चतुर गुड्डी

कुणाल और कनिका के घर में एक प्यारी सी बच्ची ने जन्म लिया। उन्होंने अपनी बेटी का नाम रखा रानी। प्यार से उसे गुड़िया कह कर पुकारते थे। गुड्डी 4 साल की हो चुकी थी। अपने मम्मी पापा से ना जाने कितने सवाल करती रहती थी? उसकी मम्मी ने कहा कि गुड्डी इधर आना। वह बोली मां बताओ क्या बात है? उसकी मम्मी बोली बेटा क्या तुमने मेरा मोबाइल देखा? वह बोली हां मेरे पास है। उसकी मम्मी बोली मेरा मोबाइल तुम्हारे पास क्या कर रहा है? वह बोली मैं यह देखना चाहती थी कि इस में आवाज कंहा से आती है? उसकी ममी नें बताया कि इस मोबाइल से हम किसी से भी बात कर सकते हैं। गुड्डी बोली हम कैसे बात कर सकतें हैं? उसकी ममी बोली अभी नंही। गुड्डी के पापा नें उसे बताया आओ बेटी मैं तुम्हें बताता हूं।हम कैसेससस बात करतें हैं? उन्होंने गुड्डी को सोफे पर बिठाया और उसे बताया कि हमें फोन करने के लिए एक नंबर डायल करना पड़ता है। मैंने आपको सारी संख्याएं लिखनी सिखाई है। उसमें संख्याएं होती है। हमें संख्याओं का एक कोड बनाते हैं। जैसे345678। ऐसे फोन में नंबर होते हैं। तुम्हारी मम्मी का यह फोन नंबर है उन्होंने उसकी मम्मी का फोन नंबर उसे बता दिया और कोर्ड भी बता दिया। वह चुपके-चुपके पापा के फोन से अपनी मम्मी के फोन पर बात करने लगी। उसे फोन पर बातें करने में बड़ा मजा आता था। एक दिन वह चुपचाप अपनी मम्मी को बिना बताए अपनी सहेली के घर चली गई। गुड्डी नें अपनी सहेली को कहा कि क्या तुम्हारे घर फोन है? उसकी सहेली ने उसे बताया हां मेरी ममी के पास मोबाइल है? गुड्डी बोली हां। तब तो मैं तुम्हारे घर में चल सकती हूं। वह वहां जा करखेलने में उसके साथ व्यस्त हो गई। ।
पिन्की बोली मेरी मम्मी तो मुझे बात ही नहीं करने देती। गुडडी बोली मेरी मम्मी नाराज हो गई होगी। वह पिन्की की ममी से बोली क्या आंटी मैं अपने घर फोन कर लूं? उसकी मम्मी इतनी छोटी मुन्नी की बात सुनकर हैरान हो कर बोली तुम्हें फोन करना आता है। वह बोली हां आंटी जी मेरे पापा ने मुझे फोन करना सिखाया है। उसने आंटी को कहा मोबाइल में नंबर डायल करना पड़ता है। उसे अपनी मम्मी का फोन नम्बर याद था। उसकी मम्मी ने कॉल करके बताया। गुड्डी की मम्मी घबरा रही थी कि गुड्डी आज बिना बताए कहा चले गई?

पिन्कु की मम्मी ने गुड्डी के घर फोन किया तुम्हारी बेटी हमारे घर पर है गुड्डी की मम्मी को तब कंही जा कर चैन आया। इतनी छोटी बच्ची अपने आप कैसे किसी के घर चली गई? शाम को जब गुड्डी घर आई उसकी मम्मी ने उसकी पिटाई की कि और कहा अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो। वह बोली मुझे कुछ नहीं हुआ।

