भज सके तो भज ले राम नाम प्यारा।
पाछे फिर पछताएगा जब छुटेगा घर द्वारा।।
दाता इतना दिजीए,जितना निर्वाह होई जाए।
घर पे आया कोई पाहुना, भूखा न रहे जाए।।
कुटिल वचन न बोलिए,जो काया को करे तार तार।
मृदुल वचन जल रुप है ,बरसे अमृत धार।।
राम राम भज ले बन्दे,राम नाम अनमोल।
सियाराम भज कर ही तो ,जीवन में अमृतरस घोल।।जीवन में अमृत रस घोल।
आए हैं सो जाएंगे,राजा,रंक,फकीर।
अपनी अपनी करनी का फल भुगतेंगे सभी,
ये पत्थर की लकीर।ये पत्थर की लकीर।।
सीता ही राम राम,सीता ही भवानी।
भवानी ही रामराम,न समझे वो अज्ञानी।।
जनक सुता जग जानकी।
प्रिया प्राण “जान”की।
प्रिया प्राण जान की,
मधुर वचन है औशधि सब गुणों की खान।
पर को भी अपना बनाए यही सद्गुणों की पहचान।।
यही सद्गुणों कि पहचान।।
तिनका तिनका जोड़ कर मानव महल बनाएं।
तिनके कि महानता को हर कोई समझ न पावे।।
माला फेरते जुग भया फिरा न लालच का फेर।
जो लालच न करें,वहीं चखे अमृत बेल।।
वहीं चखे अमृत बेल।।
यश,वैभव, समृद्धि पाना चाहे हर कोई।
पुरुषार्थ करने को ,कोई न तत्पर होई ,कोई न तत्पर होई।।
🚩‼️जय श्री राम‼️🚩 🙏
🚩🔱हर हर महादेव 🔱🚩🙏
Jai shri Ram.Har har mahadev.
🚩🏹 जय भगवान परशुराम जी🏹🚩🙏
🚩🕉 जय भगवान परशुराम जी🕉🚩🙏