27/9/2018
हमारा देश प्यारा प्यारा, सारे जग से न्यारा।
इस धरती पर जन्म ले कर हमनें, अपना जीवन संवारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई सभी धर्मों के लोगमिल जुल कर रहतें हैं।
एक जुट होकर सभी मिल जुल कर, हर उत्सव त्योहार मनाते हैं।
बैर भावना को मिटा कर सभी शांति ओर अमन का सन्देश फैलाते हैं
हमारा देश सुन्दर सुन्दर सारे जग से न्यारा। इस धरती पर जन्म ले कर हमनें अपना जीवन संवारा।
कहीं पर्वत कहीं मरुस्थल, कहीं कलकल बहती नदियां।
ऊंचे ऊंचे शिखर इसके सुन्दर सुन्दर डालियाँ।
धरती के अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य को बढाती इसकी नदियाँ।।
नदियां तृषित धरा को सरस बना देती है।
हरे भरे खेतों में परिवर्तित कर हरियाली ला देती है।
लंबे चौड़े वृक्ष इसके कितनी महकती कलियां।
रंग बिरंगी छैल छबीली इस की मनमोहक पतियां। ।
कितनी प्यारी कितनी सुंदर इसकी न्यारी कलियां।
हमारा देश बड़ा ही प्यारा सारे जग से न्यारा। इस धरती पर जन्म ले कर हमें अपना जीवन संवारा।
बर्फ के आच्छादित पर्वतश्रंखलाएं इसकी शोभा बढाती हैं।
पर्यटकों को लुभा कर इस देश की छवि को यूं ही दिन रात महकाती हैं।
हमारा प्यारा भारत कितना सुन्दर कितना न्यारा।
इस धरती पर जन्म ले कर हमनें अपना जीवन संवारा।
भारत के उतर में खड़ा हिमालय एक प्रहरी बन कर।
दक्षिण भाग तीनों ओर समुद्र से घिरा एक कर्मस्थली बन कर।
भारत की इस पुण्य धरती पर ऋषि मुनियों नें जन्म लिया।
रामकृष्ण बुद्ध, गुरु नानक जैसे महापुरुषों नें भी जन्म लिया।
इस पावन धरा को अपनें पुण्य कार्यों से कृतार्थ किया।
कवि तुलसीदास, कालीदास, सूरदास और मीरा की वाणी नें इस देश को प्रकाशित किया।
अपने काव्य की अलौकिक छटा से सब को मंत्र मुग्ध किया।
मेरा प्यारा देश भारत कितना सुन्दर कितना न्यारा।।
प्यारा प्यारा देश हमारा। सारे जग से न्यारा।
इस धरती पर जन्म ले कर हमनें अपना जीवन संवारा।