प्रत्येक राष्ट्र संघ का ध्वज है होता।
यह गौरव और सम्मान का प्रतीक है होता।।
राष्ट्रीय ध्वज केसरिया श्वेत और हरे रंग से है बना हुआ।
इस के मध्य में अशोक चक्र है लगा हुआ।।
हमारी धार्मिक स्वतन्त्रता का है प्रतीक।
इस तिरंगें में 24 शलाघाएं है लगी हुई।।
विभिन्न धर्मों में एकता और समभाव है दिखाती हुई।
तिरंगे के तीन रंग विशेष गुणों के है प्रतीक।।
ये तीनों अपनी अपनी जगह हैं सटीक।
केसरिया रंग उत्साह और वीरता को है दिखाता।।
यह हम मे उत्साह है जगाता। ।
श्वेत रंग उज्जवला सत्य और सांस्कृतिक श्रेष्ठता को है दिखलाता।।
यह शांति का वातावरण पैदा कर भाईचारे का संदेश है देता।
हरा रंग हरियाली वैभव श्री और संपन्नता का है प्रतीक।।
लहलाती फसलों के रंग और सम्पन्नता का है प्रतीक।
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र ध्वज फहराया जाता है।।
झंडा फहरा कर झंडे का मान बढ़ाया जाता है।
दोनों अवसरों पर इक्कतीस तोपों की सलामी है दी जाती।।
सेना की टुकड़ी या ध्वज का अभिवादन कर सम्मान है बढ़ाती।
देश के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों द्वारा झंडे का अभिवादन है किया जाता।।
हर एक स्कूलों के बच्चों द्वारा भी परेड में शामिल हो कर करतब है दिखाया जाता।
विभिन्न देशों के राजदूत ध्वजारोहण करते हैं। राष्ट्रध्वज के नीचे दिवंगत स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि है दी जाती।।
उन्हें सलामी देकर उनको याद करने की रीतोंरीत निभाई जाती।
हमें ध्वज की आन बान और शान कायम रखनी चाहिए।
इसके प्रति सदैव आदर तथा श्रद्धा व्यक्त करनी चाहिए।।
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सूर्योदय के वक्त ही झंडा फहराना चाहिए।सूर्यास्त के समय झंडा उतार देना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज को जमीन से स्पर्श नहीं करवाना चाहिये। जुलूस में ले जाते वक राष्ट्र ध्वज ले जानें वाले व्यक्ति के दाहिनें कन्धे पर ले जाया जाता है।महापुरुषों के निधन पर या सरकारी तथा गैर सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज झूका कर शोक व्यक्त किया जाता है।