प्रकृति से प्यार करना सीखो।

प्रकृति ने ही हमें कण कण में परोपकार करना सिखाया।
उस की गोद में खेल खेल कर हम सब नें अपना बचपन बिताया।
अपनें बचपन के क्षणों का अद्भुत आनन्द उठाया।।
प्रकृति कि खुबसुरती को निहार मंत्र मुग्ध हो जाऊं।।
पौधों को खिलता देख कर के मैं शुद्ध वातावरण में रम जाऊं।
प्रकृति से जुड़ी हर चीज से जीवन में खुशहाली पाऊं।
नदियों, पेड़ों, पर्वतों कि छटा का मनमोहक आनन्द उठाऊं।।
हरी भरी लहराती खेती, चन्द्रमा से शीतलता, समुंद्र से वर्षा का अद्भुत तोहफा प्रकृति से ही हमनें पाया।

प्रकृति नें ही नदी कि कल कल धारा और झरनों को छलकाया।
कुदरत ने पेड़ों,फलों कि महकती खुशबू को चारों ओर बिखराया।
हवा के झौंकों नें शुद्ध वातावरण का आवरण चारों ओर फैलाया।
प्राणियों को प्रकृति कि गोद में विचरण करने का सुनहरा अवसर दिलाया।।
प्रकृति मां की सेवा करने का भरपूर आनंद उठाओ।
एक एक पौधा लगा कर अपनें जीवन कि दिशा में चार चांद लगाओ।
बागवानी से नाता जोड़ कर अपने आत्म विश्वास में वृद्वि लाओ।
औरों को भी इस काम के लिए प्रोत्साहित कर समृदधि और यश पाओ।।
यदि पेड़ों और फूलों को नष्ट करने से बचाओगे
बच्चों को भी प्रकृति से जुड़ना सखाओगे।
इससे शरीर लचीला ओर सुडौल, बनाओगे।
ताकतवर बन, सेहत में सुधार लाओगे।
वृद्धों में अकेले पन को दूर कर,
उन के मन में शान्ति का भाव जगाओगे।
उन से सुखी होने का आशीर्वाद पाओगे।
तुम जीवन में यश समृद्धि और वैभव सभी पाओगे।।

शुद्ध वातावरण और ताजी हवा कि महक, मनुष्य में जीने के अंदाज को है बढ़ाता।
पौधौं से प्यार कर के उन में भी खुशी भरा माहौल है जगाता।।

प्रकृति को तहस-नहस करना नहीं हो विकल्प हमारा।
उस से जुड़ी हर चीज का सम्मान करना हो संकल्प हमारा।।
बागवानी को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बना डालो।
प्रकृति से प्यार करके इसे अपनी जिंदगी का सुनहरी किस्सा बना डालो।।
प्रकृति से जुड़ कर इन्सान शारीरिक और मानसिक शक्ति है पाता।
दिन भर कि थकान को मिटा कर चुस्ती और तन्दरूस्ती है पाता।
सकारात्मकता का भाव है जगाता।
अवसाद को दूर है भगाता।।
उसका मस्तिष्क अच्छे काम करनें की उमंग है जगाता।‌
प्रकृति को नज़दीक से है महसूस कराता।
और अपनों में अपनत्व कि मिठास घोल खुशी से गले है लगाता।
अपना अद्भुत करिश्मा कर हरेक प्राणी में विश्वास की ज्योत है जगाता।
मन में सच्ची शान्ति का आभास है करवाता।।
प्रकृति से खिलवाड़ करने पर ,प्रकृति विनाश कि ओर ले जाती है।
घोर तांडव कर मानव के दुष्कृत्य के लिए उसे सजा दिलवाती है।
पेड़ों को काटने,नदियों में कूड़ा कचरा फैंकने,
कारखानों में रसायनों व गैसों का छिड़काव ,
ये सभी कारक विनाश का रास्ता दिखाते हैं।
व्यक्ति को कड़ा सबक सिखा ,सही राह पर लाते हैं।
प्रकति तो है धरा कि बहुमुल्य धरोहर,
इसका सम्मान करना है श्रेयस्कर।।






















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