नन्हे शिक्षक

स्कूल में सभी बच्चे पिकनिक पर जाने के लिए आयोजन कर रहे थे। सोनाली पिंकू राजू और रवि यह अपने ग्रुप के लीडर थे। वे सब साथ-साथ चल रहे थे। मैडम ने उन्हें हिदायत दी थी कि सब बच्चे एक साथ घूमने चलेंगे। कोई भी बच्चा अकेला कहीं बाहर नहीं जाएगा सारे बच्चे छोटी छोटी उम्र के थे।

 

पिकनिक स्थल पर चलकर खाना खाने के लिए बैठ गए। एक बाग में विश्राम कर रहे थे वहां पर एक और बैठ कर खाना खा रहे थे। पिंकू रिंकू बहुत ही शरारती थे पिंकू ने देखा कि उनकी बगल में एक दंपत्ति बैठा हुआ था वह लोग भी खाना खा रहे थे। पिंकू ने देखा उस महाशय जी ने खाना खाने के बाद खाने का डिब्बा और कागज वहीं के वंही पड़े रहने दिए। यह सब पिंकू देख रहा था बोला मैडम एक मिनट में मैं वहां जा सकता हूं क्या? मैडम ने सोचा वह लघुशंका जाने की बात कर रहा है।?

 

वह दौड़ कर उस परिवार के निकट जाकर बोला आप बड़े लोग हैं। जब खाना खाने के बाद कागजों को खाना खाने की प्लेट को  उठाओगे नहीं तो बच्चे भी आपसे यही सीखेंगे। अंकल जल्दी से आप इन फेंकी हुई कागजों को अपने थैले में भर दो। रिंकू भी पास चला आया बोला मैडम’ मैं अपने दोस्तों को लेने जाऊं। मैडम ने पिंकू की सारी बातें सुन ली थी।

रिंकू के पास यकायक अचानक तेजी से गाड़ी आकर रुकी। रिंकू ने अपने आप को संभाला बोला अंकल आप गाड़ी इधर उधर देख कर चलाया करो,। आपने क्या मुझे नहीं देखा। आपने तो मुझे आज मार  ही दिया होता उसने पिंकू को डांटते हुए कहा चल हट मुझे सिखाता है। वह आदमी तेजी से गाड़ी को भगाकर ले गया और सामने  आगे खंभे में उसकी गाड़ी टकरा गई। उसको लोगों ने पकड़कर अस्पताल पहुंचाया।

 

रीन्की ने मैडम से शौचालय जाने को कहा। मैं शौचालय जाना चाहती हूं। मैडम ने कहा बेटा हमें शौचालय करने के लिए-बाहर नहीं जाना चाहिए। पास में ही साथ चलना होगा। मैडम उन सभी बच्चों के साथ पैदल चलने लगी पगडंडी वाले रास्ते से सभी बच्चे चले गए। उन सब बच्चों ने देखा कि पास ही बाहर दो-तीन लोग एक होटल के बाहर शौचालय जा रहे थे जब वे उठे तो बच्चों को अचानक देखकर शर्म से पानी-पानी हो गए। पीन्की  बोली  अंकल आपको पता नहीं बाहर शौच करना कितना हानिकारक है? आपने शौच करने के उपरांत उस पर मिट्टी नहीं डाली। हमारी मैडम हमें बताती है कि खुले में अगर   शौच जाना ही पड़ जाए तो उस पर मिट्टी डाल देनी चाहिए। अंकल आप वहां जा कर उस पर मिट्टी डाल कर आओ नहीं तो मैं आपकी यह बातें सबको बता दूंगी। मैडम जी रिंकी की सारी बातें सुन ली थी.।

मैडम ने तीनों बच्चों को अपने पास बुलाया और कहा हम घर पहुंचने ही वाले हैं।

पास में ही सोनाली का घर है उसके घर में जाकर चाय पीते हैं। नानी के घर पर उसकी मम्मी  की सहेलियां  चाय पीने का मजा ले रही थी। मैडम ने कहा मुझे भी बड़ी जोरों की भूख लगी है। हम सब भी उसके घर ही चाय पीएंगे।

 

सोनाली की ममी की सहेली ने कहा मुझे अपने बच्चे को दूध पिलाना है। सोनाली की मां ने कहा किचन में चली जाओ। अपने बच्चे को दूध पिलाने के बाद वह कमरे में आ गई थी उसने दूध को हीटर पर गर्म किया और उसने हीटर को बंद नहीं किया। पानी का नल भी खुला रखा। सभी सहेलियों ने चाय पीने के बाद वही कागज के टुकड़े फेंक दिए थे।  सोनाली का घर एकदम कूड़े कचरे का डिब्बा लग रहा था। सोनाली आ कर बोली आपने अंदर हीटर बंद नहीं किया। वह भी खुला रहने दिया और सभी आंटियों को  कहा कि आपने खाने की मेज पर अच्छे ढंग से पकौड़े नहीं खाए। पेपर प्लेट रोल करके एक कोने में फैला दी। आप सब तो हमसे बड़े हैं आप लोग हमें नहीं सिखाएंगे तो हम कैसे सीख पाएंगे आप अपने घर को भी क्या ऐसा ही रखती हैं दूसरे के घर को भी अपने घर जैसा समझना चाहिए। हमारी मैडम ने हमें सिखाया है सारी सहेलियों को बच्चे की बातों में सच्चाई नजर आई वह बोली एक छोटी सी बच्ची की सीख ने उन्हें सही कदम उठाने को मजबूर कर दिया है।

 

मैडम ने बच्चों को चलने के लिए कहा हम सब पगडंडी के रास्ते से चलते हैं क्योंकि वहां पर ज्यादा ट्रैफिक है। बच्चे पगडंडी के रास्ते से चलने लगे। जगह-जगह पेड़ गिरे थे पास बिजली की तारे नीचे गिरी  थी। मैडम ने बच्चों को कहा कि मेरी बात ध्यान से सुनो शायद वहां कोई बच्चा गिरा है। उसे बिजली की तार से करंट लग गया था। मैडम बोली पहले उसे अस्पताल पहुंचाते हैं अभी इसकी सांसे बाकी है। जल्दी से उन्होंने उस बच्चे को अस्पताल पहुंचाया हमें कभी भी रास्ते में गिरी हुई बिजली की तारों को नहीं छूना चाहिए। उसमें करंट होता है इस बच्चे ने भी शायद इसे छू लिया होगा। बच्चें को तो बचा लिया गया।

 

जब सारे बच्चे उस बच्चे को देखने आए पास में ही  एक बिस्तर पर  उस इंसान को देखकर रिंकू चौका  बोला अंकल मैंने आपको कहा था कि गाड़ी ध्यान से चलाओ। आपने मेरी बात की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। अंकल ने उसकी ओर देखते हुए कहा  बेटा आज मैंने तुम्हारी बातें गांठ में बांध ली है। तुम्हारी बात को पहले ही समझ लेना चाहिए था जब इंसान के   स्वयं पर गाज गिरती है  तब उसे सही जानकारी होती है । बेटा ‘“धन्यवाद नन्हे  शिक्षकों  तुम्हीं में हमारे देश का भविष्य सुरक्षित है।

Posted in Uncategorized

Leave a Reply

Your email address will not be published.