अच्छी आदतें भाग(2)मुहावरों का प्रयोग किया

 

10/12/2018.

रामू घर आकर बोला मां मेरे पेट में चूहे  हैं कूद रहे।

मां धमा चौकड़ी मचा कर परेशान है कर रहे।।

मां आकर बोली तू है मेरी आंख का तारा। प्यारा प्यारा राज दुलारा।।

पढ़ाई में  हमेशा ध्यान लगाना।

कक्षा में  इस बार भी अव्वल आ कर दिखाना।।

रामू बोला बहना से :-तू क्यों मुझ से झगड़ रही।

तू अपनी शेखी क्यों बघार रही।।

रेनु बोली भाई मेरे:- तू  तीन पांच मत कर। जल्दी से अपना काम कर।

झगड़ा कर अपना समय बर्बाद मत कर।।

“नौ दो ग्यारह हो जा”।

“तू काम का ना काज का दुश्मन अनाज का।।

इतनें में मां नें आवाज लगाई।

तुम दोनों की प्लेटें  मेज पर हैं लगाई।।

रामू आ कर मां से बोला जल्दी से खाना लाओ न।

इधर-उधर की बातों में मेरा समय गंवाओ न।।

मां बोली पहले साबुन से हाथ धो कर आओ। फिर खाने की प्लेट को हाथ लगाओ।।

गंदे तौलिए का इस्तेमाल मत करो।

हाथों को रगड़ रगड़ कर साफ करो।।

खाने को खुला मत छोड़ो।

ढक्कन लगाकर बीमारी से सदा के लिए रिश्ता तोड़ो।

गंदगी के कीटाणु ना फैलाएं।

डिटॉल फिनाइल का पोचा लगा कर फर्श को  खूब चमकाएं।। ़

बहना बोली भाई से :-नित्य ब्रश करने की आदत डालो

बहना का कहना कभी मत टालो।।

ना ज्यादा गर्म ना ज्यादा ठंडा खाना कभी मत खाओ।

खाना चबाकर खाने से ना हिचकिचाओ।।  ज्यादा तेल और मसाले का इस्तेमाल ना कीजिए।

जितना जरूरी है उन्हीं का उपयोग कीजिए।। कम नमक का इस्तेमाल कीजिए।

वर्ना उक्त रक्तचाप को दावत दीजिए।।

ज्यादा मीठा खाना सेहत के लिए हानिकारक गुड़ का इस्तेमाल है  हर उम्र में लाभदायक।।

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