तुम बहुत छोटी हो। इस दुनिया में कुछ लोग बड़े ही गन्दे होते हैं। छोटी छोटी लड़कियों का गलत फायदा उठाते हैं। उन्हे अपहरण कर के ले जाते हैं। गुड्डी बोली यह अपहरण क्या होता है? उसकी मां बोली बेटी तुम्हें चॉकलेट टॉफी का लालच देकर तुम्हें बहला-फुसलाकर अपने अड्डे पर ले जा सकतें हैं। गुड्डी बोली मां यह अपहरण क्या होता है? उसकी मम्मी बोली कि तुम्हें बांध कर बेहोश करके ले जाएंगे। तुमसे घर की सारी बातें पूछेंगे। तुम्हारे घर में कौन-कौन है। तुम्हारे पिता कहां काम करते हैं? तुमसे सारा सारी घर की पूछताछ करवा लेंगे। हमारे घर के एक एक चीज की जानकारी लेंगे अगर तुम्हें उन्हें नहीं बताओगी जैसे मेरे पास गहनें हैं बैंक पासबुक है गाड़ी है। गाड़ी का नंबर है। अगर तुम उन्हें नहीं बताओगी वह तुम्हें मार देंगे या तुम्हें किसी कमरे में बंद कर देंगे। तुमसे चोरी करवाएंगे। तुम्हारे हाथ भी काट सकते हैं। मुन्नी बोली मां। गाड़ी का नंबर क्या होता है? उसकी मम्मी बोली बेटा सब की गाड़ियों का नंबर अलग होता है उसकी ममी नें जब उसके पापा गाडी ले कर शाम को घर आए उसे गाडी का नम्बर दिखाते हुए कहा यह होता है गाडी का नम्बर। । फोन नंबर भी अलग-अलग होता है। उसने अपने और उसके पापा का मोबाइल का नम्बर उसे दिखा दिया। घर के लोग भी अलग है। मैं तुम्हें सब कुछ बताऊंगी। क्योंकि हम हर समय तो हम घर पर नंही रहते। हमें औफिस भी जाना पडता है।
घर में भी नहीं रहते। तुम्हें आया के भरोसे घर में छोड़ जाते हैं। गुड्डी के मम्मी पापा ने उसे बताया कि कोई झूठी मूठी फोन कॉल करके तुम्हें फुसला सकता है। वह बोली मां फुसलाना क्या होता है? बेटा बेटा बेवकूफ,, बनाना।

जैसे एक बार मुझे किसी ने फोन किया कि मैं तुम्हारे पति का दोस्त राजेश बोल रहा हूं। मैंने कहा कि मेरे पति का नाम बताओ। उस व्यक्ति ने मेरे पति का नाम ठीक बताया। उसने झूठ-मूठ में ही कहा कि तुम्हारे पति का एक्सीडेंट हो गया है। मैं हड़बड़ा कर भागती जा रही थी। तभी मुझे ख्याल आया कि कहीं वह मुझे फुसला तो नहीं रहा है। मैंने उस अजनबी से कहा कि मेरे पति किस हॉस्पिटल में एडमिट है? गुड़िया बोली कि यहएडमिट क्या होता है उसकी मां को उन अजनबी लोंगों नें बताया कि उन्हें बहुत चोट लगी है। वह गांधीअस्पताल में उनको रखा गया है। एडमिट का मतलब होता है कि वहां पर रखा गया है। मैंने अपने आप को संभाला और उस अस्पताल जाने के लिए तैयार हो गई। तुम्हारे पापा के दोस्त उनका घर उस अस्पताल के पास ही था। मैंने उन्हें फोन मिलाया और कहा अभी कुछ लोंगों का मुझे फोन आया उन्होंनें मुझे बताया कि तुम्हारे पति का ऐक्सिडैंन्ट हो गया है। मैं बहुत घबरा गई। भाई साहब यह खबर सुन कर मेरे होश ही उड गए। आप जल्दी अस्पताल में जाकर देख आइए। भाभी जी आप डरो नहीं। मैं अभी जा कर पता करता हूं।

मैं भागी जा रही थी मैंने अस्पताल पहुंचने के लिए बस ले ली। बस में बैठी हुई थी कि तभी तुम्हारे अंकल का फोन आया। भाभी जी मेरी अभी तुम्हारे पति से बात हुई। वह तो बिल्कुल ठीक है। कोई तुम्हें फुसला रहा है? गुडडी बडे ध्यान से अपनी ममी की बात सुन रही थी।

