अम्बे मां

अम्बे मैया तुझे प्रणाम, तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम।
स्नेह सुधा बरसाने वाली,सभी जनों के कष्ट मिटानी वाली।
जीवन को समृद्ध बनाने वाली,तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम।।

भक्ति भाव का आवेश जगानें वाली,
अपनी दया-दृष्टि से सुख समृद्धि शांति बरसाने वाली।।
काम क्रोध,लोभ, अहंकार को मिटानें वाली।।
पूर्व पापों से छुटकारा दिलानें वाली।
अम्बे मैया तुझे प्रणाम ,तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम।।

अपनी ममता सभी जनों पर एक समान बरसानें वाली।।
जगत का बेड़ा पार लगानें वाली,
दुष्टों के चुंगल से सदा बचाने वाली।।
हे! करूणेश्वरी ,हे!हितेश्वरी, विश्वेश्वरी,
हे!जगदीश्वरी,परमेश्वरी,सर्वजगतकल्याणेश्वरी।।
तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम
बुरे व्यसनों से छुटकारा दिलाने वाली।
सभी विश्व जनों का हित चाहनें वाली।।

प्रेम,सेवा और विनम्रता से मन को शांति दिलाने वाली।
जीवन रुपी दीपक में सत्संग की ज्योत जगानें वाली।।
सदमार्ग कि राह दिखानें वाली,

दृढ़ निश्चय से जीवन को दिशा दिखानें वाली ।
सर्वत्र मंगलमय वातावरण उत्पन्न करनें वाली।
स्वास्थ्य एवं दीर्घायु प्रदान करनें वाली।
हृदय में नवीन उत्साह जगानें वाली।
हे! अम्बे, हेजगदम्बे, तुझे प्रणाम तुझे प्रणाम।।

जन्म मृत्यु के चक्कर में फंसे व्यक्ति को सच्ची राह दिखानें वाली।
मानवता के लिए त्याग और बलिदान की साक्षात मूर्ति बन कर ज्ञान पिपासा जगाने वाली।
हे! अम्बे, हे! जगदम्बे, हे! त्रियम्बिके ।
तुझे प्रणाम ,तुझे प्रणाम, तुझे प्रणाम।।

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