गिलहरी

मैं हूं गिलहरी मैं हूं गिलहरी।
कितनी सुनहरी कितनी रुपहली।
छोटे से मन वाली।
छोटे से तन वाली।।
क्षण में ऊपर।
क्षण में नीचे।।
फुदक फुदक कर मंडराने वाली।
मैं हूं गिलहरी मैं हूं गिलहरी।
कुतर कुतर कर फल खाने वाली।।
फलमटर और मूंगफली के दानों को खाने वाली।
फुदक फुदक कर एक कोने से उस कोने तक यू मटकने वाली।
मैं हूं लंबी पूंछ वाली।।
अपने नुकीले दांतों वाली।।
पेड़ों पर पाए जाने वाले कीड़े मकोड़ों को खाने वाली।

मैं हूं गिलहरी मैं हूं गिलहरी।
मैं हूं कितनी सुनहरी कितनी रुपहली।।
क्षण में ऊपर क्षण में नीचे।
फुदक फुदक कर इधर उधर मंडरानें वाली।।
नहीं किसी की पकड़ में आने वाली।

मैं हूं गिलहरी में हूं मैं हूं गिलहरी।
कितनी सुंदर कितनी प्यारी।।
अपनी अद्भूत छवि से सबको लुभाने वाली।

बडी बडी आंखों वाली

किसी के झांसें में न आने वाली।

Leave a Reply

Your email address will not be published.