड़े शरीर के लिए ऑक्सीजन लेकर हैं जाते,
और कार्बन डाईक्साईड हैं छोड़ते।
यह खून को शुद्ध है करते।।
टांग की ऊपर की हड्डी को फीमर हैं कहते।
शरीर की सबसे लंबी हड्डी भी इसी को है कहते।।
हृदय, फेफड़ों को चोट से भी बचाते हैं एक दर्जन पसलियों के जोड़े।
यह हमें सुरक्षा दे कर एहसास करवा कर हमें अपने साथ है जोड़े।।
वयस्कों में 24 और बचपन में 33 कशेरुकाओं है होती।
यह रीड की हड्डी भी है कहलाती।
चलना फिरना मुड़ना यह सब इन्हीं के कारण हम हैं कर पाते।
यह ना हो तो हम अस्थि कंकाल कहलाते।।