तुम सीधे घर जाओ। अगर उस व्यक्ति का फिर से फोन कॉल आए तो उसका नंबर नोट कर लेना और बता देना कि मैं यहां पर तुम से मिलना चाहती हूं। तुम एक स्थान चुन लेना। उसी व्यक्ति का तभी फोन कॉल आया। जिसने पहले फोन किया था कि आपके पति का एक्सीडेंट हो गया है। उसने कहा कि बहन जी आप जल्दी आ जाओ। आप कहां हो? आप डरो मत। हमने उन्हें गांधी अस्पताल पहुंचा दिया है। आप पोस्ट ऑफिस के बूथ के पास आ जाओ।

गुड्डी हैरान होकर अपनी मम्मी की बात सुन रही थी। बेटा वह कोई अपहरणकर्ता थे। जब मैं वहां पहुंची तो उसे मालूम हो गया था कि मुझे सब कुछ पता चल चुका है। वह वहां से नौ दो ग्यारह हो चुका था। उसे पता चल चुका था कि मैं उन्हें पुलिस में पहुंचा दूंगी। मुन्नी बोली यह पुलिस क्या होती है? उसकी मां बोली बेटा पुलिस वालों का नंबर 100 होता है। जब इस नंबर को दबाया जाता है तब पुलिस आ जाती है। और चोर को पकड़ लेती है।

मुन्नी बोली आपको कैसे पता लगता है कि यह चोर है। वह बोली कि चोर पहले प्यार प्यार में तुम से तुम्हारा नाम पता पूछेगा। वह तुम से मेलजोल बढ़ा लेगा। तुमसे कहेगा मैं तुम्हारा दोस्त हूं। यहां पर मिलने आ जाना। तुम घर में किसी को कुछ भी मत बताना।

घर में किसी भी व्यक्ति को जब तक दरवाजे में लगे लैंन्स में से ना देख लो तब तक किसी भी अजनबी को अपने घर का दरवाजा नहीं खोलते जब तक तुम्हें उस व्यक्ति के बारे में जानकारी ना हो। वह बोली अच्छा मां।

मेरे सामने कभी चोर भी आ जाएगा तो भी मैं उस से कभी नहीं डरूंगी। उसके मम्मी पापा ने उसे बताया कि अगर तुम्हें कोई कहे कि तुम्हारे मम्मी पापा का फोन है तो तुम बिल्कुल भी डरना मत उसका निडर हो करके सामना करना और कहना कि पहले मेरे मम्मी का कोड नंबर बताओ। जब तक वह कोड नंबर नहीं बताएं तब तक तुम उसकी बातों पर कभी भी विश्वास नहीं करना। क्योंकि यह कोर्ड नंबर हम तीनों के अतिरिक्त किसी को भी पता नहीं है। मैं यह कोड नंबर आज तुम्हें बताती हूं। तुम अपने मन में इस कोड को याद कर लेना। वह बोली मां ठीक है। उन्होंने मुन्नी को एक सीक्रेट कोड बता दिया।।

उन्होंने बताया कि हमारे अलावा किसी को भी यह कोर्ड नहीं मालूम होगा। एक बार गुडडी के मम्मी पापा घर पर नहीं थे। घर पर आया के पास बंटी और गुडडी थे। आया बोली बेटा मैं थोड़ी देर के लिए कुछ सामान लेने जा रही हूं। नीचे ही दुकान है। मुझे दस पन्द्रह मिनट से ज्यादा समय नहीं लगेगा। तुम अंदर से दरवाजा मत खोलना। जब तक मैं तुम्हें ना कहूं। गुड्डी बोली आप अपना कोड बता दो। आप का क्या कोड है? आया बोली यह कोड क्या होता है।गुडडी बोली आप नहीं समझोगे। आया बोली ठीक है ।

आया दुकान पर सामान लेने चली गई किसी गैंग के गिरोह ने गुड्डी के घर का नंबर देख लिया था। उन्होंने मुन्नी के घर का दरवाजा खटखटाया। मुन्नी नें देखा। उसने घर की कुंडी भी लगाई नहीं हुई थी। उसने जल्दी में कुर्सी पर चढ़कर दरवाजे की कुंडी लगा दी। गुडडी ने कुर्सी पर चढ़कर दरवाजे के लैंन्स से झांका। दो बड़े-बड़े अजनबी थे। वह डर रही थी। उन्होंने फिर से दरवाजा खटखटाया।

उसने अपने भाई को दूसरे कमरे में जाने के लिए कहा। उसने अपने भाई के कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। उसने उन दोनों को दरवाजा नहीं खोला। जब आंटी ने आकर आवाज लगा कर आंटी कहा। मुनि ने फटाफट दरवाजा खोला।

उसने अपनी सारी घटना अपने मम्मी पापा को सुनाई। उसके मम्मी पापा बोले हमारी बेटी तो बड़ी दिलेर है। वह बड़ी होकर पुलिस इंस्पेक्टर बनेगी।

मुन्नी पड़ोस में खेलने चली जाती थी उसकी मम्मी उसे घर के पास तो खेलने जाने देती थी। एक दिन पडोस की आंटी ने गुडडी को कहा कि अपनी सहेली के साथ जाकर पास के होटल से दही ले आओ। मुनि के मम्मी पापा घर पर नहीं थे। जब वह दही लेने गई तो एक अजनबी व्यक्ति ने अपने पास गुडडी को बुलाया और कहा बेटी मैं तुम्हारा अंकल हूं। तुम्हारे पापा का दोस्त हूं। वह बोली मैं तो अपने पापा के सभी दोस्तों को जानती हूं।

अंकल बोले बेटा आपके मम्मी पापा ने कहा है कि आज हमें आने में देर हो जाएगी। तुम ही गुड्डी को लेकर आ जाना। वह बोली ठीक है अंकल। अच्छा आप यह बताओ आप का क्या नाम है? उस व्यक्ति ने अपना नाम बता दिया गुडडी बोली अंकल आप कहां के रहने वाले हो? वह अजनबी बात को टाल कर बोला तुम्हारी मम्मी बैंक में काम करती है। वह बोली हां अंकल। तुम्हारे पापा बिजली विभाग में काम करते हैं। वह बोली अंकल हां ठीक है।

तुम हमारे साथ चलो वह बोली ठीक है। मैं आपके साथ चलूंगी। मम्मी ने कहा है कि किसी भी अजनबी से बात नहीं करते। आप पहले मुझे मेरी मम्मी का फोन नंबर बताओ बेटा मैं तुम्हारी मम्मी का तो क्या मैं तुम्हारे पापा का फोन नंबर भी बताता हूं। उसने उसके मम्मी पापा का फोन नंबर उसे बता दिया।

मुन्नी को याद आया कि उसकी मम्मी ने उसे एक सीक्रेट कोर्ड नंम्बर बताया था। वह बोली मेरे मम्मी पापा का सीक्रेट कोड नंबर बताओ वह हैरान होकर उस छोटी सी बच्ची की तरफ देखने लगा। तभी बात बदल कर बोला लो बेटा अपनी मम्मी से बात करो।

मुन्नी को पता चल गया था कि यह कोई अजनबी अंकल है। वह उन्हें कोड नंबर नहीं बता रहा है। उन्होंने बताया था कि यह हमारे अलावा किसी को भी मालूम नहीं होगा।

अंकल मैं अपनी सहेली के यहां दूध दे कर आ जाऊं नहीं तो इसकी मम्मी नाराज होगी। वह बोले ठीक है बेटा। हम तुम्हारा यही इंतजार करते हैं। वह जल्दी से आंटी के घर पर गई आंटी को सारी बात बताई। उसकी आंटी बोली की बेटी तू डर मत। मैं भी तेरे साथ चलती हूं।

तू बात कर लेना देखना तुम्हारी मम्मी की ही आवाज है या नहीं। उसके पति का फोन आया। शिखा अपने पति से बोली कि कनिका ऑफिस में ही है। वह बोला हां यहीं पर है। तुम्हें उससे क्या काम है। वह बोली कि मेरी उससे बात करवाओ। उसके पति ने कनिका के पास फोन दे दिया। शिखा ने कहा कि अभी तुम्हारी बेटी को किसी अजनबी ने कहा कि तुम्हारी मम्मी पापा का फोन है। उन्होंने तुम्हें बुलाया है। वह यह भी कह रहा है कि आप लोग आज देरी से घर आएंगे। इसलिए वह गुड्डी को कह रहा है अपनी ममी से बात करो।
कनिका बोली आप मेरी बात मेरी बेटी से करवाओ। कनिका बोली बेटा मैंने तुम्हे समझाया था कि कोई भी तुम छोटे छोटे बच्चों को अकेला जानकर नादान समझ कर तुम्हे कोई भी फुसला सकता है। गुड्डी बोली मुझे पता लग गया था कि वह
अंकल मुझे बेवकूफ बना रहें हैं। मैंने सौ नम्बर डायल कर दिया है। पुलिस आती ही होगी।

मैं तब तक उन्हें बातों में उलझा कर रखती हूं। गुड्डी नीचे आ कर बोली अंकल मेरी ममी से बात करवाओ। वह बोला लो बेटा अपनी ममी से बात करो। गुड्डी नें जैसे ही फोन उठाया वह हैरान थी। आवाज तो उसकी ममी की ही थी। आवाज साफ नही आरही थी। वह बोला है न आपकी ममी की आवाज। गुड्डी बोली आवाज तो ममी की है। आंटी भी नीचे पंहुच कर दूर से उसे देख रही थी। गुड्डी सोचने लगी मेरी ममी की आवाज फोन में से चुरा कर इस में डाल दी होगी यह तो बहुत चालाक अंकल है

नीचे आने से पहले गुड्डी नें आंटी को कहा आंटी मैं रसोई में जाकर कर पानी पी लेती हूं। शिखा आंटी बोली बेटा यह भी कोई पूछनें की बात है जा कर पानी पी ले। गुड्डी नेंजल्दी से पानी पिया तभी उसके नन्हे से दिमाग में एक योजना आई। उसने मसालादानी से बहुत सारी लाल मिर्ची का पाउडर जेब में डाल लिया था। गुड्डी ने कहा मुझे मेरी ममी की साफ आवाज सुनाई नंही दे रही है। वह दही देखने वाले अंकल को बोली अंकल शायद अंदर वाले कमरे में सिग्नल होगा। वही चल कर बात करती हूं। वह अजनबी बोला क्यों नंदी अन्दर चल कर बात कर ले। वह अन्दर वाले कमरे में बात करने चली ग्ई। जैसे ही मोबाइल गुड्डी के हाथ में पकड़ाया उस अजनबी को दूसरे मोबाइल पर फोन आया। गुड्डी को साफ सुनाई दिया देरी क्यों कर रहे होजल्दी आओ।
गुड्डी नें तभी मिर्ची का पाउडर उस अजनबी की आंखों में छिड़ दिया। उसका दूसरा साथी बाहर सेक्स से बात कर रहा था। जैसे ही वह अपनी आंखों को मलने लगा गुड्डी ने जल्दी से उस होटल का किराया बंद कर दिया और होटल वाले अंकल को कहा जल्दी तारा लगा दो। इस से पहले ले होटल वाला कुछ समझता पुलिस वह आज पंहुच ग्ई। उन्होंने उन गैन्ग के लोंगों को गिरफ्तार कर लिया। गुड्डी को गोद में ले कर बोला कौन कहता है बेटियां बहादुर नहीं होती यही तो हमारे घरों का नाम रौशन करती हैं। इन्हें शिक्षा से वंचित नंही रखना चाहिए। गुड्डी के ममी पापा अपनी बेटी की बहादुरी पर बहुत खुश हो कर बोले यह बेटी किसी बेटे से बढ कर ही है। वक्त पडनेपर यह किसी भी मुश्किल का सामना करनें के लिए तत्पर रहती हैं। गुड्डी को उसकी बहादुरी के लिए उसे सम्मानित किया गया। उसे पचास हजार रुपये ईनामस्वरुप दिए गए। वह बडी हो कर एक पुलिस इन्सपैक्टर बनी।

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